कॉलेज में छात्राएं बदल रहीं थीं कपड़े, उजालदान से घात लगाए ABVP नेता बना रहे थे वीडियो, CCTV में खुला गंदा राज



मंदसौर के कॉलेज में छात्राएं कपड़े बदल रहीं थीं, ABVP नेताओं ने उजालदान से बनाया वीडियो, CCTV फुटेज में चेहरा आया सामने।


छात्राओं की निजता पर हमला: भानपुरा कॉलेज में युवतियों के कपड़े बदलते वक्त ABVP छात्रों ने बनाया वीडियो

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा शासकीय महाविद्यालय से एक शर्मनाक और निंदनीय घटना सामने आई है, जिसने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। कॉलेज परिसर में 14 अक्टूबर को आयोजित युवा उत्सव के दौरान जब छात्राएं एक कक्षा में कपड़े बदल रही थीं, तभी चार युवकों ने उजालदान (वेंटिलेशन) से झांककर मोबाइल से उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया। ये चारों छात्र न केवल कॉलेज के थे, बल्कि उनमें से तीन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पदाधिकारी भी हैं। सीसीटीवी फुटेज में इन छात्रों की घिनौनी हरकतें साफ-साफ कैद हो गईं, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज करते हुए तीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक अब भी फरार है।

युवा उत्सव बना शर्म का कारण, कक्षा में चल रहा था कपड़े बदलने का क्रम

14 अक्टूबर को भानपुरा कॉलेज में युवा उत्सव के दौरान छात्राएं कक्षा नंबर 10 में पोशाक बदलने के लिए गई थीं। यह सामान्य प्रक्रिया थी क्योंकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए छात्राएं डांस और अन्य प्रस्तुतियों की तैयारी कर रही थीं। लेकिन उसी दौरान चार छात्र उस कक्षा के उजालदान के पास पहुंचे और उनमें से दो ने एक-दूसरे के कंधे पर चढ़कर कक्षा में झांकना शुरू कर दिया। मोबाइल कैमरे से उन्होंने छात्राओं की वीडियो और फोटो खींचनी शुरू कर दी। कुछ छात्राओं को इस हरकत पर शक हुआ और उन्होंने तुरंत इस घटना की शिकायत प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रीति पंचोली से की।

सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ पूरा घटनाक्रम, तुरंत हुई कार्रवाई

जैसे ही कॉलेज प्रबंधन को इस गंदी करतूत की भनक लगी, उन्होंने बिना देर किए कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में चार युवक साफ तौर पर मोबाइल लेकर कक्षा के उजालदान के पास खड़े दिखे, जहां से वे छात्राओं के फोटो और वीडियो ले रहे थे। इस आधार पर पुलिस को सूचना दी गई और FIR दर्ज की गई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों — उमेश जोशी (ABVP नगर मंत्री), अजय गौड़ (नगर सह-महाविद्यालय प्रमुख) और हिमांशु बैरागी (कार्यकर्ता) — को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। चौथा आरोपी सरदार बंजारा, जो कि भीलखेड़ी का निवासी है, फरार है और उसकी तलाश पुलिस कर रही है।

ABVP ने हटाए आरोपी पदाधिकारी, संगठन की छवि पर लगा बड़ा दाग

इस घटना के सामने आने के बाद ABVP ने तत्काल प्रभाव से आरोपी उमेश जोशी और हिमांशु बैरागी को सभी पदों से मुक्त कर दिया। संगठन के जिला संयोजक चंद्रराज सिंह पंवार ने बयान जारी कर कहा कि परिषद में अनुशासनहीनता और अनैतिक गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य आरोपी छात्रों का संगठन से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, इस घटना ने ABVP की साख पर सवालिया निशान लगा दिया है, क्योंकि इसके प्रमुख पदाधिकारी इस घिनौनी हरकत में लिप्त पाए गए हैं।

थाना प्रभारी का बयान: नहीं मिला आपत्तिजनक वीडियो, फिर भी अपराध गंभीर

थाना प्रभारी रमेशचंद्र दांगी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जांच में अब तक छात्राओं का कोई आपत्तिजनक वीडियो बरामद नहीं हुआ है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से इस कृत्य को अंजाम दिया गया, वह महिला गरिमा के खिलाफ गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इसमें शामिल छात्रों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

NSUI का विरोध प्रदर्शन, आरोपी छात्रों पर सख्त धाराओं की मांग

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर छात्र राजनीति में भी बवाल मच गया है। कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के जिलाध्यक्ष रितिक पटेल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कॉलेज पहुंचकर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि इन आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए और छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। रितिक पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि छात्राओं की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने वाले चाहे किसी भी संगठन से हों, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों से छात्र राजनीति पर गहरा कलंक लगता है और संगठन को इससे सीख लेनी चाहिए।

घटना स्थल पर कैसे बनाई गई वीडियो? खुलासा हुआ चौंकाने वाला

CCTV फुटेज के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि छात्र जब उस कमरे के पास से गुजरे तो उन्होंने जानबूझकर योजना बनाकर छात्राओं की गतिविधियों पर नजर डाली। उन्होंने देखा कि कक्षा में छात्राएं कपड़े बदल रही हैं। इसके बाद वे वहां से हटे नहीं, बल्कि एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर उजालदान तक पहुंचे और वहां से मोबाइल कैमरे से वीडियो व फोटो लेने लगे। यह कृत्य एक बार की गलती नहीं, बल्कि पूरी तरह सोची-समझी साजिश प्रतीत हो रही है।

प्रशासन पर उठे सवाल, कॉलेज में कैसे नहीं हुआ पहले प्रबंध?

इस मामले के सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर छात्राओं को कपड़े बदलने के लिए जिस कक्षा का इस्तेमाल करने दिया गया, क्या वहां कोई व्यवस्था नहीं थी कि कोई झांक न सके? उजालदान जैसे स्थानों पर पर्दे या सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं थी? क्या महिला शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी? इन सब बातों को लेकर भी कॉलेज प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

पुलिस ने केस दर्ज कर बढ़ाया दायरा, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच शुरू

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अब इलेक्ट्रॉनिक फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और यह जांच की जा रही है कि कहीं उन्होंने वीडियो को सोशल मीडिया या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर साझा तो नहीं किया। पुलिस इस पहलू पर भी ध्यान दे रही है कि क्या यह पहली बार हुआ है या इससे पहले भी इस तरह की हरकतें इन छात्रों ने की थीं।

छात्राएं डरी-सहमी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

घटना के बाद कई छात्राएं डरी और सहमी हुई हैं। कुछ छात्राओं के अभिभावकों ने कॉलेज प्रशासन से संपर्क कर चिंता जताई है। उन्होंने मांग की है कि कॉलेज में महिला छात्रों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं, खासकर जब इस तरह के कार्यक्रम हों जहां कपड़े बदलने की जरूरत पड़े। छात्राओं की निजता और सुरक्षा को लेकर इस घटना ने पूरे प्रदेश में बहस छेड़ दी है।



क्या शिक्षण संस्थानों में बेटियां सुरक्षित हैं?

भानपुरा कॉलेज की यह घटना सिर्फ एक काले धब्बे की तरह नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और शिक्षा तंत्र की उस कमजोरी को उजागर करती है जहां बेटियों की सुरक्षा तक को गंभीरता से नहीं लिया जाता। ABVP जैसे जिम्मेदार छात्र संगठन से जुड़े छात्रों द्वारा किया गया यह कृत्य पूरे छात्र समुदाय को शर्मसार करता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या हमारी बेटियां कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी सुरक्षित नहीं हैं?

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