‘सुंदर बच्चों’ से जलन और तानों ने बनाया हरियाणा की पूनम को साइको किलर; चार मासूमों की हत्या के बाद दो और बच्चे थे अगला निशाना!


हरियाणा की पूनम ने जलन और तानों में आकर 4 मासूमों की हत्या कर दी. सुंदर बच्चों से नफरत उसके अंदर साइको किलर को जन्म दे चुकी थी


हरियाणा की साइको किलर पूनम की दहला देने वाली कहानी

हरियाणा के पानीपत और सोनीपत जिलों में घटा यह खौफनाक सिलसिला पूरे प्रदेश को हिला चुका है. आम तौर पर जिन घटनाओं को परिवार ने ‘दुर्घटना’ मानकर भुला दिया, वे दरअसल सीरियल मर्डर थे. इन हत्याओं की मास्टरमाइंड कोई अनजान अपराधी नहीं, बल्कि घर की ही 32 वर्षीय विवाहित महिला पूनम निकली. चार बच्चों की हत्या और दो और मासूमों की लिस्ट, यह पूरी कहानी भय, जलन, मानसिक विकृति और खतरनाक मनोदशा की परतें खोलती है.

एक ताना जिसने हत्या की राह खोल दी

पूनम की मानसिक गिरावट का सबसे बड़ा कारण उसके परिवार में कहा गया एक ताना था — “तेरे बेटे से सुंदर तो बाकी बच्चे हैं.” यह बात उसके मन में जहर की तरह बैठ गई. शुरुआत में उसे अपनी कमी लगी, फिर धीरे-धीरे वह अन्य बच्चों को अपने लिए ‘खतरा’ मानने लगी. सुंदर लड़कियों से विशेष रूप से उसे जलन होती थी. यही ईर्ष्या और मानसिक तनाव आगे चलकर एक ऐसी मनोदशा में बदल गया जिसने उसे चार हत्याओं तक पहुंचा दिया.

सुंदर बच्चों से जलन, बेटा भी बना शिकार

पूछताछ में पूनम ने स्वीकार किया कि उसे खूबसूरत बच्चों, खासकर लड़कियों से नफरत थी. यह नफरत इतनी अधिक थी कि उसने अपने ही बेटे शुभम को भी बख्शा नहीं. उसे लगा कि अगर वह केवल लड़कियों को मारेगी तो परिवार की नजर उस पर जाएगी. इसलिए उसने शक हटाने के लिए बेटे को भी उसी तरह पानी में डुबोकर मार दिया. यह कदम उसकी अपराधी सोच, ठंडे दिमाग और मनोवैज्ञानिक विकृति का सबसे खतरनाक प्रमाण था.

पानी में डुबोकर हत्या, ताकि मौत पक्की हो

हर हत्या में पूनम का तरीका एक जैसा था. वह बच्चों को घर के टैंक या बड़े प्लास्टिक टब में पानी में डुबो देती थी. उसने पुलिस को बताया कि वह सुनिश्चित करना चाहती थी कि बच्चा सांस न ले सके और मौत पूरी तरह निश्चित हो. यही तरीका उसने चारों मामलों में अपनाया, और हर बार परिवार ने मौत को दुर्घटना मानकर अंतिम संस्कार कर दिया.

2023 की दो हत्याएं: बेटे शुभम और इशिका की मौत

साल 2023 में पानीपत जिले के भावड़ गांव में दो मौतों ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया था. पहला उसका तीन वर्षीय बेटा शुभम और दूसरी उसकी ननद की 9 वर्षीय बेटी इशिका. दोनों की मौत को टैंक में डूबने से हुई दुर्घटना बताया गया. किसी को शक तक नहीं हुआ कि इन मौतों के पीछे घर की ही बहू का हाथ था. इशिका को मारते समय शक हटाने के लिए पूनम ने अपने बेटे को भी उसी दिन टैंक में डुबोकर मार दिया.

अगस्त 2025: मायके में जिया बनी तीसरी शिकार

अगस्त 2025 में पूनम सिवाह गांव अपने मायके में थी. यहां उसे मौका मिला चचेरे भाई की छह वर्षीय बेटी जिया पर हाथ डालने का. उसने उसे भी पानी की टंकी में डुबोकर मार दिया. इस बार कुछ रिश्तेदारों को शक जरूर हुआ, लेकिन मामला दबा दिया गया और मौत को फिर ‘दुर्घटना’ मान लिया गया. जांच एजेंसियों का मानना है कि यही वह हत्या थी जिसने पूनम को और निर्भीक बना दिया.

चौथी हत्या ने खोला राज: 1 दिसंबर की रात पकड़ी गई पूनम

1 दिसंबर को नौल्था गांव में एक रिश्तेदार की शादी में सभी लोग बारात और रस्मों में व्यस्त थे. पूनम की नजर 6 साल की विधि पर पड़ी. मौका मिलते ही वह बच्ची को पीछे-पीछे लेकर गई. छत पर रखे प्लास्टिक के टब में उसकी गर्दन डुबोकर मार डाला और कमरे की कुंडी बाहर से बंद कर दी. फिर नीचे आकर सामान्य व्यवहार करती रही. उसके कपड़े भीगे थे, लेकिन वह हर किसी को अलग कहानी सुना रही थी.

बच्ची की खोज और टब ने खोला पहला सुराग

शगुन की रस्म के दौरान जब दादी ने विधि को बुलाया, तो वह नहीं मिली. पूरा परिवार घबरा गया. घंटों की खोजबीन के बाद बच्ची पहली मंजिल के बंद स्टोर रूम में मृत मिली. उसका चेहरा पानी में डूबा हुआ और पैर जमीन पर थे. FSL टीम पहुंची, जांच शुरू हुई और घर के एक सदस्य ने बताया कि टब तो बाथरूम में था, स्टोर रूम में कैसे आया? यही पहली बड़ी कड़ी थी.

पूछताछ में ढही हिम्मत: साइको किलर ने उगला सच

पुलिस ने परिवार के हर सदस्य से पूछताछ की, लेकिन पूनम सबसे आत्मविश्वास से झूठ बोलती रही. फिर जांच अधिकारियों ने कहा कि वे सबका टेस्ट करवाएंगे. यह सुनकर पूनम दबाव में आई और फिर सख्ती में टूट गई. उसने चारों हत्याओं का सच उगल दिया. उसने यह भी बताया कि विधि आखिरी शिकार नहीं थी.

तांत्रिक से संपर्क और ‘युवक की आत्मा’ की कहानी

सोनीपत में पूनम के ससुराल वालों ने बताया कि वह अक्सर कहती थी कि उसके अंदर किसी युवक की आत्मा है. वह आवाज बदलकर कहती— "मैंने तीन बच्चों को मार दिया है." यह बात पहले परिवार के लोग मानसिक तनाव का परिणाम मानते थे. जांच में सामने आया कि उसका संपर्क उत्तर प्रदेश के कैराना के एक तांत्रिक से भी था. यह एंगल पुलिस अलग से जांच रही है.

परिवार के दो और बच्चे थे अगला टारगेट

पूछताछ में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि पूनम की योजना दो और बच्चों को मारने की थी. इनमें से एक उसका 18 महीने का छोटा बेटा भी था. पुलिस का कहना है कि अगर विधि की हत्या खुलासा न करती, तो जल्द ही दो और मासूम मौत के मुंह में जा सकते थे.

जिया के पिता ने दर्ज कराया हत्या का मुकदमा

जिया की मौत को पहले दुर्घटना मानकर दफना दिया गया था. लेकिन पूनम के कबूलनामे के बाद उसके पिता दीपक ने पानीपत के उद्योगिक थाना सेक्टर 29 में हत्या की FIR दर्ज कराई है. परिवार अब इस मामले में न्याय की मांग कर रहा है.

पूनम की मनोवृत्ति और अपराधी मानसिकता की परतें

पूछताछ से यह साफ है कि पूनम मानसिक रूप से गहरे अवसाद, हीनभावना और जलन से पीड़ित थी. तानों ने उसे भीतर ही भीतर तोड़ा, फिर विकृत सोच ने उसे हत्यारी बना दिया. विशेषज्ञ मानते हैं कि उसकी मनोवैज्ञानिक स्थिति ‘साइकोटिक डिसऑर्डर’ जैसा रूप ले चुकी थी, जहां सहानुभूति, किसी की पीड़ा या नैतिक सोच का कोई स्थान नहीं बचता.

पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच

पानीपत पुलिस ने पूनम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और सभी चार मामलों की अलग-अलग जांच की जा रही है. हत्या के चारों केस में अब वैज्ञानिक साक्ष्यों और पूनम के बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार की जा रही है. परिवार के कई सदस्य अब भी सदमे में हैं कि जिसे वे बहू, भाभी, चाची या मां मानते थे, वही चार मासूमों की हत्यारी निकली.

समाज पर बड़े सवाल छोड़ गया मामला

यह केस केवल एक महिला के अपराध की कहानी नहीं है. यह समाज के उस व्यवहार को भी उजागर करता है जहां ‘सुंदरता’ और ‘तानों’ की संस्कृति किसी को मानसिक विकृति की राह पर धकेल सकती है. मानसिक बीमारियों, परिवारिक असंतुलन, अवसाद और घरेलू तनाव को नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति ने चार बच्चों की जिंदगी छीन ली.

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