मासूम की दर्दनाक मौत: कुत्ते के घाव चाटने से फैला रेबीज, पूरे गांव में दहशत, अस्पतालों में उमड़ी भीड़



बदायूं में कुत्ते के घाव चाटने से बच्चे की रेबीज से मौत, परिजन-पड़ोसी दहशत में अस्पताल पहुंचकर लगवा रहे टीके।


बदायूं का सनसनीखेज मामला: कुत्ते के चाटने से मासूम की मौत

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। यहां दो महीने पहले एक मासूम बच्चे के घायल होने पर कुत्ते ने उसका घाव चाट लिया। शुरुआत में परिवार ने इस घटना को हल्के में लिया और किसी भी प्रकार का इलाज या वैक्सीन नहीं कराया। लेकिन कुछ हफ्तों बाद बच्चे में रेबीज (Rabies) के लक्षण दिखाई देने लगे। हालत लगातार बिगड़ती चली गई और रविवार को मासूम की मौत हो गई। इस मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया और लोग डर के साए में जीने को मजबूर हो गए।

खेलते-खेलते मौत के मुंह में गया मासूम

घटना बदायूं जिले के सुजातगंज बेला गांव की है। मृतक बच्चे का नाम अदनान था, जो अनीस का बेटा था। करीब दो महीने पहले अदनान खेलते समय गिर गया और उसके पैर में चोट लग गई। खून निकल रहा था और उसी दौरान पास का एक आवारा कुत्ता वहां पहुंचा और घाव को चाटने लगा। परिवार ने इसे सामान्य घटना मानते हुए गंभीरता से नहीं लिया। किसी ने नहीं सोचा था कि यह लापरवाही अदनान की जान ले लेगी।

रेबीज के लक्षण और दर्दनाक अंत

कुत्ते द्वारा घाव चाटने के करीब एक महीने बाद अदनान में अजीब लक्षण दिखाई देने लगे। उसे बेचैनी होने लगी, पानी देखते ही घबराहट होती और गले में दर्द के साथ झटके आते। परिजन इसे साधारण बीमारी समझकर झाड़-फूंक कराने लगे। जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तो परिजन घबराए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। रविवार को अदनान की मौत हो गई और परिवार ने अपने लाड़ले को खो दिया।

मौत से फैली दहशत: अस्पताल पहुंचे गांववाले

अदनान की मौत की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। गांव के लोग डर और दहशत में आ गए। परिजनों के साथ दो दर्जन से ज्यादा लोग सीधे अस्पताल पहुंचे और वहां रेबीज का टीका लगवाया। कई लोगों ने डॉक्टरों से जानकारी ली कि आखिर कब और कैसे यह संक्रमण जानलेवा बन जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने भी तुरंत टीम गांव भेजने का ऐलान किया है ताकि और किसी की जान पर खतरा न आए।

मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने दी चेतावनी

मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर प्रशांत त्यागी ने बताया कि रेबीज से बचाव का एकमात्र तरीका है समय पर टीकाकरण। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कुत्ता, बिल्ली, बंदर या अन्य जानवर काट ले या घाव को चाट भी लें, तो तुरंत रेबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए। देरी करना खतरनाक साबित हो सकता है। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि छोटी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।

जागरूकता अभियान और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचेगी और वहां लोगों को रेबीज के खतरे और बचाव के उपायों के बारे में बताएगी। इसके अलावा गांव में कैंप भी लगाया जाएगा ताकि हर किसी को समय रहते वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके। विभाग का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना सबसे जरूरी है।

परिवार का दर्द और पछतावा

अदनान की मौत ने परिवार को पूरी तरह तोड़कर रख दिया है। परिजनों का कहना है कि अगर उन्हें समय पर जानकारी होती कि कुत्ते के चाटने से भी रेबीज हो सकता है, तो वे तुरंत बच्चे का इलाज कराते और उसकी जान बचा सकते थे। अब वे दूसरों को यही सलाह दे रहे हैं कि किसी भी तरह के जानवर के काटने या घाव चाटने को हल्के में न लें।

गांव में दहशत और सावधानी

मौत के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। लोग अपने बच्चों को घर से बाहर जाने से रोक रहे हैं। कई परिवारों ने एहतियात के तौर पर अपने बच्चों को अस्पताल ले जाकर वैक्सीन दिलवाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना उनके लिए एक सबक बन गई है और अब वे किसी भी स्थिति में इस तरह की गलती दोहराना नहीं चाहेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ