तीसरे दिन बहुएं लेकर भाग गईं ज्वेलरी और नकदी, सालभर बाद मथुरा की लुटेरी दुल्हन काजल गुरुग्राम से गिरफ्तार, पिता मास्टरमाइंड।
जयपुर में तय हुआ रिश्ता, सीकर में हुई शादी और फिर गायब हो गईं दुल्हनें
राजस्थान के सीकर जिले से शुरू हुआ यह अनोखा ठगी का मामला अब अंतरराज्यीय अपराध बन चुका है। मथुरा निवासी काजल और उसकी बहन तमन्ना ने दो भाइयों से धूमधाम से शादी की। लेकिन तीसरे दिन ही वो नकदी और गहने लेकर फरार हो गईं। इस घटना से दूल्हों के परिवार में जहां आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा, वहीं समाज में बदनामी का डर भी सिर पर मंडराने लगा। पीड़ित परिवार ने साहस दिखाते हुए पुलिस में केस दर्ज करवाया, और आखिरकार एक साल की कड़ी मेहनत के बाद काजल को गिरफ्तार कर लिया गया।
11 लाख रुपए में बुक हुई थीं दोनों दुल्हनें
पीड़ित परिवार के मुखिया ताराचंद जाट ने 26 नवंबर 2024 को सीकर जिले के दांतारामगढ़ थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि जयपुर में भगत सिंह नाम के व्यक्ति से उनकी मुलाकात हुई थी, जिसने अपनी दोनों बेटियों काजल और तमन्ना के लिए शादी का प्रस्ताव रखा। बातचीत के बाद शादी तय हो गई और 11 लाख रुपये एडवांस शादी के खर्चे और रस्मों के नाम पर ले लिए गए।
21 मई 2024 को खाचरियावास के गोविंद अस्पताल के गेस्ट हाउस में दोनों भाइयों भंवर लाल और शंकर लाल की शादी कर दी गई। विवाह समारोह पूरी रीतियों के साथ संपन्न हुआ, मगर तीसरे ही दिन काजल, तमन्ना और उनके पूरे परिवार ने अचानक घर छोड़ दिया।
शादी के तीसरे दिन ही गहने और नकदी लेकर फरार हो गया पूरा गिरोह
शादी के बाद दो दिन तक सबकुछ सामान्य रहा। काजल और तमन्ना ने न तो कोई आपत्ति जताई और न ही कोई संदेहास्पद गतिविधि की। तीसरे दिन सुबह उठने पर जब परिवार ने देखा कि बहुएं और उनके परिजन घर में नहीं हैं, तब जाकर उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। वे अपने साथ दूल्हों के कीमती गहने, नकदी और अन्य सामान लेकर गायब हो गए थे।
इस घटना से पीड़ित परिवार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ, साथ ही समाज में बदनामी झेलनी पड़ी। आखिरकार, ताराचंद ने पुलिस का सहारा लिया और दांतारामगढ़ थाने में ठगी का मुकदमा दर्ज करवाया गया।
एक साल तक लोकेशन बदलती रही काजल, तकनीक के जरिए आई पुलिस की पकड़ में
गिरफ्तारी से बचने के लिए काजल लगातार अपनी लोकेशन बदलती रही। उसने मथुरा, फरीदाबाद, दिल्ली, गाजियाबाद, रोहतक जैसे शहरों में कई जगह शरण ली। मगर पुलिस ने हार नहीं मानी। मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और तकनीकी सर्विलांस की मदद से आखिरकार गुरुग्राम के सरस्वती इन्क्लेव में उसकी मौजूदगी का पता चला। पुलिस ने गली नंबर दो के एक मकान में रेड डालकर उसे अरेस्ट कर लिया। वह वहां अंकित नामक व्यक्ति के मकान में किराए पर रह रही थी।
मथुरा के गोवर्धन से है गिरोह का कनेक्शन, पूरा परिवार पहले ही गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार काजल और उसका पूरा परिवार मूलतः उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गोवर्धन का रहने वाला है। इसके पिता भगत सिंह, मां सरोज, भाई सूरज और बहन तमन्ना पहले ही पुलिस की गिरफ्त में हैं। भगत सिंह ही इस पूरे ठगी रैकेट का मास्टरमाइंड है।
भगत सिंह एक सुनियोजित योजना के तहत अपनी बेटियों को कुंवारी बताकर शादी के लिए रिश्ता तलाशता था। वह ऐसे परिवारों को निशाना बनाता था, जहां बेटे योग्य, अमीर लेकिन कुंवारे होते थे। झूठे रिश्ते कराके शादी होती थी और फिर दो-तीन दिन में बहुएं ससुराल से नकदी और जेवर लेकर फरार हो जाती थीं।
शादी से पहले भी ठगी का प्लान, शादी के बाद नहीं बनाते थे संबंध
पुलिस पूछताछ में काजल ने बताया कि उनके गिरोह का मकसद केवल ठगी करना था, शादी नहीं निभाना। शादी के बाद भी वह पति से शारीरिक संबंध नहीं बनाती थीं, ताकि भविष्य में उन्हें वैवाहिक या दांपत्य कानूनों में कोई अड़चन न आए। तीन दिन के अंदर ही सारा माल समेट कर निकल जाते थे।
राजस्थान, यूपी और हरियाणा तक फैला था लुटेरी दुल्हनों का नेटवर्क
काजल और उसका परिवार केवल राजस्थान तक सीमित नहीं था। उनका नेटवर्क उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और आसपास के राज्यों तक फैला था। अब तक की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह करीब दर्जन भर मामलों में लुटेरी शादी कर चुका है। कई केस ऐसे हैं जहां पीड़ितों ने बदनामी के डर से रिपोर्ट तक नहीं की।
अदालत में पेश, रिमांड पर भेजी गई काजल
गिरफ्तारी के बाद काजल को सीकर लाकर अदालत में पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि काजल ने किन-किन जिलों में शादियां की थीं और किन परिवारों को निशाना बनाया गया।
इसके अलावा, पुलिस उन तमाम युवकों से भी संपर्क कर रही है, जिन्होंने कभी भगत सिंह के परिवार से रिश्ता जोड़ने की कोशिश की थी या जिन्हें इस गिरोह ने टारगेट किया था।
सोशल मीडिया से मिलते थे शिकार, रिश्तों की वेबसाइटों का भी होता था इस्तेमाल
जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करता था। कभी फेसबुक तो कभी शादी की वेबसाइटों पर प्रोफाइल बनाकर शिकार ढूंढ़े जाते थे। प्रोफाइल इतनी आकर्षक होती कि कोई भी आसानी से फंस जाता।
बदलेगा कानून? शादी के नाम पर ठगी पर सख्ती की मांग
इस मामले के सामने आने के बाद अब समाज में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि शादी के नाम पर ठगी करने वाले ऐसे गिरोहों पर विशेष कानून होना चाहिए। दूल्हों के परिवार की सामाजिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि विवाह आधारित ठगी के लिए अलग से कड़ा प्रावधान बनाया जाए।


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