गाज़ीपुर स्कूल में छात्र की चाकू मारकर हत्या, पिता फ्रीजर में बेटे का शव देख फूट-फूटकर रोए, आरोपी नाबालिग गिरफ्तार
गाज़ीपुर स्कूल में छात्र की दर्दनाक हत्या से सनसनी, पिता ने फ्रीजर में बेटे का शव देखकर खोई सुध-बुध
घटना का खौफनाक दिन
उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले में सोमवार को स्कूल में बच्चों के बीच हुआ विवाद खून-खराबे में बदल गया। 10वीं के छात्र आदित्य वर्मा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई, जबकि तीन अन्य छात्र घायल हो गए। यह वारदात सुबह उस समय हुई जब कक्षाओं का सामान्य क्रम चल रहा था। छात्रों के बीच मामूली कहासुनी अचानक हिंसक झगड़े में बदल गई। आरोपी छात्र ने थरमस में छिपाकर चाकू लाया था और मौका पाकर आदित्य पर ताबड़तोड़ वार कर दिए।
पिता का दर्दनाक पल
हत्या की खबर घर पहुंची तो माता-पिता को पहले विश्वास ही नहीं हुआ। कुछ ही घंटे पहले उन्होंने अपने बेटे को तैयार करके स्कूल भेजा था। आदित्य के पिता शिवजी वर्मा अस्पताल पहुंचे तो वहां उन्हें बेटे की मौत की पुष्टि हुई। जब मोर्चरी में स्टाफ ने फ्रीजर से शव बाहर निकाला और पिता को दिखाया, तो वह बार-बार बेटे का चेहरा सहलाकर मानो यकीन करने की कोशिश कर रहे थे कि यह सच नहीं हो सकता। उसी क्षण उनका धैर्य टूटा और वह फूट-फूटकर रो पड़े।
आरोपी की पृष्ठभूमि
हत्या का मुख्य आरोपी 9वीं का छात्र है। जानकारी के अनुसार वह पहले से ही झगड़ालू प्रवृत्ति का था। आदित्य के दोस्त नमन जायसवाल, जो हमले में घायल हुआ, ने बताया कि आरोपी छात्र अक्सर सहपाठियों से विवाद करता था। 14 और 15 अगस्त को भी उसने स्कूल के बाहर झगड़ा किया था। इसकी जानकारी स्कूल प्रशासन तक पहुंची थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अगर समय रहते कदम उठाए जाते, तो शायद यह खौफनाक घटना टल सकती थी।
हमले का सिलसिला
आंखों देखी गवाही के अनुसार घटना से पहले क्लास के बाहर आरोपी और उसके दोस्तों ने आदित्य को पीटा। शिक्षक बीच-बचाव कर मामला शांत कराने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन कुछ ही देर बाद जब आदित्य और उसके दोस्त बाथरूम की ओर गए, तभी आरोपी ने मौका पाकर हमला बोल दिया। चाकू से पांच बार वार कर आदित्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। हमले के दौरान आरोपी ने खुद के हाथों को भी घायल किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसने इस वारदात को पहले से सोचा-समझा था।
स्कूल प्रशासन की लापरवाही
मामले ने स्कूल प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर तो स्कूल परिसर में हथियार लाया गया और किसी को भनक तक नहीं लगी। दूसरी ओर, आरोपी छात्र की पहले से हिंसक प्रवृत्ति और लगातार हो रहे विवादों को नज़रअंदाज़ किया गया। प्रिंसिपल ने माना कि आरोपी ने आदित्य पर वार करने के बाद खुद को भी घायल किया, लेकिन इस तरह का घातक हथियार स्कूल तक कैसे पहुंचा, यह सवाल अभी अनुत्तरित है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। अपर पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र प्रसाद ने बताया कि नामजद दोनों आरोपी छात्रों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और स्कूल प्रशासन से भी पूछताछ की जा रही है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
आदित्य वर्मा अपने दो भाइयों में सबसे छोटा था और रोजाना स्कूल बस से स्कूल आता-जाता था। पूरे मोहल्ले में वह एक शांत और मेहनती छात्र के रूप में जाना जाता था। उसकी मौत की खबर सुनते ही गांव और आसपास के इलाके में मातम छा गया। पिता की आंखों के सामने जब फ्रीजर से शव निकाला गया तो पूरा अस्पताल सन्नाटे में डूब गया। लोग उनके दर्द को देखकर भी रो पड़े।
समाज पर बड़ा सवाल
इस घटना ने न केवल शिक्षा व्यवस्था बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और स्कूल सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। एक नाबालिग छात्र द्वारा इतनी गंभीर वारदात को अंजाम देना और प्रशासन द्वारा समय रहते कदम न उठाना शिक्षा प्रणाली की बड़ी खामियों को उजागर करता है।
गाज़ीपुर की यह घटना बच्चों के भविष्य और समाज की दिशा को लेकर चिंता बढ़ाती है। यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि किशोर उम्र में हिंसा की प्रवृत्ति को हल्के में लेना कितना खतरनाक साबित हो सकता है।


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