गाजीपुर में इंस्टाग्राम सुसाइड अलर्ट के बाद यूपी पुलिस 18 मिनट में 12 KM दौड़कर पहुंची और युवती की जान बचाई
इंस्टाग्राम से मिला सुसाइड अलर्ट, यूपी पुलिस की सूझबूझ ने बचाई जान
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ने एक युवती की जान बचाने में अप्रत्याशित भूमिका निभाई. यहां एक युवती ने प्रेम संबंध में विवाद के बाद आत्महत्या का प्रयास करते हुए अपना वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया. वीडियो सीधे यूपी पुलिस के डिजी कार्यालय लखनऊ तक पहुंचा, जहां से तुरंत सादात थाने को सूचना दी गई. पुलिस ने बिना समय गंवाए महज 18 मिनट में 12 किलोमीटर की दूरी तय कर युवती के घर पहुंचकर उसे अचेत अवस्था में पाया और अस्पताल पहुंचाया, जिससे समय रहते उसकी जान बच गई
कैसे मिला पुलिस को सुसाइड का अलर्ट
मंगलवार दोपहर गाजीपुर के सादात थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती ने मानसिक तनाव में आकर दवा की भारी मात्रा निगल ली. प्रेमी से किसी विवाद के कारण वह मानसिक रूप से आहत थी और उसे जीवन निरर्थक लगने लगा था. इस दौरान उसने दवा खाने का पूरा वीडियो रिकॉर्ड कर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड कर दिया. इंस्टाग्राम से जुड़े मॉनिटरिंग सिस्टम ने यह कंटेंट गंभीर श्रेणी में पाया और सूचना सीधे यूपी डीजीपी मुख्यालय लखनऊ को भेज दी. वहां से मामला तत्काल सादात थाने को ट्रांसफर कर दिया गया
18 मिनट में 12 किलोमीटर का सफर
पुलिस को पता चला कि युवती का घर थाने से 12 किलोमीटर दूर है. तुरंत पुलिस टीम महिला कांस्टेबल के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुई. तेज रफ्तार और सही दिशा में ड्राइविंग करते हुए टीम मात्र 18 मिनट में गांव पहुंची. वहां युवती के परिवार को भी उसकी हरकत की जानकारी नहीं थी. पुलिस ने घर में दाखिल होकर देखा तो युवती कमरे में अचेत पड़ी थी. हालत गंभीर थी और समय बर्बाद करने की कोई गुंजाइश नहीं थी
महिला कांस्टेबल ने संभाली कमान
पुलिस ने तत्काल महिला कांस्टेबल की मदद से युवती को उठाकर पास के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि युवती ने नींद की गोलियां भारी मात्रा में खाई थीं, जो जीवन के लिए बेहद खतरनाक थी. समय रहते इलाज शुरू होने के कारण उसका जीवन बच गया. धीरे-धीरे युवती को होश आया और वह बातचीत करने लायक हुई
क्यों उठाया युवती ने यह कदम
होश में आने के बाद महिला कांस्टेबल ने युवती से पूछा कि आखिर उसने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया. युवती ने बताया कि वह अपने प्रेमी से किसी निजी विवाद के कारण बेहद आहत थी. उसे लगा कि उसका जीवन अब बेकार है और जीने का कोई कारण नहीं बचा. भावनाओं में बहकर उसने दवा खाने जैसा खतरनाक कदम उठा लिया
परिजनों की प्रतिक्रिया
जब परिवार को पता चला कि उनकी बेटी ने आत्महत्या का प्रयास किया है, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि अगर पुलिस समय पर न पहुंचती, तो स्थिति बेहद भयावह हो सकती थी. युवती के माता-पिता ने यूपी पुलिस को दिल से धन्यवाद दिया और उनकी तत्परता की सराहना की. उनका कहना था कि आज अगर पुलिस ने तुरंत एक्शन न लिया होता, तो उनकी बेटी अब इस दुनिया में न होती
अधिकारियों का बयान
क्षेत्राधिकारी भुडकुडा सुधाकर पांडे ने मीडिया को बताया कि सादात पुलिस को डिजी कार्यालय लखनऊ से यह सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही टीम महिला कांस्टेबल के साथ लोकेशन पर रवाना हुई और वहां युवती को गंभीर हालत में पाया. उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया और सही समय पर इलाज होने से उसकी जान बच गई
सोशल मीडिया का सकारात्मक चेहरा
यह घटना सोशल मीडिया की शक्ति का सकारात्मक उदाहरण है. आमतौर पर सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजी पलों की साझेदारी होती है, लेकिन कभी-कभी यह जान बचाने का माध्यम भी बन सकता है. इंस्टाग्राम के जरिए यूपी पुलिस को मिली इस त्वरित सूचना ने यह साबित कर दिया कि तकनीक और मानवीय संवेदनाएं मिलकर जिंदगियां बचा सकती हैं
पुलिस की तत्परता और इंसानी जज्बा
18 मिनट में 12 किलोमीटर का सफर तय करना, घटनास्थल पर पहुंचकर अचेत युवती को संभालना और तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना पुलिस की पेशेवर तत्परता और मानवीय जज्बे का उदाहरण है. इस तरह के उदाहरण न केवल पुलिस की सकारात्मक छवि को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज को भी यह संदेश देते हैं कि संकट की घड़ी में मदद मांगने से हिचकना नहीं चाहिए।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।