वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह को चमकाया गया सोने से, दक्षिण भारत के एक भक्त ने किया है दान, मंदिर का आभामंडल देखकर अभिभूत हुए पीएम नरेंद्र मोदी



रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
VaranA$¡ : वर्ष १८३५ में पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्णमंडित कराया था। बताया जाता है कि दक्षिण भारत के एक भक्त ने तीन महीने पहले मंदिर आकर इस बात की जानकारी ली थी कि गर्भगृह में कितना सोना लगेगा। उसने सोना दान करने की बात कही थी। यह भी कहा था कि उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। मंदिर प्रशासन की अनुमति के बाद सोना लगाने के लिए मापने और सांचा बनाने की तैयारी शुरू हुई। महीने भर की तैयारी के बाद शुक्रवार को सोना लगाने का काम शुरू हुआ।



दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर_ उनकी मां हीराबेन के तौल के बराबर दान किया था हालांकि, श्रद्धालु ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर गर्भगृह में सोना मढ़वाया है। गर्भगृह के अंदर ३७ किलो सोना लगाने का काम पूरा हो चुका है। 

__मंदिर प्रशासन के मुताबिक तकरीबन ३० घंटे_ में रविवार दोपहर एक बजे गर्भगृह के अंदर की पूरी दीवार पर सोने की परत चढ़ा दी गई। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को स्वर्णमंडित करने के लिए १० सदस्यीय कारीगरों की टीम ने काम किया।
__मंदिर के गर्भ गृह में चल रहे स्वर्ण मंडन_ के कार्य के पूर्ण होने के बाद पहली बार पूजा करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने इस कार्य को देखते हुए कहा कि अद्भुत और अकल्पनीय कार्य हुआ है।
__प्रधानमंत्री शाम करीब ६ बजे मंदिर परिसर पहुंचे_ विश्वनाथ द्वार से प्रवेश करने के पश्चात मंदिर परिसर के उत्तरी गेट से गर्भगृह में प्रवेश किए। मंदिर के अर्चक सत्यनारायण चौबे, नीरज पांडे और श्री देव महाराज ने बाबा का षोडशोपचार पूजन कराया। पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ से जनकल्याण की कामना की।



प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी__ रविवार को 'बूथ विजय सम्मेलन' में शामिल होने के बाद सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे, लेकिन इस बार मंदिर का गर्भगृह हमेशा से अलग था क्योंकि १८७ वर्षों बाद विश्वनाथ मंदिर में सोने के पत्रों की मढ़ाई हुई थी, जिसको देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तारीफ करते नहीं थक रहे थे.इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसर के अंदर चारों ओर लगे स्वर्ण के कार्य को देखा। उन्होंने कहा कि दीवारों पर उकेरी गई विभिन्न देवताओं की आकृतियां स्वर्णमंडन के बाद और भी स्पष्ट प्रदर्शित हो रही हैं। इस दौरान परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव तो मंदिर में उपस्थित सेवादारों ने डमरु बजाकर उनका भव्य स्वागत किया। परिसर में उपस्थित शास्त्रियों ने मंगलाचरण कर प्रधानमंत्री का अभिवादन किया पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री को अंगवस्त्रम और मोमेंटो भेंट किया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ