देवरिया में तंत्र-मंत्र के चक्कर में फूफा ने 9 साल के मासूम भांजे की दी बलि, शव नदी में फेंका, पुलिस ने 4 को किया गिरफ्तार।
देवरिया में तंत्र-मंत्र के नाम पर दिल दहलाने वाली वारदात
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पूरे राज्य को हिला दिया है। यहां भलुअनी थाना क्षेत्र के पठखौली गांव में एक मासूम बच्चे की नरबलि देने की दर्दनाक घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। आरोप है कि 9 साल के आरुष गौड़ का अपहरण उसके सगे फूफा और तांत्रिक ने मिलकर किया, फिर तंत्र-मंत्र की क्रिया के दौरान चाकू से गला रेतकर उसकी बलि दे दी गई।
चार महीने से लापता था मासूम आरुष
आरुष गौड़, जो कि कक्षा तीन में पढ़ता था, 17 अप्रैल 2025 को अपने घर से रहस्यमयी तरीके से लापता हो गया था। परिजन पहले उसे रिश्तेदार या मोहल्ले में खोजते रहे, लेकिन जब कोई पता नहीं चला, तो उसके चाचा सोमनाथ गौड़ ने थाना भलुअनी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिश्तेदार निकले कातिल, फूफा बना मासूम का जल्लाद
जांच में जो सामने आया, उसने पुलिस तक को चौंका दिया। बच्चा कोई अजनबी नहीं, बल्कि उसके अपने रिश्तेदारों के हाथों मारा गया। मुख्य अभियुक्त बना उसका सगा फूफा इन्द्रजीत गौड़, जो यूपी पुलिस में कांस्टेबल है। उसके साथ थे तीन और आरोपी – जयप्रकाश गौड़, रमाशंकर उर्फ शंकर गौड़ और भीम गौड़।
ओझा के कहने पर दी गई नरबलि, पूजा-पाठ के बाद रेत दिया गला
पुलिस पूछताछ में फूफा इन्द्रजीत ने बताया कि शादी के कुछ दिन बाद वह बीमार पड़ा, और ससुरालवालों ने उसे एक तांत्रिक (सोखा) के पास ले जाया। वहां बताया गया कि उसकी बीमारी तंत्र दोष से है और उसे ठीक करने के लिए नरबलि जरूरी है। तांत्रिक की बातों में आकर इन्द्रजीत ने यह खौफनाक साजिश रची।
एक रात तय किया गया कि तंत्र क्रिया की जाएगी। मासूम आरुष को बगीचे में ले जाया गया, वहां पूजा-पाठ के बाद चाकू से उसका गला काट दिया गया। शव को वहीं गाड़ दिया गया।
शव बोरे में भरकर नदी में फेंका, अब चारों सलाखों के पीछे
हत्या के कुछ दिन बाद अभियुक्त इन्द्रजीत और भीम गौड़ ने शव को गड्ढे से निकालकर बोरे में डाला और एक पिकअप वाहन से गौराघाट, बरहज ले जाकर नदी में फेंक दिया। मामले में तेजी तब आई जब पुलिस को इन चारों पर शक हुआ और कड़ी पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
एसपी देवरिया ने की पुष्टि, पुलिस ने किया खुलासा
देवरिया के एसपी विक्रांत वीर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि "इस जघन्य अपराध में चार लोग शामिल थे। अभियुक्तों में शामिल इन्द्रजीत गौड़ पुलिस कांस्टेबल है, जिसने अपनी वर्दी का भी मान नहीं रखा और तांत्रिक के बहकावे में आकर अपने ही सगे भांजे की जान ले ली।"
पुलिस की टीमों ने चौकसी से काम करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है। मृतक बालक का शव भी नदी से बरामद कर लिया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम
- इन्द्रजीत गौड़ (फूफा, यूपी पुलिस कांस्टेबल)
- जयप्रकाश गौड़
- रमाशंकर उर्फ शंकर गौड़
- भीम गौड़
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों ने स्वीकार किया कि तंत्र-मंत्र और बीमारी से छुटकारे के चक्कर में उन्होंने यह घिनौना कृत्य किया।
पूरे गांव में मातम, स्कूल-क्लासमेट्स गम में डूबे
पटखौली गांव में इस घटना के बाद मातम का माहौल है। कोई यकीन नहीं कर पा रहा कि एक मासूम बच्चे को उसके ही रिश्तेदारों ने इतनी बेरहमी से मार डाला। स्कूल में बच्चे के दोस्तों ने उसके लिए मौन रखा, वहीं गांव के लोग अभी भी सदमे में हैं।
प्रशासन सतर्क, गांव में बढ़ाई गई पुलिस चौकसी
घटना को देखते हुए गांव में पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है। परिजनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष टीम तैनात की गई है। ग्रामीणों में काफी आक्रोश है और सभी दोषियों को फांसी की मांग कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में तांत्रिक परंपराएं
इस घटना ने एक बार फिर तंत्र-मंत्र और ओझाओं की काली दुनिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर लोग 21वीं सदी में चांद पर पहुंचने की बात कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के देवरिया जैसे इलाकों में अंधविश्वास के चलते बच्चों की बलि दी जा रही है। यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज की चेतना को चुनौती देने वाला मामला है।


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