इटावा में ससुराल की प्रताड़ना से तंग हरिओम राठौर ने वंदे भारत ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी, वीडियो में बताई पूरी आपबीती
ससुराल की प्रताड़ना से टूटा युवक, वंदे भारत ट्रेन के आगे दी जान
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। यहां 25 वर्षीय हरिओम राठौर ने अपनी ससुराल वालों की लगातार प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। उसने वंदे भारत ट्रेन के आगे कूदकर जान दी और मरने से पहले अपने छोटे भाई को एक वीडियो भेजा जिसमें उसने सास, पत्नी, साला और सालियों पर मारपीट, कैद और मानसिक यातना देने के गंभीर आरोप लगाए। इस वीडियो ने न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है
घटना की रात: ट्रेन की चपेट में आकर मौत
यह दर्दनाक घटना शुक्रवार रात लगभग सवा आठ बजे की बताई जा रही है। भरथना रेलवे स्टेशन के पूर्वी दिशा में डाउन लाइन सिग्नल के पास हरिओम ने अचानक वंदे भारत ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। ट्रेन की तेज रफ्तार के चलते वह मौके पर ही कटकर मौत के मुंह में समा गया। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना जीआरपी पुलिस को दी। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। शनिवार दोपहर तक शव का पोस्टमार्टम पूरा कर लिया गया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है
चार महीने पहले हुई थी शादी, शुरू से चल रहा था तनाव
हरिओम राठौर की शादी चार महीने पहले बकेवर थाना क्षेत्र के सराय मिट्ठे गांव निवासी रोशनी के साथ हुई थी। परिवार के मुताबिक शादी के कुछ ही समय बाद से ससुराल पक्ष के लोग हरिओम से झगड़ा करने लगे थे। घर में छोटी-छोटी बातों पर विवाद बढ़ने लगा और हालात इतने बिगड़े कि आए दिन मारपीट की घटनाएं होने लगीं। भाई दूज के मौके पर जब हरिओम पत्नी के साथ ससुराल गया, तब वहां स्थिति और गंभीर हो गई। ससुराल में उसकी सास, साला अनिल, साडू विजय और दो सालियों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की।
दो दिन तक ससुराल में कैद कर रखा गया
हरिओम के बड़े भाई सत्यवीर राठौर ने बताया कि भाई दूज के दिन हरिओम को ससुराल वालों ने दो दिनों तक घर के अंदर बंद कर रखा। उसे न बाहर निकलने दिया गया, न किसी से बात करने दी गई। उन पर लगातार शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया गया। उन्होंने बताया कि हरिओम को केवल तब छोड़ा गया जब ससुराल वालों ने उसके पिता से दो लाख रुपये की मांग की और पैसा देने की बात हुई। किसी तरह वह वहां से जान बचाकर भागा और अपने घर पहुंचा, लेकिन उस घटना ने उसके मन में गहरा जख्म छोड़ दिया था
मौत से पहले भेजा दर्द भरा वीडियो
घर लौटने के बाद हरिओम बेहद टूट चुका था। शुक्रवार शाम उसने एक वीडियो रिकॉर्ड किया और अपने छोटे भाई को भेजा। वीडियो में उसकी आंखों में आंसू और आवाज में दर्द झलक रहा था। उसने कहा, “हेलो भाइयों, आज मैं बहुत मजबूर हूं। मेरे ससुराल वालों ने मुझे दो दिन तक बहुत मारा। मेरी सास, साला अनिल, साडू विजय, घरवाली और उसकी दो बहनों ने घर के अंदर बंद कर पीटा। मैंने बहुत मदद के लिए पुकारा लेकिन कोई नहीं आया। उन्होंने मेरे पिता से दो लाख रुपये मांगे, तब जाकर छोड़ा। मुझे इतना मारा कि मैं अब चलने लायक नहीं हूं। मुझे आत्महत्या करनी पड़ रही है। प्रशासन से गुजारिश है कि इन लोगों को सजा जरूर मिले।”
आत्महत्या से पहले दिखा दर्द, वीडियो बना सबूत
हरिओम का यह आखिरी वीडियो अब पुलिस के लिए एक अहम सबूत बन गया है। जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि परिजनों के बयान और वीडियो के आधार पर विस्तृत जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में स्पष्ट हुआ है कि आत्महत्या की घटना रेलवे ट्रैक पर हुई, जबकि मारपीट का मामला बकेवर थाना क्षेत्र का है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ससुराल वालों पर हत्या के आरोप
हरिओम के परिजनों का कहना है कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश है। उन्होंने पत्नी रोशनी, सास, साला अनिल, साडू विजय और दो सालियों पर सीधे आरोप लगाए हैं कि इन्होंने हरिओम को इतना प्रताड़ित किया कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया। परिवार ने जिला प्रशासन से न्याय की मांग की है और कहा है कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती, वे चैन से नहीं बैठेंगे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की कार्रवाई
जीआरपी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा लिया है। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं, जिससे लगता है कि युवक के साथ हाल में मारपीट हुई थी। हालांकि अंतिम निष्कर्ष रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होंगे। थाना बकेवर प्रभारी विपिन मालिक ने बताया कि अभी तक कोई औपचारिक तहरीर नहीं मिली है, लेकिन जैसे ही परिजन शिकायत देंगे, आरोपियों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी जाएगी।
गांव में मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हरिओम के गांव नगला चंद उद्देतपुरा में माहौल गमगीन है। ग्रामीणों के अनुसार हरिओम शांत स्वभाव का और मेहनती युवक था। उसने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं की थी। उसकी अचानक मौत की खबर से पूरा गांव सदमे में है। परिवार की महिलाओं की हालत खराब है, वहीं पिता सीताराम राठौर लगातार बेहोश हो रहे हैं। लोग ससुराल पक्ष के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।
एक और परिवार टूटा, न्याय की उम्मीद बाकी
हरिओम राठौर की मौत ने समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या विवाह संबंधों में बढ़ते मतभेद अब मौत का कारण बन रहे हैं? क्या ससुराल पक्ष द्वारा मानसिक और आर्थिक शोषण की घटनाओं को अब भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा? यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि उस सामाजिक व्यवस्था का आईना है जहां प्रेम और भरोसे की जगह लालच और अत्याचार ने ले ली है। अब देखना यह है कि क्या हरिओम को न्याय मिल पाएगा या उसकी आवाज भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगी


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