दुर्गापुर गैंगरेप केस में नया खुलासा: जंगल में मिला इस्तेमाल हुआ कंडोम, बॉयफ्रेंड के कमरे से बरामद हुआ 11 कंडोम वाला पैकेट, शक के घेरे में क्लासमेट!


दुर्गापुर गैंगरेप केस: में बॉयफ्रेंड के कमरे से 11 कंडोम, जंगल से 1 इस्तेमाल हुआ कंडोम मिला, पुलिस ने संदिग्ध मानकर किया गिरफ्तार।

दुर्गापुर गैंगरेप केस: एक रात, एक लड़की और कई राज़

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला ना केवल एक छात्रा के साथ हुई दरिंदगी को उजागर करता है, बल्कि इसमें शामिल लोगों की भूमिका और सामने आ रहे सबूत इस केस को और भी जटिल बना रहे हैं। जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं जो इस केस को रहस्यमयी बना रहे हैं।

घटना की शुरुआत: बॉयफ्रेंड के साथ गई थी जंगल

10 अक्टूबर की रात पीड़ित छात्रा अपने क्लासमेट और कथित बॉयफ्रेंड के साथ कॉलेज से बाहर गई थी। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि वह लड़का उसे एक सुनसान जंगल की ओर ले गया, जहां कुछ देर बाद वारदात को अंजाम दिया गया। छात्रा के मुताबिक, वहां पहले से ही अन्य लड़के मौजूद थे जिन्होंने उसके साथ बारी-बारी से गैंगरेप किया।

पुलिस जांच में बड़ा सुराग: कंडोम का इस्तेमाल

इस केस में पुलिस को सबसे बड़ा सुराग मिला एक कंडोम के रूप में। जांच के दौरान जब पुलिस घटनास्थल यानी जंगल में पहुंची, तो वहां एक इस्तेमाल किया हुआ कंडोम बरामद हुआ। यह सबूत इस बात को साबित करता है कि वहां कोई यौन संबंध बना और वह सहमति से नहीं था।

इसके बाद पुलिस ने पीड़िता के क्लासमेट, जो उसका कथित बॉयफ्रेंड है, उसके हॉस्टल रूम की तलाशी ली। वहां से पुलिस को एक कंडोम पैकेट बरामद हुआ जिसमें कुल 12 में से 11 कंडोम ही थे। यानी एक कंडोम गायब था, जो कि घटनास्थल से मिला। यह तथ्य बॉयफ्रेंड की भूमिका को और संदिग्ध बनाता है।

बार-बार बदल रहा बयान, शक के घेरे में आया बॉयफ्रेंड

पुलिस ने जब पीड़िता के कथित बॉयफ्रेंड से पूछताछ की तो उसने बार-बार अपना बयान बदला। कभी वह कहता कि वह खुद पीड़िता के साथ था, कभी कहता कि वह घटनास्थल पर नहीं था। उसके इन विरोधाभासी बयानों से पुलिस का शक और गहरा हो गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिन पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनके बयानों और बॉयफ्रेंड के बयानों में भारी अंतर है। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी इस मामले को गंभीर बनाती है। यही कारण है कि पुलिस ने बॉयफ्रेंड को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

सीन रीक्रिएशन से सच्चाई तलाशने की कोशिश

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर सीन रीक्रिएट करवाया। इस दौरान उन्हें जंगल में घुमाया गया और पीड़िता की बताई जगहों को दिखाया गया। पुलिस इस प्रयास में है कि कौन-कौन वहां मौजूद था और किसकी भूमिका क्या रही।

सीन रीक्रिएशन के दौरान आरोपियों के कपड़े भी पुलिस ने जब्त किए जो उन्होंने घटना वाले दिन पहने थे। ये कपड़े अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं ताकि उस पर डीएनए के जरिए यह पता चल सके कि किसने शारीरिक संबंध बनाए।

मेडिकल छात्रा की हालत और बयान

पीड़ित छात्रा की मेडिकल जांच में कई गंभीर संकेत मिले हैं। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए गए। लड़की ने भी अपने बयान में साफ तौर पर आरोपियों के नाम लिए हैं और बताया कि उसे उसके बॉयफ्रेंड ने ही धोखे से उस जगह ले जाकर छोड़ दिया जहां अन्य आरोपी पहले से मौजूद थे।

पीड़िता के बयान के मुताबिक, वह पूरी तरह से अपने क्लासमेट पर भरोसा करके उसके साथ गई थी, लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि वह उसे जाल में फंसा चुका है।

फॉरेंसिक रिपोर्ट से तय होगी आरोपी की भूमिका

पुलिस के अनुसार, अब सारा दारोमदार फॉरेंसिक रिपोर्ट पर टिका है। जंगल से बरामद कंडोम, आरोपियों के कपड़े और बॉयफ्रेंड के कमरे से मिले कंडोम पैकेट सभी को जांच के लिए लैब भेजा गया है। इन सबूतों से यह तय होगा कि कौन-कौन इस अपराध में शामिल था और किसकी भूमिका कितनी गंभीर है।

कॉलेज प्रशासन और छात्र संगठन की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की भी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय छात्र संगठनों ने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि इतने गंभीर मामले में प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।

कॉलेज ने अब तक आरोपी छात्रों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है, जिससे छात्र संगठन और स्थानीय समाज में नाराजगी है। कई सामाजिक संगठनों ने कैंडल मार्च निकालकर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है।

राज्य सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल

मामला राज्य में कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है। एक ओर सरकार महिला सुरक्षा के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज जैसी जगहों पर छात्राओं के साथ इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई बड़ा बयान सामने नहीं आया है, जिससे नाराजगी और बढ़ गई है।

न्याय की मांग और आगे की कार्रवाई

पीड़िता के परिजन लगातार यह मांग कर रहे हैं कि सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे हर एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही चार्जशीट दायर की जाएगी।

पुलिस की जांच में मिले तकनीकी सबूतों और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद यह तय होगा कि कितने आरोपी रेप में शामिल थे और किसने साजिश रची थी। यह केस अब केवल गैंगरेप का नहीं बल्कि साजिश, विश्वासघात और धोखे का भी बनता जा रहा है।

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