बिजनौर में मां ने शराबी बेटे की गला रेतकर हत्या की, बोली- मारपीट और रेप की कोशिशों ने जीना मुहाल कर दिया था
बिजनौर में कलयुगी बेटे का खौफनाक अंत, मां ने खुद रेत डाली गर्दन
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया. यहां एक मां ने अपने ही बेटे की गला रेतकर हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी मां मुन्नी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. यह कोई आम हत्या नहीं थी, बल्कि एक लंबे समय से चले आ रहे घरेलू अत्याचार, मारपीट, गाली-गलौज और रेप की कोशिशों का अंत था, जिसे एक मां ने अपने हाथों अंजाम दिया. मामला मंडावली थाना क्षेत्र के श्यामीवाला गांव का है, जहां शनिवार देर रात यह वारदात हुई.
हत्या की पहली कहानी: चोर के हमले का ड्रामा
पुलिस के अनुसार, शनिवार रात करीब 1 बजे सूचना मिली कि श्यामीवाला गांव में चंद्रपाल सिंह के 32 वर्षीय बेटे अशोक की हत्या कर दी गई है. शुरुआती सूचना में बताया गया कि कोई चोर घर में घुसा और गला रेतकर अशोक को मार डाला. अशोक की मां मुन्नी देवी ने पुलिस को बयान दिया कि रात को प्यास लगने पर उठी तो देखा कोई उनके कमरे से निकलकर भाग रहा है. डर के मारे उन्होंने अशोक को आवाज दी, लेकिन जवाब नहीं आया. कमरे में जाकर देखा तो अशोक बिस्तर पर खून से लथपथ पड़ा था. बाहर निकलकर उन्होंने चोर-चोर चिल्लाया और गांव वालों को मौके पर बुला लिया.
पुलिस की जांच और पड़ोसियों के बयान
एसपी सिटी डॉ. संजीव बाजपेई के निर्देशन में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. मृतक के पिता चंद्रपाल और गांव के अन्य लोगों से पूछताछ में पता चला कि अशोक अविवाहित था और शराब का आदी था. वह आए दिन घर में मारपीट करता, मां-बाप को गालियां देता और धमकियां देता था. पड़ोसियों ने भी बताया कि पिछले चार-पांच महीनों से मुन्नी देवी बहुत चुपचाप रहने लगी थीं और पहले जैसी हंसी-खुशी से किसी से बातचीत नहीं करती थीं.
असली सच: मां के मुंह से निकला हत्या का राज
जब पुलिस ने मुन्नी देवी से सख्ती से पूछताछ की तो उनका चेहरा उतर गया और वे रोने लगीं. उसी वक्त उन्होंने कबूल कर लिया कि उन्होंने ही अपने बेटे की हत्या की है. उन्होंने बताया कि अशोक न केवल शराबी था, बल्कि वह कलयुगी बेटा बन चुका था. छह महीने पहले उसने रात में सोते समय अपनी मां के साथ अश्लील हरकत की थी और उसके बाद वह अक्सर दुष्कर्म की कोशिश करने लगा. हर बार वह धमकी देता कि पूरे घर को मार देगा.
छह महीने से चलता रहा दर्द और डर
मुन्नी देवी ने पुलिस को बताया कि वह अंदर ही अंदर टूट चुकी थीं. उन्हें अपने ही बेटे से डर लगने लगा था. वे किसी से अपने दर्द की बात भी नहीं कर पाती थीं. रोजाना शराब पीकर लौटने वाला अशोक घर में गाली-गलौज करता, हाथ उठाता और फिर शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करता. इस वजह से मुन्नी देवी मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी थीं और खुद से नजर मिलाने लायक नहीं रह गई थीं.
हत्या की रात: सब खत्म करने का फैसला
घटना वाली रात करीब 11:30 बजे अशोक ने फिर से दुष्कर्म की कोशिश की. यह देखकर मुन्नी देवी का सब्र टूट गया. उन्होंने तय कर लिया कि अब इस कलंक का अंत करना होगा. रात करीब 12:30 बजे जब अशोक गहरी नींद में था, उन्होंने पाटल (काटने का औजार) से उसकी गर्दन पर लगातार चार वार किए. अशोक मौके पर ही दम तोड़ गया. इसके बाद उन्होंने खून से सने कपड़े बदल दिए और बाहर आकर चोर-चोर का शोर मचाकर ग्रामीणों को इकट्ठा कर लिया.
पुलिस के हाथ लगे सबूत
पुलिस ने मौके से हत्या में इस्तेमाल किया गया पाटल और खून से सनी साड़ी बरामद कर ली. मुन्नी देवी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने पूरे मामले की जांच पूरी कर आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है.
गांव में चर्चा और सामाजिक सवाल
यह घटना गांव में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है. कई लोग इसे एक मां की मजबूरी और आत्मरक्षा की कहानी मान रहे हैं, तो कुछ इसे कानून अपने हाथ में लेने का मामला बता रहे हैं. सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला घरेलू हिंसा, शराब की लत और पारिवारिक रिश्तों में बिगाड़ का चरम उदाहरण है.
पुलिस का बयान और कानूनी पहलू
एसपी सिटी डॉ. संजीव बाजपेई ने बताया कि आरोपी महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. मामला हत्या का है और कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जा रही है. पुलिस का कहना है कि महिला के बयान और सबूत मामले को पूरी तरह साफ करते हैं.
शराब और घरेलू हिंसा पर बढ़ती चिंताएं
उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में शराब की लत के कारण घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद बढ़ते जा रहे हैं. इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब अत्याचार अपने ही घर के भीतर से हो, तो पीड़ित के पास न्याय पाने का रास्ता कितना कठिन हो जाता है.
बिजनौर की यह घटना एक मां के उस दर्द और मजबूरी की कहानी है, जिसमें उसने अपने ही खून का खात्मा कर दिया. यह कहानी केवल एक अपराध की नहीं, बल्कि समाज के उस अंधेरे पहलू की है, जहां रिश्तों के बीच भरोसा टूटता है, डर घर कर लेता है और अंत में सब कुछ खत्म हो जाता है.


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