1978 का डर लौट आया! 2025 में यमुना के विकराल रूप से दिल्ली में हाहाकार, UP-बिहार-झारखंड समेत 10 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट



दिल्ली में यमुना का जलस्तर 1978 के रिकॉर्ड के करीब, राजधानी समेत UP-बिहार-झारखंड और पंजाब-एमपी में भारी बारिश का रेड अलर्ट


1978 की बाढ़ की यादें और 2025 का खौफ

देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों मूसलाधार बारिश और यमुना के उफान से जूझ रही है. मौसम विभाग की चेतावनियों के बीच लोगों के जहन में 1978 की बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं, जब यमुना का पानी सड़कों पर बह निकला था और लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा था. 2025 में हालात लगभग वैसा ही दृश्य दिखा रहे हैं. हरियाणा से छोड़े गए पानी और लगातार हो रही बारिश के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया है, जो 1978 के रिकॉर्ड 207.49 मीटर को छूने ही वाला है.

दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

दिल्ली की मजनू का टीला, बदरपुर और मदनपुर खादर जैसे इलाकों में यमुना का पानी घुस गया है. यहां के लोग अस्थायी राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं. प्रशासन ने तुरंत निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है. लोहे के रेलवे पुल पर बढ़ते खतरे को देखते हुए उसे यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. बुजुर्गों का कहना है कि 1978 में भी ऐसे ही हालात बने थे, जब दिल्ली की पॉश कॉलोनियां तक जलभराव की चपेट में आ गई थीं.

दिल्ली में बारिश का ताजा पूर्वानुमान

मौसम विभाग का अनुमान है कि पांच सितंबर को दिल्ली में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. छह और सात सितंबर को आंधी के साथ बारिश जारी रह सकती है. आठ और नौ तारीख को आसमान में बादल तो रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना कम रहेगी. लगातार हो रही बारिश और हरियाणा से छोड़े जा रहे पानी के चलते यमुना का जलस्तर और बढ़ने की आशंका बनी हुई है.

उत्तर प्रदेश में सात सितंबर तक झमाझम बरसात

उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सात सितंबर तक बरसात का सिलसिला जारी रहेगा. पश्चिमी और पूर्वी यूपी के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर रहेगा. पांच सितंबर को पूरे राज्य में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है. छह और सात सितंबर को पश्चिमी यूपी में अधिक बारिश हो सकती है, जबकि पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर ही पानी बरसेगा.

बिहार में 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश

बिहार में आज पश्चिम चंपारण, सीवान, बेगूसराय, पटना, गया, औरंगाबाद और कैमूर समेत 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है. वहीं, बाकी जिलों में हल्की बूंदाबांदी का अनुमान है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 6 सितंबर से बिहार में भारी बारिश की स्थिति बन सकती है.

झारखंड में अलर्ट, रांची समेत कई जिलों में आफत की बारिश

झारखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. रांची, गुमला, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम में मूसलाधार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में जलभराव बढ़ गया है.

मध्य प्रदेश में तीन दिन भारी बारिश का अनुमान

मध्य प्रदेश में भी अगले तीन दिन भारी बारिश का दौर रहने वाला है. धार, मंडला, बालाघाट, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, खरगोन और अलीराजपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इन इलाकों में नदी-नाले उफान पर आ सकते हैं और प्रशासन को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.

राजस्थान में बारिश की रफ्तार

राजस्थान में अगले दो दिन तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. पूर्वी राजस्थान के सभी जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है, जबकि पश्चिमी राजस्थान में बारिश का असर अपेक्षाकृत कम रहेगा. इसके बाद राज्य में बारिश की रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना है.

पंजाब में रेड अलर्ट

पंजाब में मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. पठानकोट और गुरदासपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं जालंधर, अमृतसर, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, नवांशहर, कपूरथला, होशियारपुर, लुधियाना, मोहाली और तरनतारन जिलों में येलो अलर्ट लागू किया गया है.

उत्तराखंड और हिमाचल में अलर्ट

उत्तराखंड के नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में येलो अलर्ट जारी किया गया है. यहां भारी बारिश से भूस्खलन और नदियों के उफान का खतरा बढ़ गया है. उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली और देहरादून समेत 13 जिलों में बारिश जारी रहने का अनुमान है. हिमाचल प्रदेश में भी कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है.

प्रशासन की तैयारियां और लोगों की दिक्कतें

दिल्ली और आसपास के राज्यों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. राहत शिविर बनाए जा रहे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. फिर भी लगातार बढ़ते जलस्तर और बारिश की वजह से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है, रेलवे ट्रैक डूबने का खतरा है और कई जगहों पर बिजली सप्लाई ठप हो गई है.

2025 का मानसून और बदलती जलवायु का असर

विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 का मानसून जलवायु परिवर्तन की वजह से और ज्यादा अनिश्चित और खतरनाक होता जा रहा है. 1978 की बाढ़ जैसी स्थिति का खतरा अब ज्यादा बड़ा दिख रहा है, क्योंकि दिल्ली और अन्य शहरों की जनसंख्या कई गुना बढ़ चुकी है और बुनियादी ढांचे पर दबाव भी बढ़ा है. यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ा, तो राजधानी के बड़े हिस्से में भारी तबाही हो सकती है.

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