इंदौर में 28 किन्नरों ने सामूहिक रूप से फिनाइल पीकर की जान देने की कोशिश , आरोपियों पर कार्रवाई न होने से मचा बवाल!



इंदौर में 28 किन्नरों ने रेप और वसूली केस में कार्रवाई न होने से नाराज होकर फिनाइल पीया, एमवाय अस्पताल में मचा हड़कंप।

इंदौर में किन्नर समुदाय की बगावत: 28 किन्नरों ने फिनाइल पीकर की सामूहिक आत्महत्या की कोशिश, पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। पढ़रीनाथ थाना क्षेत्र में बुधवार को एक साथ 28 किन्नरों द्वारा सामूहिक रूप से फिनाइल पीकर आत्महत्या की कोशिश करने की खबर सामने आई, जिसने न सिर्फ प्रशासन को अलर्ट कर दिया, बल्कि पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है। यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या की कोशिश नहीं, बल्कि एक समुदाय की आहत आवाज थी, जो पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के विरोध में सामने आई।

कथित रेप और वसूली कांड बना आत्महत्या की वजह

जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला कुछ दिन पहले हुई एक घटना से जुड़ा हुआ है, जिसमें दो कथित पत्रकारों पर एक किन्नर के साथ दुष्कर्म और वसूली का आरोप लगाया गया था। पीड़िता का आरोप था कि आरोपियों ने उसे अकेला पाकर पहले उसका यौन शोषण किया और फिर पैसों की जबरन मांग की। इस घटना के बाद से किन्नर समाज आक्रोशित था और लगातार इंसाफ की मांग कर रहा था, लेकिन प्रशासन द्वारा आरोपियों पर कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने के चलते समुदाय में रोष और अविश्वास बढ़ता चला गया।

पढ़रीनाथ थाने के पास किन्नर बस्ती में मचा हड़कंप

घटना के दिन, पढ़रीनाथ थाना क्षेत्र की किन्नर बस्ती में एकाएक अफरा-तफरी मच गई जब 28 किन्नरों ने सामूहिक रूप से फिनाइल पी लिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस तुरंत मौके पर पहुंची और सभी को उपचार के लिए एमवाय अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। कुछ किन्नरों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, वहीं बाकी का इलाज डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा है।

अस्पताल में सुरक्षा बढ़ी, नाराज समुदाय ने किया जोरदार प्रदर्शन

जैसे ही इस दर्दनाक घटना की खबर शहर में फैली, एमवाय अस्पताल के बाहर और अंदर किन्नर समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जमा हो गए। उन्होंने अस्पताल परिसर में प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालात बिगड़ते देख पुलिस बल को अस्पताल बुलाया गया, जिसने स्थिति को नियंत्रित किया। इसके साथ ही अस्पताल में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

पढ़रीनाथ थाना परिसर में भी प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग

एमवाय अस्पताल के अलावा किन्नर समुदाय के लोगों ने पढ़रीनाथ थाना परिसर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि आरोपियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, और पुलिस सिर्फ जांच का भरोसा देकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर अब भी दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे पूरे शहर में बड़ा आंदोलन करेंगे।

एडिशनल डीसीपी ने दी जानकारी, जांच जारी

घटना पर बात करते हुए एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल ने बताया कि पढ़रीनाथ थाना क्षेत्र में 28 किन्नरों द्वारा फिनाइल पीने की पुष्टि हुई है। सभी को एमवाय अस्पताल में भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह कदम एक किन्नर के साथ हुए दुष्कर्म और वसूली के मामले में न्याय न मिलने के कारण उठाया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस घटना की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बयान दर्ज होने के बाद होगी कार्रवाई

पुलिस का कहना है कि जैसे ही अस्पताल में भर्ती किन्नरों की स्थिति सामान्य होती है, उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्हीं बयानों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पीड़िता के आरोपों की पुष्टि के लिए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जिन पत्रकारों के नाम सामने आ रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है।

महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग की नजर

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है। आयोग ने प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने की मांग की है। किन्नर समाज से जुड़े कई संगठनों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।

किन्नर समाज की पीड़ा: बहिष्कृत जीवन, कानून की अनदेखी

किन्नर समाज सदियों से समाज के हाशिए पर खड़ा है। उन्हें न सिर्फ सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, बल्कि न्याय व्यवस्था की लापरवाही का भी। इंदौर की यह घटना उस पीड़ा की चीख है जो वर्षों से अनसुनी रही है। जब कानून के रक्षक ही न्याय नहीं दे पाते, तब हाशिए पर खड़े समुदायों के सामने आत्महत्या जैसा रास्ता ही बचता है।

घटना का राजनीतिक असर, नेताओं की प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। किन्नरों के साथ हुए अत्याचार और फिर आत्महत्या की कोशिश इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल रहा।

मुख्यमंत्री से की गई न्याय की अपील

किन्नर समाज से जुड़े प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि वह इस घटना पर संज्ञान लें और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलवाएं। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि किन्नर समाज को भी समान नागरिक अधिकार दिए जाएं, ताकि उन्हें हर बार सड़क पर उतरकर अपने लिए लड़ना न पड़े।

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