कानपुर में 10वीं कक्षा के छात्र ने इंस्टाग्राम पर शायरी लिखने के बाद हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, सुसाइड नोट बरामद
इंस्टाग्राम पर शायरी के बाद 10वीं का छात्र फांसी पर झूला
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 10वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे 16 वर्षीय छात्र सृजन ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। इससे पहले उसने अपनी मां से फोन पर बातचीत की और इंस्टाग्राम पर एक दर्दभरी शायरी पोस्ट की। शायरी में उसने लिखा था- "तुमसे दूर जाने का इरादा तो न था, साथ रहने का कोई वादा न था, तुम याद नहीं करोगे यह तो जानते थे पर इतनी जल्दी भूल जाओगे हमें यह अंदाजा न था।" इस पोस्ट के कुछ ही देर बाद उसने आत्महत्या कर ली।
घटना का खुलासा कैसे हुआ
घटना कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के हितकारी नगर की है। सृजन मूल रूप से भोगनीपुर पुखरायां, कानपुर देहात का रहने वाला था। वह पिछले चार महीने से कटियार हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। शनिवार देर रात जब वह अपने कमरे से बाहर नहीं आया तो हॉस्टल स्टाफ को शक हुआ। खिड़की से झांकने पर उन्होंने देखा कि छात्र का शव पंखे से लटक रहा है। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था
पुलिस ने जब सुसाइड नोट को पढ़ा तो उसमें लिखा मिला- "मैं अपने मन से आत्महत्या कर रहा हूं। भैया, मम्मी-पापा का ख्याल रखना।" इस छोटे से संदेश ने परिवार के साथ-साथ पुलिस को भी झकझोर दिया। फिलहाल पुलिस छात्र के मोबाइल की जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि आत्महत्या की असली वजह क्या थी।
मां से आखिरी बातचीत
घटना से कुछ देर पहले सृजन ने अपनी मां ऊषा से लंबी बातचीत की थी। भाई हर्षित ने बताया कि उसने मां को भरोसा दिलाया था कि वह मन लगाकर पढ़ाई कर रहा है और उसका रिजल्ट उम्मीद से बेहतर आएगा। उसने बातचीत के दौरान किसी भी प्रकार के मानसिक दबाव या परेशानी का जिक्र नहीं किया। मां को यह अंदाजा भी नहीं था कि कुछ ही देर बाद उनका बेटा यह खौफनाक कदम उठा लेगा।
परिवार में मातम का माहौल
घटना के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मां ऊषा अपने बेटे की मौत को लेकर लगातार बेहोश हो रही हैं। पिता करण सिंह, जो भोगनीपुर में कारोबार करते हैं, समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उनके बेटे ने यह कदम क्यों उठाया। छोटे बेटे और बेटी की आंखों में भी डर और सदमा साफ झलक रहा है। परिजन यह सोचकर टूट गए हैं कि जिसने हमेशा परिवार को संभालने का भरोसा दिया था, वही अचानक यूं चला जाएगा।
पुलिस की जांच
रावतपुर थाना प्रभारी केके मिश्रा ने बताया कि छात्र के पास से मिले सुसाइड नोट और मोबाइल फोन को जांच के लिए कब्जे में ले लिया गया है। मोबाइल की चैट हिस्ट्री, कॉल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति और स्पष्ट होगी। फिलहाल पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या किसी ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया था या यह पूरी तरह मानसिक दबाव का परिणाम था।
4 महीने पहले ही आया था हॉस्टल
सृजन चार महीने पहले ही कटियार हॉस्टल में रहने आया था। परिवार के मुताबिक वह पढ़ाई में अच्छा था और कभी भी उदासी या डिप्रेशन के लक्षण नहीं दिखाता था। उसका सपना था कि वह अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास करे और आगे चलकर परिवार का नाम रोशन करे। लेकिन अब परिवार को समझ नहीं आ रहा कि उसने अचानक इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।
सोशल मीडिया पर आखिरी पोस्ट से बढ़ा दर्द
इंस्टाग्राम पर डाली गई शायरी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कई लोग इसे पढ़कर भावुक हो रहे हैं और आत्महत्या की रोकथाम पर चर्चा कर रहे हैं। शायरी की पंक्तियों से यह साफ झलकता है कि सृजन अंदर ही अंदर टूट चुका था, लेकिन उसने कभी किसी को यह दर्द बताया नहीं।
समाज में मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि आखिर बच्चों और किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परिवार और समाज कितनी गंभीरता दिखा रहे हैं। अक्सर बच्चे अपनी परेशानियों को खुलकर नहीं बताते और चुपचाप दबाव झेलते रहते हैं। इस दौरान अगर सही समय पर उनकी भावनाओं को समझा जाए तो शायद कई जिंदगियां बच सकती हैं।
कानपुर का यह मामला एक चेतावनी है कि आत्महत्या जैसे कदम के पीछे कितने गहरे मानसिक संघर्ष छिपे होते हैं। सृजन की मौत ने उसके परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया है और समाज को भी यह सोचने पर मजबूर किया है कि आखिर क्यों हमारे बच्चे इतनी कम उम्र में जीवन से हार मान रहे हैं। पुलिस जांच कर रही है लेकिन असली सवाल यह है कि क्या परिवार और समाज मिलकर बच्चों को ऐसा भावनात्मक सहारा दे पाएंगे कि उन्हें आत्महत्या जैसा कदम न उठाना पड़े।


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