वाराणसी में फिर गरजा बाबा का बुलडोजर: शादी से पहले उजड़ा आशियाना, पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का पुश्तैनी घर भी जमींदोज


वाराणसी कचहरी इलाके में सड़क चौड़ीकरण के लिए 25 मकान ध्वस्त, शादी और स्टे का हवाला देने के बावजूद प्रशासन ने की कार्रवाई।


वाराणसी में बुलडोजर एक्शन से मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में बुलडोजर एक बार फिर गरजा और कचहरी इलाके में स्थित 25 मकानों को जमींदोज कर दिया गया। यह कार्रवाई सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत की गई, जिसके चलते प्रभावित परिवारों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराज़गी जताई। इस दौरान कई परिवारों ने हाथ जोड़कर अधिकारियों से गुहार लगाई कि शादी के पहले घर न तोड़ा जाए, मगर प्रशासन अपनी योजना पर अडिग रहा।

सड़क चौड़ीकरण योजना और प्रशासन का रुख

वाराणसी विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग लंबे समय से संदहा से कचहरी मार्ग को 300 मीटर चौड़ा करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस परियोजना के तहत पहले चरण में बीते 10 अगस्त को 35 मकान ध्वस्त किए गए थे, जिनके मालिकों को मुआवजा दिया गया था। अब बचे हुए 25 मकानों पर कार्रवाई की गई। अधिकारियों का कहना है कि जिन नौ मकान मालिकों पर विवाद था, उनमें से छह को मुआवजा दे दिया गया है और उनका हिस्सा गिरा दिया गया है।

प्रभावित लोगों का दर्द और विरोध

स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। कई परिवारों ने शादी का हवाला दिया और कहा कि 30 अक्टूबर तक हाईकोर्ट से स्टे आदेश है, लेकिन इसके बावजूद मकान गिरा दिए गए। एक परिवार ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से एक दिन का समय मांगा, लेकिन उन्हें यह राहत भी नहीं दी गई। प्रभावितों का कहना है कि यह कार्रवाई सीधे तौर पर उनके जीवन और सपनों पर बुलडोजर चलाने जैसी है।

पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के घर पर भी बुलडोजर

पूर्व हॉकी खिलाड़ी और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिवंगत मोहम्मद शाहिद का पुश्तैनी घर भी इस कार्रवाई की चपेट में आ गया। शाहिद के भाई ने कहा कि घर का ऑन पेपर बंटवारा तक नहीं हुआ था, फिर भी अधिकारियों ने हिस्सा तोड़ दिया। इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश और गुस्सा और बढ़ गया है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल और आरआरएफ के जवान तैनात किए गए थे। प्रशासन को पहले से ही विरोध की आशंका थी, इसलिए पूरी तैयारी के साथ कार्रवाई शुरू की गई। लगभग दो घंटे तक बुलडोजर लगातार चलता रहा और इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

पूर्व की कार्रवाई और मुआवजे का मामला

10 अगस्त को जब पहली बार बुलडोजर चला था, तब 35 मकान ध्वस्त किए गए थे। उस वक्त प्रभावित मकान मालिकों को मुआवजा दिया गया था। अब प्रशासन का दावा है कि बचे हुए मकानों के मामले में भी मुआवजा प्रक्रिया पूरी की जा रही है। हालांकि, कई परिवारों का आरोप है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा और अधिकारियों की मनमानी के चलते उनका घर उजड़ गया।

वाराणसी में लगातार बढ़ रहा विरोध

बुलडोजर एक्शन के खिलाफ वाराणसी में लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। कचहरी इलाके के लोग इस कार्रवाई को अमानवीय बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने न तो लोगों की भावनाओं का ख्याल रखा और न ही कानूनी आदेशों की परवाह की। इस घटना के बाद से क्षेत्रीय राजनीति भी गर्मा गई है और विपक्ष सरकार को आड़े हाथों ले रहा है।

आगे की स्थिति

सड़क चौड़ीकरण योजना वाराणसी के लिए विकास का बड़ा हिस्सा मानी जा रही है, लेकिन इसके चलते कई परिवार बेघर हो रहे हैं। प्रशासन और प्रभावितों के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और उचित पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक वे संघर्ष जारी रखेंगे।

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