सोनभद्र में 17 साल के प्रेमी और 15 की प्रेमिका ने जंगल में पेड़ से फांसी लगाकर दी जान, परिवार के विरोध में उठाया खौफनाक कदम।
सोनभद्र से दिल दहला देने वाली मोहब्बत की कहानी—इश्क जब नाकाम हुआ तो मौत को ही अपना लिया।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में प्रेम का ऐसा दर्दनाक अंजाम सामने आया है जिसे सुनकर रूह कांप उठे। 17 साल का लड़का और 15 साल की लड़की, जो एक-दूसरे को दिलोजान से चाहते थे, लेकिन उम्र और समाज की बंदिशें ऐसी आड़े आईं कि दोनों ने एक साथ मौत को गले लगाने का फैसला कर लिया।
यह दिल दहला देने वाली घटना रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के बैजनाथ गांव की है। दोनों प्रेमी—दशरथ और चिंता—एक ही गांव मुरैला के रहने वाले थे। बताया गया है कि दोनों का एक-दूसरे से गहरा प्रेम था और वे शादी करना चाहते थे। लेकिन उम्र की पाबंदी और परिवार की नाराजगी ने उनके रिश्ते को नामंजूर कर दिया।
प्यार पर लगा सामाजिक पहरा, तो जंगल बनी आखिरी मंज़िल
परिवार वालों के विरोध और समाज के तानों से परेशान होकर दोनों प्रेमियों ने गांव से लगभग तीन किलोमीटर दूर तेनुई नाला के जंगल में जाकर पीपल के पेड़ से फांसी लगा ली। जब ग्रामीणों ने पेड़ पर दो शवों को लटका देखा, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। गांव में इस घटना की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मातम छा गया।
पुलिस पहुंची मौके पर, गांव में पसरा मातम
सूचना मिलते ही रामपुर बरकोनिया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी अशोक कुमार मीणा और फॉरेंसिक टीम भी जांच के लिए वहां पहुंची। शवों की हालत देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। लड़के ने गमछे से और लड़की ने अपने दुपट्टे से फांसी लगाई थी। शवों से बदबू आने के कारण पुलिसकर्मियों ने मास्क पहनकर जांच की।
एसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। मृतकों की पहचान दशरथ पुत्र देव नारायण गोंड़ (उम्र 17 वर्ष) और चिंता पुत्री रामचंद्र गोंड़ (उम्र 15 वर्ष) के रूप में की गई है। दोनों मुरैला गांव के ही निवासी हैं और लंबे समय से एक-दूसरे से प्रेम करते थे।
शादी की चाहत में मिला मौत का फंदा, दो परिवारों की खुशियों पर लगा विराम
दोनों के परिवार वालों से पूछताछ में यह सामने आया कि वे दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन समाज और कानून ने उन्हें रोक दिया। नाबालिग होने की वजह से वे न तो खुलकर जी पाए और न ही समाज को अपनी मोहब्बत समझा पाए। आखिर में मजबूरी में उन्होंने वही रास्ता चुना जिसे अक्सर मोहब्बत की कहानियों में ‘आखिरी कदम’ कहा जाता है।
पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और लोग स्तब्ध हैं कि आज भी मोहब्बत को इतनी बड़ी सजा क्यों मिलती है?
गांववालों की जुबान पर एक ही सवाल—क्या दोष था इन मासूम दिलों का?
गांव के लोग सदमे में हैं और एक ही बात कह रहे हैं—अगर थोड़ा समझौता, थोड़ा समर्थन मिल गया होता तो शायद ये दोनों जिंदा होते। लेकिन अब सिर्फ एक पेड़ की शाख पर लटकती उनकी अधूरी मोहब्बत की याद बची है, जो शायद सालों तक इस गांव की हवाओं में तैरती रहेगी।
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