मछलीशहर के पौहा गांव में मेधावी छात्र सम्मान समारोह में विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने छात्रों को नकद पुरस्कार देकर किया प्रेरित
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
अनुज सिंह की स्मृति में शिक्षा प्रेरणा का मंच बना पौहा गांव
जौनपुर जिले के मछलीशहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पौहा में एक अनूठी पहल ने शिक्षा के क्षेत्र में नई चेतना भर दी। गांव के निवासी स्वर्गीय अनुज सिंह की स्मृति में आयोजित मेधावी छात्र सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह ने विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति उत्साह और सम्मान की भावना को सशक्त किया। यह आयोजन समाजसेवी योगेंद्र सिंह की प्रेरणादायक सोच का प्रतिफल था, जिसमें न केवल विद्यार्थियों की उपलब्धियों को सराहा गया, बल्कि शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का संदेश भी दिया गया।
विधायक डॉ. रागिनी सोनकर बनीं मुख्य अतिथि, संविधान की प्रति पाकर भावुक हुईं
इस विशेष अवसर पर मछलीशहर की लोकप्रिय विधायक एवं समाजसेवी डॉ. रागिनी सोनकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। समारोह में आयोजक योगेंद्र सिंह ने उन्हें ‘भारत का संविधान’ की प्रति भेंट कर भावभीना स्वागत किया, जिसे पाकर विधायक भावुक हो उठीं। उन्होंने संविधान को देश की आत्मा बताया और कहा कि यह प्रतीक ही बताता है कि शिक्षा केवल ज्ञान का साधन नहीं बल्कि समाज निर्माण की नींव है।
मेधावी छात्रों को मिले नकद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह
इस सम्मान समारोह में वर्ष 2024 और 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ग्राम पौहा के मेधावी छात्रों को नकद पुरस्कार एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वालों में मानसी यादव, रिया यादव, अनमोल सिंह, नैन्सी यादव, मनीषा सिंह, संजना गौतम, स्नेहा यादव, शिवम धीवर और आंचल सिंह प्रमुख रहे। इन बच्चों की आँखों में आत्मविश्वास की चमक और चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी।
शिक्षा प्रेरणा के मंच से विधायक ने दिया भरोसा
अपने प्रेरणास्पद संबोधन में विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि "समाजसेवी योगेंद्र सिंह द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने का एक श्रेष्ठ प्रयास है। मैं बतौर विधायक मछलीशहर की जनता की सेवा में सदैव तत्पर और समर्पित हूँ।" उन्होंने छात्रों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, पूरे समाज की उपलब्धि है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य और अनेक गणमान्य लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय त्रिपाठी उपस्थित रहे, जिन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे प्रभावी माध्यम बताया। साथ ही कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक जैसे पूर्व प्रधान संतोष कुमार सिंह, सरपंच मोकलपुर के मुकेश तिवारी, सार्वजनिक इंटर कॉलेज के प्रबंधक अभिषेक सिंह, समाजसेवी जज सिंह ‘अन्ना’, सरपंच इंद्रेश तिवारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी गरिमा प्रदान की।
दिल्ली शिक्षा विभाग के पूर्व प्रवक्ता सिद्धिनाथ सिंह ने किया संचालन
कार्यक्रम का संचालन दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में पूर्व प्रवक्ता रह चुके श्री सिद्धिनाथ सिंह ने किया। उन्होंने अपने ओजस्वी वाणी से न केवल माहौल को जीवंत बनाए रखा बल्कि शिक्षा के महत्व पर भी रोशनी डाली। संचालन में उनकी भाषा की सादगी और भावनात्मक जुड़ाव हर उपस्थित व्यक्ति को भावविभोर कर गया।
अनुज सिंह की स्मृति बनी शिक्षा की प्रेरणा
स्वर्गीय अनुज सिंह की स्मृति में आयोजित यह कार्यक्रम महज एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह उस विचारधारा का मंच था जिसमें शिक्षा को सर्वोच्च स्थान दिया गया। योगेंद्र सिंह द्वारा लगातार ऐसी पहलें यह दर्शाती हैं कि गांवों में भी यदि सही दिशा मिले तो प्रतिभा किसी भी शहर से पीछे नहीं रहती।
ग्रामीणों में दिखा गर्व, बच्चों में दिखा आत्मविश्वास
कार्यक्रम के दौरान पूरे गांव में उत्साह का माहौल था। जहां एक ओर अभिभावक अपने बच्चों की उपलब्धियों पर गर्वित नजर आए, वहीं दूसरी ओर बच्चे भी भविष्य को लेकर आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। ग्राम पौहा की गलियों में उस दिन शिक्षा के प्रति सजगता की एक अलग ही बयार बह रही थी।
क्षेत्रीय समाजसेवा और शिक्षा का अद्भुत संगम
इस समारोह ने यह प्रमाणित कर दिया कि जब समाजसेवा और शिक्षा एक साथ कदमताल करती हैं, तो समाज में बदलाव की शुरुआत होती है। विधायक, पूर्व जनप्रतिनिधि, शिक्षक, समाजसेवी और ग्रामीण जनता – सभी की भागीदारी ने इस आयोजन को अभूतपूर्व बना दिया।
आने वाले वर्षों में और व्यापक होगा आयोजन
समारोह के अंत में समाजसेवी योगेंद्र सिंह ने घोषणा की कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा और इसमें सिर्फ पौहा ही नहीं, आस-पास के गांवों के छात्र भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी यह पहल अनुज सिंह की स्मृति को जीवित रखने के साथ ही शिक्षा को जनांदोलन बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।




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