मथुरा में नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने PWD कर्मचारी को ऑफिस से घसीटकर पीटा, वीडियो वायरल होने से हड़कंप।
मथुरा में सरकारी दबंगई की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जहाँ नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने ऑफिस में घुसकर एक PWD कर्मचारी की पिटाई कर डाली। वायरल वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि मजिस्ट्रेट खुद अपने अधीनस्थों के साथ कर्मचारी गोपाल प्रसाद को ऑफिस से घसीटते हुए बाहर लाते हैं और मारपीट करते हैं। यह घटना केवल एक झगड़े तक सीमित नहीं रही, बल्कि एक पूरे सरकारी सिस्टम पर सवालिया निशान छोड़ गई है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है। सरकारी कर्मचारी भी बिफर गए हैं और माफी की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार पर उतर आए हैं। इस मुद्दे ने प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली और अधिकारों के दुरुपयोग को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
क्या है पूरा मामला?
घटना मथुरा के कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय की है, जहाँ PWD विभाग के प्रधान सहायक लिपिक गोपाल प्रसाद कार्यालय में अपनी ड्यूटी कर रहे थे। उसी दौरान नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार अपने 10-12 कर्मचारियों के साथ ऑफिस में दाखिल हुए और गोपाल को गालियां देते हुए बाल पकड़कर घसीटते हुए बाहर ले आए। वीडियो में मारपीट के दृश्य साफ दिख रहे हैं।
गोपाल प्रसाद बोले- जान बचाने को चीखा, साथियों ने खींचकर निकाला
गोपाल का कहना है,
“मैं ऑफिस में बैठा काम कर रहा था, तभी सिटी मजिस्ट्रेट साहब और उनके साथ कई लोग आए। उन्होंने मुझे गालियां देते हुए खींच लिया और मारते हुए बाहर ले जाने लगे। अगर मेरे साथी कर्मचारी बीच में न आते तो न जाने क्या हो जाता।”
PWD कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, कार्यालय बंद कर किया विरोध
घटना के बाद विभागीय कर्मचारियों ने न सिर्फ कार्यालय का कामकाज ठप कर दिया, बल्कि नगर मजिस्ट्रेट के खिलाफ नारेबाजी भी की। उनका कहना है कि जब तक मजिस्ट्रेट सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक वह काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
CCTV में कैद पूरी वारदात, मजिस्ट्रेट पर लगा झूठ बोलने का आरोप
वीडियो फुटेज सामने आने के बाद नगर मजिस्ट्रेट के दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि कोई मारपीट नहीं हुई, केवल पूछताछ के लिए गए थे। लेकिन CCTV वीडियो में उनके मारते हुए दृश्य देखे जा सकते हैं।
नगर मजिस्ट्रेट का पक्ष – बोले, 'PWD कर्मचारी ने होमगार्ड से की थी बदसलूकी'
राकेश कुमार का कहना है,
"मेरे गेट पर एक होमगार्ड ड्यूटी पर तैनात था। उसी से PWD का कर्मचारी झगड़ा कर रहा था। जब होमगार्ड ने शिकायत की, तो मैं ऑफिस गया। देखना चाहता था वो व्यक्ति सरकारी है या प्राइवेट। कोई मारपीट नहीं की गई।”
आक्रोशित कर्मचारियों ने दी चेतावनी – ‘गलती मानी जाए नहीं तो आंदोलन होगा’
PWD यूनियन और कर्मचारी संगठनों ने एक सुर में कहा है कि नगर मजिस्ट्रेट को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन कर प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन के लिए चुनौती: क्या मजिस्ट्रेट पर होगी सख्त कार्रवाई?
घटना ने प्रशासन की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक मजिस्ट्रेट का इस तरह से व्यवहार करना न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता के लिए भी डर का कारण बन सकता है।
सरकारी तंत्र की छवि को झटका, अब प्रशासनिक जवाबदेही की दरकार
इस पूरी घटना ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के संबंधों की खाई को उजागर कर दिया है। आम तौर पर मजिस्ट्रेट का दायित्व होता है व्यवस्था बनाए रखना, लेकिन जब वही व्यवस्था को तोड़ने लगे, तो प्रशासन को जरूर जवाब देना चाहिए।
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