स्वागत में पहनाई माला, और फिर मारा सिर पर तमाचा! रायबरेली में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला, वीडियो वायरल



रायबरेली में माला पहनाने के बहाने दो युवकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला किया, सिर पर तमाचा मारा, वीडियो हुआ वायरल।


स्वागत में पहनाई माला, फिर मारा तमाचा: रायबरेली में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला

उत्तर प्रदेश की राजनीति में रविवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब RSSP के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर रायबरेली में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान हमला कर दिया गया। घटना मिलएरिया थाना क्षेत्र के सारस चौराहे पर हुई, जहां मौर्य एक स्वागत समारोह में शामिल होने रुके थे। भीड़ में मौजूद दो युवकों ने पहले उन्हें माला पहनाई और फिर अचानक उनके सिर पर तमाचा जड़ दिया। पूरा हमला कैमरे में कैद हो गया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

तमाचा मौर्य पर पड़ा या कार्यकर्ता पर? हमले की पूरी घटना कैमरे में कैद

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक युवक भीड़ के बीच से चुपचाप आगे आता है, और जैसे ही मौर्य को माला पहनाई जाती है, वह उनके सिर की ओर तमाचा मारता है। हालांकि, झटके में तमाचा स्वामी प्रसाद मौर्य की बजाय एक पास खड़े कार्यकर्ता को लग जाता है, लेकिन हमले का निशाना साफ था – मौर्य।

वहीं, हमला होते ही मौके पर मौजूद बॉडीगार्ड और पार्टी कार्यकर्ताओं ने हमलावर को दबोच लिया। बताया जा रहा है कि एक युवक मौके से भागने की कोशिश में था, लेकिन कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़ लिया और जमकर पीटा।

इंस्पेक्टर की वर्दी पर भी छलका खून, कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा

हमले के बाद कार्यकर्ता इतने गुस्से में थे कि उन्होंने दोनों युवकों को पुलिस की मौजूदगी में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान इंस्पेक्टर अजय राय की वर्दी भी खून से सनी हुई दिखाई दी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मारपीट कितनी उग्र थी। हमलावरों की पिटाई के बाद पुलिस ने स्थिति को काबू में लिया और दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया।

स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान: करणी सेना के लोग योगी सरकार के गुंडे हैं!

घटना के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार और करणी सेना पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा,

"ये करणी सेना के गुंडे हैं, जो योगी सरकार की शह पर हमला कर रहे हैं। इन्हें सजातीय होने का लाभ मिल रहा है।"

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा समर्थित संगठन हिंसा और गुंडई के दम पर लोकतंत्र का गला घोंटना चाहते हैं, लेकिन वह झुकने वाले नहीं हैं।

यात्रा के दौरान रायबरेली में रुके थे मौर्य, अचानक हुआ हमला

सूत्रों के अनुसार, स्वामी प्रसाद मौर्य लखनऊ से फतेहपुर की यात्रा पर निकले थे, लेकिन रास्ते में रायबरेली के सारस चौराहे पर उनके स्वागत के लिए समर्थकों की भीड़ जुटी थी। उसी दौरान, हमला हुआ। मौके पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमला होने पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

हमला पूर्व नियोजित था या नहीं? पुलिस जांच में जुटी

घटना के बाद रायबरेली पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह हमला पूर्व नियोजित था या भीड़ में किसी ने मौके का फायदा उठाया। पुलिस सभी वीडियो फुटेज की जांच कर रही है।

वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपियों का संबंध किसी राजनीतिक या उग्र संगठन से है, जैसा कि मौर्य का इशारा करणी सेना की ओर था।

कार्यकर्ताओं की सतर्कता से टली बड़ी अनहोनी, मौर्य सुरक्षित

गौर करने वाली बात यह रही कि हमले के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई है। घटना के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया और स्थिति को नियंत्रण में लाया।

हमलावरों की पहचान और उनकी मंशा को लेकर पुलिस जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है।

हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, राजनीति गरमाई

इस पूरी घटना का वीडियो कई मोबाइल कैमरों में रिकॉर्ड हुआ, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में हमलावर साफ तौर पर नजर आ रहे हैं।

घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कई नेताओं ने मौर्य के समर्थन में ट्वीट किए और इस घटना को लोकतंत्र पर हमला करार दिया।

स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान, मानी जाती है मजबूत पिछड़ी जाति की आवाज

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य पूर्व में भाजपा, सपा और बसपा जैसे दलों के साथ रह चुके हैं। वे अक्सर हिंदुत्व, आरक्षण और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहते हैं। उनका सामाजिक जनाधार खासकर पिछड़ी जातियों में मजबूत माना जाता है।



UP Politics में नया मोड़? जानलेवा हमला या राजनीतिक संदेश?

इस हमले ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सिर्फ एक स्वागत समारोह में शरारती तत्वों की हरकत थी या किसी संगठन का राजनीतिक संदेश?

इसका जवाब अब पुलिस और जांच एजेंसियों को देना है। फिलहाल, मौर्य समर्थकों में गुस्सा है और सरकार पर निशाना साधा जा रहा है।

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