अयोध्या में दलित युवती के साथ दरिंदगी! हाथ-पैर तोड़े, आंखें फोड़ी, प्राइवेट पार्ट में डंडा डालकर बेरहमी से हत्या, नाले में मिली लाश। पुलिस जांच में जुटी।
अयोध्या – उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में एक 22 वर्षीय दलित युवती के साथ निर्मम दरिंदगी की गई। युवती के साथ दुष्कर्म कर उसके हाथ-पैर तोड़ दिए गए, आंखें फोड़ दी गईं और प्राइवेट पार्ट में डंडा डालकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे और आक्रोश में डाल दिया है। युवती की लाश नाले में नग्न अवस्था में मिली, जिससे पूरे गांव में सनसनी फैल गई।
पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है।
घटना का पूरा विवरण
यह दिल दहला देने वाली घटना अयोध्या कोतवाली थाना क्षेत्र के एक गांव की है। पीड़ित युवती के परिजनों के मुताबिक,
- 30 जनवरी की रात, युवती गांव में भागवत कथा सुनने गई थी।
- रात 11 बजे तक वह घर नहीं लौटी, जिसके बाद परिवारवालों ने उसकी तलाश शुरू की।
- सुबह तक कोई सुराग नहीं मिलने पर, परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
- खोजबीन के दौरान गांव के पास खून के धब्बे और युवती के कपड़े मिले।
लेकिन पुलिस ने इस मामले को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया और सिर्फ घटनास्थल की फोटो और वीडियो लेकर लौट गई।
हाथ-पैर तोड़े, आंखें फोड़ी, ब्लेड से काटा और नाले में फेंका
अगले दिन सुबह, जब परिजन और गांववाले दोबारा युवती को खोजने निकले, तो उन्हें गांव के नाले में उसका नग्न शव पड़ा मिला। शव की हालत इतनी भयावह थी कि देखने वालों की रूह कांप गई।
- युवती के हाथ-पैर बुरी तरह टूटे हुए थे।
- दोनों आंखें फोड़ दी गई थीं।
- चेहरे और शरीर पर ब्लेड से कई कट के निशान थे।
- प्राइवेट पार्ट में डंडा डाला गया था, जिससे वह मल त्याग कर रही थी।
यह दरिंदगी की सारी हदों को पार करने वाली घटना थी।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अयोध्या धाम के क्षेत्राधिकारी (CO) आशुतोष तिवारी ने बताया कि,
"परिवार ने किसी पर संदेह जाहिर नहीं किया है, लेकिन हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। पुलिस की फोरेंसिक टीम ने सबूत इकट्ठा कर लिए हैं, और सर्विलांस टीम को भी जांच में लगाया गया है।"
हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस शुरुआत में मामले को हल्के में ले रही थी।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों, दलित संगठनों और राजनीतिक दलों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है।
- दलित संगठनों ने इसे जातिगत हिंसा बताया और आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।
- विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए।
- स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी और कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे।
यह घटना निर्भया कांड जैसी बर्बरता का उदाहरण बन गई है।
क्या यूपी में महिलाएं सुरक्षित हैं?
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
- NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश महिलाओं पर सबसे ज्यादा अपराध होने वाला राज्य बन चुका है।
- कुछ महीने पहले, अयोध्या के राम मंदिर परिसर के पास एक सफाई कर्मचारी के साथ भी सामूहिक दुष्कर्म हुआ था।
- प्रदेश में महिलाओं और दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
इस घटना ने यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिजनों की मांग: दोषियों को मिले फांसी
युवती के परिवारवालों का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वे नहीं जानते कि किसने उनकी बेटी के साथ इतनी बर्बरता की।
परिजनों की मांग है कि,
"हमारी बेटी के साथ जो हुआ, वह बहुत दर्दनाक है। हम बस न्याय चाहते हैं। सरकार को दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर फांसी की सजा देनी चाहिए।"
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने और कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे
अयोध्या में हुई इस निर्मम घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और जातिगत भेदभाव के मुद्दे को उजागर कर दिया है।
- सरकार को इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर आरोपियों को सख्त सजा देनी चाहिए।
- पुलिस को भी अपने रवैये में सुधार लाकर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और प्रशासन इस जघन्य अपराध पर क्या सख्त कदम उठाते हैं।
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