कानपुर के शुभम द्विवेदी की 2 महीने पहले हुई शादी, पत्नी संग हनीमून पर गए थे पहलगाम… आतंकियों ने नाम पूछकर मार दी गोली!


कानपुर के शुभम द्विवेदी की कश्मीर में पत्नी संग घुड़सवारी करते समय आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। परिवार में मातम पसरा।


शादी के दो महीने बाद पत्नी संग घूमने निकले थे कश्मीर, आतंकियों ने रची खूनी साजिश
कानपुर के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट निवासी शुभम द्विवेदी ने दो महीने पहले ही एशान्या संग सात फेरे लिए थे। शादी के बाद उन्होंने कश्मीर की खूबसूरत वादियों में हनीमून मनाने की योजना बनाई और 18 अप्रैल को पूरे परिवार के साथ निकल पड़े। उन्हें क्या पता था कि ये यात्रा उनकी ज़िंदगी की आखिरी बन जाएगी। पहलगाम की शांत वादियों में घुड़सवारी करते समय, आतंक का काला साया उन पर मंडरा चुका था।

पत्नी के सामने सिर में मारी गोली, चीखती रह गई एशान्या
मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे शुभम और उनकी पत्नी एशान्या पहलगाम में घोड़े पर सवार थे। अचानक सेना की वर्दी में कुछ संदिग्ध लोग उनके पास आए। उन्होंने शुभम से उनका नाम पूछा और जैसे ही उन्होंने ‘शुभम’ कहा, तुरंत ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। एक गोली सीधे उनके माथे पर लगी। एशान्या चीखती रही, लेकिन सब कुछ पलक झपकते खत्म हो गया।

पति को खून से लथपथ देख बेहोश हुई पत्नी, अस्पताल में भर्ती
शुभम के ज़मीन पर गिरते ही एशान्या बेहोश हो गईं। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने तत्काल उन्हें उठाया और अस्पताल में भर्ती कराया। शुभम के शव की पहचान शाम साढ़े छह बजे हुई जब पिता को खबर दी गई। पिता समेत पूरा परिवार घटनास्थल पर पहुंचा तो सब कुछ बर्बाद हो चुका था।

परिवार के 11 लोगों संग गए थे कश्मीर, लौटना था 23 अप्रैल को
शुभम अपने पूरे परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। शादी के बाद यह उनका पहला पारिवारिक ट्रिप था। 23 अप्रैल को लौटने की योजना थी। लेकिन उस से पहले ही आतंकवाद ने उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा दिया।

गांव में पसरा मातम, घर के बाहर लोगों की भीड़
कानपुर के हाथीपुर स्थित उनके मूल गांव चंदनपुर चक्की में जैसे ही यह खबर पहुंची, पूरा गांव सदमे में डूब गया। उनके चाचा ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी ने बताया कि शुभम बहुत ही सरल और मेहनती युवक था। वह अपने पिता के साथ एक सीमेंट कंपनी में नौकरी करता था।

कांबिंग ऑपरेशन तेज, गृहमंत्री ने लिया घटनास्थल का जायजा
इस हमले में कुल 16 पर्यटकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और 20 से अधिक लोग घायल हैं। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरे पहलगाम इलाके को घेर लिया है। आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद मौके पर पहुंचे और जवानों से बातचीत की।

शुभम के भाई ने बताया- एशान्या ने दी सूचना, बोलीं- “वो मेरे सामने मर गया…”
घटना के बाद शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने बताया कि हमें जानकारी एशान्या से मिली। वह किसी तरह होश में आई और फोन से परिवार को सूचना दी। उसका सिर्फ एक ही वाक्य था - "वो मेरे सामने मर गया…"

घोड़ेवाले भी सहम गए, बोले- पहली बार देखा ऐसा मंज़र
स्थानीय घोड़ेवालों और गाइड्स ने बताया कि आतंकियों ने सेना की यूनिफॉर्म पहनी थी, जिससे किसी को शक तक नहीं हुआ। अचानक से गोलियों की आवाज़ और फिर अफरा-तफरी मच गई। एशान्या की चीखें आज भी सबके कानों में गूंज रही हैं।

स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, लोग बोले- अब कोई सुरक्षित नहीं
इस दर्दनाक घटना के बाद स्थानीय पर्यटन और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। पहलगाम, जो अब तक एक शांत और खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट माना जाता था, अब दहशतगर्दों की क्रूरता का गवाह बन चुका है।

शुभम के पिता का विलाप- “बेटे ने कहा था लौटकर केक खिलाऊंगा…”
घटना से कुछ घंटे पहले शुभम ने अपने पिता से फोन पर कहा था - “पापा लौटकर एक छोटा सा पार्टी देंगे, एशान्या को सरप्राइज दूंगा।” लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।

अब परिवार की एक ही मांग- “बेटे के हत्यारों को गोली मारो”
शुभम की मां और पत्नी की हालत बेहद नाजुक है। परिवार अब एक ही मांग कर रहा है – “हमें इंसाफ चाहिए, बेटे के कातिलों को भी उसी तरह गोली मारी जाए।”

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ