योगी सरकार के 8 साल में 'सिंघम' बनी यूपी पुलिस: 227 बदमाश ठोक डाले, 1 लाख पर एक्शन, UP में डर के साए में अपराधी!



योगी राज में अपराधियों की कमर टूटी! 227 मारे गए एनकाउंटर में, 58,624 जेल पहुंचे, 10 बड़े ऑपरेशन से हिल गया यूपी का अपराध जगत।


उत्तर प्रदेश में योगी मॉडल का जलवा: अपराधियों का हुआ सफाया, पुलिस बनी 'खौफ का दूसरा नाम'

227 एनकाउंटर में ढेर, 58,624 भेजे गए जेल – 8 साल में अपराधियों पर टूटा कहर

उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था का जब भी ज़िक्र होगा, योगी आदित्यनाथ की सख्ती और यूपी पुलिस की ‘बदमाशों के खिलाफ बुलेट पॉलिसी’ हमेशा याद की जाएगी। पिछले 8 सालों में उत्तर प्रदेश में 227 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया, जबकि 58,624 से ज्यादा अपराधियों को जेल भेजा गया। सीएम योगी के ‘जूनून’ और पुलिस के ‘जज़्बे’ ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को नई ऊंचाई दी है।

10 ऑपरेशनों ने बदमाशों को किया नेस्तनाबूद – ‘दस का दम’ से चला योगी सरकार का कहर

योगी सरकार के निर्देश पर पूरे यूपी में चलाया गया ‘मिशन शक्ति फेज-5’, जिसमें 10 स्पेशल ऑपरेशंस ने अपराधियों की नींद उड़ा दी। ये ऑपरेशन थे – गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र। इन अभियानों के तहत महिलाओं, बच्चों, युवाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।

‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ से कैमरों का कसा जाल, 5,718 गंभीर केसों का खुलासा

डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के जरिए प्रदेश भर में संवेदनशील जगहों पर 11 लाख से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए। इससे पुलिस को अपराध पर तुरंत एक्शन लेने में सफलता मिली और डकैती-लूट समेत 5,718 जघन्य अपराधों का पर्दाफाश हुआ।

‘ऑपरेशन मजनू’ से शोहदों का सफाया, 58,624 पर हुई कार्रवाई

स्कूल और कॉलेज के आस-पास छेड़छाड़ करने वाले मनचलों पर चला ‘ऑपरेशन मजनू’, जिसमें 7,554 हॉटस्पॉट्स को चिन्हित किया गया और 58,624 शोहदों पर कार्रवाई हुई।

‘ऑपरेशन ईगल’ से फिर जेल पहुंचे 7,963 अपराधी

जिन अपराधियों को सजा के बाद रिहा किया गया था, उनपर नजर रखने के लिए चला ऑपरेशन ईगल। इस दौरान 7,963 पुराने अपराधी चिन्हित किए गए, जिनमें से 2,683 को फिर से सलाखों के पीछे डाला गया और 4,294 पर चार्जशीट दाखिल की गई।

‘ऑपरेशन गरुड़’ से साइबर अपराधियों की कमर टूटी

महिलाओं और बच्चियों से जुड़े साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन गरुड़ चलाया गया। इसमें 2,597 एफआईआर की जांच हुई और 498 अपराधी गिरफ्तार किए गए।

‘ऑपरेशन रक्षा’ में देह व्यापार और मानव तस्करी पर बड़ा एक्शन

स्पा और मसाज सेंटरों में छिपे देह व्यापार रैकेट्स का भंडाफोड़ हुआ। 56 महिलाओं और बालिकाओं को रेस्क्यू किया गया, जिनमें से 49 का पुनर्वास कराया गया।

‘ऑपरेशन बचपन’ और ‘खोज’ ने मासूमों को दिलाई जिंदगी की रौशनी

ऑपरेशन बचपन में 2,860 बच्चों को बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से छुड़ाया गया, वहीं ऑपरेशन खोज के तहत 3,327 गुमशुदा बच्चों को घर वापस पहुंचाया गया।

‘ऑपरेशन शील्ड’ से तेजाब के धंधे पर लगाम, 29,773 दुकानें जांच के घेरे में

एसिड अटैक जैसी वारदातों को रोकने के लिए 29,773 दुकानों की चेकिंग की गई, जिसमें 725 के खिलाफ कार्रवाई की गई।

‘ऑपरेशन डेस्ट्राय’ ने अश्लीलता पर चलाया हंटर

अश्लील साहित्य और सीडी बेचने वालों पर 748 मुकदमे दर्ज हुए। वहीं, ऑपरेशन नशा मुक्ति के तहत 4,750 हॉटस्पॉट्स पर छापे पड़े और 33,391 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई।

227 एनकाउंटर ने बदमाशों में भर दिया खौफ – योगी सरकार की कड़क नीति का नतीजा

योगी सरकार ने यूपी में अपराध के खिलाफ ऐसा अभियान छेड़ा है जिसने प्रदेश को अपराधियों के लिए ‘नो एंट्री ज़ोन’ बना दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि “प्रदेश में कानून का राज रहेगा, गुंडों का नहीं।”

जब पुलिस बन जाए ‘जनता की ढाल और अपराधियों का काल’, तब होती है बात योगी राज की।

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