बरेली में किसान सम्मान निधि, विधवा पेंशन घोटाला: 1.80 करोड़ का खेल, बैंक मैनेजर गिरफ्तार, पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे


बरेली में सहकारी बैंक के 1.80 करोड़ घोटाले का खुलासा, मैनेजर गिरफ्तार, किसान सम्मान निधि और विधवा पेंशन की रकम हड़पी गई


बरेली के फरीदपुर में 1.80 करोड़ रुपये का बैंक घोटाला, पहली गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर स्थित जिला सहकारी बैंक की शाखा में हुए 1.80 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है. इस मामले में सोमवार को पुलिस ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित शाखा प्रबंधक गौरव वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में गौरव वर्मा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए, जिनमें किसान सम्मान निधि और विधवा पेंशन योजना की रकम का दुरुपयोग सामने आया. पुलिस अब बाकी तीन नामजद आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है, जबकि इस गिरफ्तारी के बाद बैंक के अन्य कर्मचारियों में भी खलबली मच गई है

मई 2022 से था फरीदपुर शाखा में तैनात, हरदोई का रहने वाला है आरोपी

गिरफ्तार आरोपी गौरव वर्मा हरदोई जिले के माधोगंज थाना क्षेत्र के सेलापुर गांव का निवासी है. वह मई 2022 में जिला सहकारी बैंक की फरीदपुर शाखा में प्रबंधक के पद पर तैनात हुआ था. पुलिस की जांच में पता चला कि गौरव के कार्यकाल के दौरान ही बैंक में घोटाले का बड़ा हिस्सा हुआ. पुलिस इंस्पेक्टर क्राइम रविंद्र कुमार के अनुसार, पूछताछ में गौरव ने माना कि उसके कार्यकाल में करीब 80 से 90 लाख रुपये का गबन हुआ. इस गबन में उसके साथ बैंक के लिपिक/कैशियर चंद्र प्रकाश और दीपक पांडेय भी शामिल थे. गौरव ने यह भी स्वीकार किया कि वह चंद्र प्रकाश के बहकावे में आकर अपने कंप्यूटर का आईडी-पासवर्ड उसे दे बैठा था

बैंक सिस्टम से खिलवाड़ कर 550 खातों में फर्जी आधार लिंक, फिर उड़ाई रकम

पुलिस जांच में सामने आया कि चंद्र प्रकाश ने गौरव वर्मा से मिली आईडी का इस्तेमाल कर बैंक के सिस्टम में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की. उसने 550 खातों को फर्जी आधार नंबर से लिंक किया. इन फर्जी खातों में किसान सम्मान निधि और विधवा पेंशन योजना के अंतर्गत आई रकम को सीधे निकाल लिया गया. गौरव के कार्यकाल में ही करीब 90 लाख रुपये का गबन हुआ, जबकि इससे पहले के शाखा प्रबंधक मुकेश कुमार गंगवार के समय भी लगभग 40 से 45 लाख रुपये का गबन होने की बात सामने आई है. फिलहाल पुलिस ने बताया कि करीब 60 लाख रुपये की रकम अब भी बैंक में सुरक्षित पड़ी हुई है

पत्नी के साथ थाने आया था, पुलिस ने मौके पर ही दबोचा

रविवार को गौरव वर्मा अपनी पत्नी के साथ किसी निजी कारण से फरीदपुर थाने आया था. थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने जैसे ही उसे पहचाना, तुरंत गिरफ्तार कर लिया. अगले दिन सोमवार को उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया. गौरव की पत्नी, जो बाराबंकी जिले के जिला सहकारी बैंक मुख्यालय में शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं, ने पुलिस से अपने पति को निर्दोष बताते हुए छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई जारी रखी

चार आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर, तीन अब भी फरार

इस घोटाले के मामले में कुल चार बैंक कर्मचारियों के खिलाफ 8 जुलाई 2025 को एफआईआर दर्ज हुई थी. इनमें दो शाखा प्रबंधक और दो लिपिक/कैशियर शामिल हैं. गिरफ्तार गौरव वर्मा के अलावा दूसरे शाखा प्रबंधक मुकेश कुमार गंगवार हाफिजगंज थाना क्षेत्र के अहमदाबाद गांव के रहने वाले हैं. वहीं, लिपिक/कैशियर चंद्र प्रकाश गंगवार बरेली शहर के तुलसी नगर और दीपक पांडेय लखनऊ के कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी में रहते हैं. फिलहाल तीनों आरोपी फरार हैं और पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है

पुलिस की सख्त कार्रवाई और आगे की रणनीति

इंस्पेक्टर क्राइम रविंद्र कुमार नैन ने बताया कि इस घोटाले में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं. छापेमारी करने वाली टीम में दरोगा लोकेश तोमर और कांस्टेबल महेश शामिल थे. पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. साथ ही, इस घोटाले में हड़पी गई पूरी रकम की रिकवरी के लिए कानूनी प्रक्रिया तेजी से चलाई जा रही है

किसान सम्मान निधि और विधवा पेंशन योजना पर सवाल

इस मामले ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. किसान सम्मान निधि और विधवा पेंशन जैसी योजनाएं गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई जाती हैं, लेकिन बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत ने इसे भ्रष्टाचार का शिकार बना दिया. 550 फर्जी खातों के जरिए रकम उड़ाना बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा में गंभीर खामियों को उजागर करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय पर ऑडिट और निगरानी की व्यवस्था मजबूत होती, तो इतने बड़े घोटाले को रोका जा सकता था



बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और सख्त निगरानी की जरूरत

विशेषज्ञों और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के मामलों से जनता का विश्वास डगमगाता है. भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए जरूरी है कि बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाई जाए और तकनीकी सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाए. इसके साथ ही कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने और दोषी पाए जाने पर सख्त सजा देने की व्यवस्था करनी होगी. यह मामला एक बड़ा सबक है कि सरकारी योजनाओं की रकम तक भी भ्रष्टाचार की पहुंच हो सकती है।

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