महाकुंभ की वायरल सनातनी हर्षा रिछारिया का बड़ा ऐलान: 175 KM की पदयात्रा, कल्कि अवतार की नगरी संभल तक पहुंचेंगी पैदल!




महाकुंभ की वायरल सनातनी हर्षा रिछारिया 14 अप्रैल से वृंदावन से संभल तक 175 KM की पदयात्रा करेंगी, युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य।

वृंदावन से उठी सनातनी लहर, संभल तक चलेगी युवाओं की चेतना की पदयात्रा!
महाकुंभ में अपने वायरल भाषण से लाखों दिलों को छूने वाली हर्षा रिछारिया एक बार फिर सनातन की मशाल लेकर मैदान में उतर गई हैं। अबकी बार इरादा बड़ा है और कदम सीधे संभल की ओर बढ़ने वाले हैं, जहां वह 175 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करेंगी। इस यात्रा का नाम उन्होंने दिया है – "सनातन युवा जोड़ो यात्रा"।

14 अप्रैल से गूंजेगा वृंदावन: सनातन के लिए शुरू होगी ऐतिहासिक पदयात्रा
मथुरा के पावन धाम वृंदावन से यह यात्रा 14 अप्रैल को शुरू होगी। हर्षा खुद श्री राम मंदिर अटला चुंगी से पदयात्रा का शुभारंभ करेंगी। यह यात्रा अलीगढ़ के रास्ते होते हुए संभल तक पहुंचेगी। हर्षा का कहना है कि संभल वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होगा, इसलिए उन्होंने इस स्थान को अपनी यात्रा का अंतिम पड़ाव चुना है।

युवाओं को जोड़ने का है मकसद, सनातन को समझाने का है मिशन
इस यात्रा का सबसे बड़ा उद्देश्य है – युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना। हर्षा मानती हैं कि आज का युवा धीरे-धीरे जाग रहा है लेकिन उसे दिशा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक पदयात्रा नहीं है बल्कि यह एक संस्कृति, परंपरा और जागरूकता की यात्रा है।

महाकुंभ से जोड़ी पहचान, अब समाज को देना चाहती हैं नया संदेश
प्रयागराज महाकुंभ में अपने ओजस्वी और ध्रुवी भाषण से हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर रातोंरात सनसनी बन गई थीं। उनके शब्दों में वो आग थी जो युवा दिलों में जोश भर दे। अब उसी जोश को जमीन पर उतारने का वक्त आ गया है, और यही है इस पदयात्रा की असली ताकत।

धार्मिक स्थलों का भी होगा स्पर्श, हर पड़ाव पर होंगे आयोजन
पदयात्रा के दौरान हर्षा और उनके साथ चलने वाले कार्यकर्ता विभिन्न धार्मिक स्थलों और गांवों में रुकेंगे, जहां धार्मिक आयोजन, प्रवचन और युवाओं से संवाद किया जाएगा। उनका लक्ष्य है कि हर गांव, हर नगर तक सनातन का संदेश पहुंचे और युवा इससे जुड़ें।

ठाकुर बांके बिहारी से लिया आशीर्वाद, बोले- कृष्ण की धरती से कल्कि की भूमि की ओर बढ़ेंगे कदम
यात्रा से पहले हर्षा ने वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी महाराज के दर्शन किए और यात्रा के लिए आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा, "मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है और संभल भविष्य का कल्कि धाम, जब यह यात्रा इन दो शक्तिपीठों को जोड़ेगी तो यह केवल यात्रा नहीं, सनातन का संदेश बन जाएगी।"

कितनी दूर, कितने दिन, कहां-कहां से गुजरेगी यात्रा?
यह यात्रा 175 किलोमीटर लंबी होगी और इसे पूरा करने में लगभग 7 दिन का समय लगेगा। रास्ते में यह यात्रा मथुरा, अलीगढ़, बदायूं आदि क्षेत्रों से होते हुए संभल पहुंचेगी।

अबकी बार धर्म की राह पर कदम, युवाओं का नया कारवां तैयार!
हर्षा का यह कदम एक बार फिर यह दिखाता है कि सनातन कोई रूढ़ि नहीं, बल्कि जागरूकता का दूसरा नाम है। जब युवा नेतृत्व आगे आता है, तो धर्म केवल मंदिरों तक नहीं रहता – वह समाज में उतरता है, लोगों के जीवन में आता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ