UP में जोमैटो ऑर्डर बना विवाद: कढ़ाई पनीर में मिला मीट का टुकड़ा, अल हबीब रेस्टोरेंट पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप


उन्नाव में जोमैटो से मंगाए कढ़ाई पनीर में मीट का टुकड़ा मिलने पर अल हबीब रेस्टोरेंट पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप


उन्नाव में जोमैटो ऑर्डर से मचा बवाल

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में शनिवार की शाम एक ऑनलाइन फूड ऑर्डर ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। मगरवारा निवासी धीरज सिंह ने अपने परिवार के लिए जोमैटो ऐप के जरिए अल हबीब रेस्टोरेंट से कढ़ाई पनीर, रोटी और अन्य व्यंजन मंगवाए थे। खाना समय से पहले तो पहुंच गया, लेकिन जैसे ही पैकिंग खोली गई, कढ़ाई पनीर के अंदर मीट के टुकड़े दिखाई देने का आरोप लगाकर युवक ने धार्मिक भावनाएं आहत करने की शिकायत कर दी। इस घटना ने इलाके में चर्चा का माहौल बना दिया।

शिकायतकर्ता धीरज सिंह का आरोप

धीरज सिंह का कहना है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से वेज ऑर्डर दिया था और रेस्टोरेंट से कढ़ाई पनीर मंगाया था, लेकिन पैकेट खोलते ही उन्होंने उसमें मीट के टुकड़े पाए। धीरज ने बताया कि इस घटना ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया और उन्होंने खाना नहीं खाया। साथ ही, रेस्टोरेंट प्रबंधन पर धर्म भ्रष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह न केवल उनके विश्वास के साथ खिलवाड़ है बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला है।

रेस्टोरेंट प्रबंधन का पक्ष

छोटे चौराहे के पास स्थित अल हबीब रेस्टोरेंट के मैनेजर सूफियान ने इस आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके यहां वेज और नॉनवेज दोनों तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और रेस्टोरेंट मुख्य रूप से नॉनवेज के लिए जाना जाता है। मैनेजर के अनुसार, ऑर्डर में एक दालचीनी की लकड़ी और कुछ टुकड़े निकले होंगे, लेकिन यह मीट है या कुछ और, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। उन्होंने दावा किया कि जो ऑर्डर आता है, वही बनाया जाता है और ग्राहकों को परोसा जाता है।

ऑनलाइन फूड डिलीवरी पर सवाल

यह घटना ऑनलाइन फूड डिलीवरी सिस्टम की पारदर्शिता और गुणवत्ता नियंत्रण पर भी सवाल खड़े करती है। उपभोक्ता आमतौर पर भरोसे के साथ ऑनलाइन खाना मंगाते हैं, लेकिन इस तरह के मामलों से ग्राहकों का विश्वास हिल सकता है। खासकर जब मामला धार्मिक आस्था से जुड़ा हो, तब विवाद और संवेदनशील हो जाता है।

सोशल मीडिया पर बहस

घटना के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोग धीरज सिंह के समर्थन में आए और इसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ा गंभीर मामला बताया, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह रेस्टोरेंट के खिलाफ बिना ठोस सबूत के लगाया गया आरोप भी हो सकता है। कई यूजर्स ने सुझाव दिया कि मामले की सही जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके।

जांच की मांग

स्थानीय लोगों का कहना है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म और रेस्टोरेंट दोनों की तरफ से स्पष्टता आनी चाहिए। कुछ लोगों ने प्रशासन से भी मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए ताकि यदि गलती साबित हो, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।



धार्मिक आस्था और खाद्य सुरक्षा का मुद्दा

भारत जैसे देश में, जहां भोजन न केवल स्वाद का बल्कि आस्था और संस्कृति का भी हिस्सा है, इस तरह की घटनाएं गंभीर विवाद का रूप ले सकती हैं। कई धार्मिक समुदाय मांसाहार से परहेज करते हैं और उनके लिए इस तरह की गलती अस्वीकार्य होती है। खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन न होना भी एक बड़ा मुद्दा है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

उन्नाव का यह मामला केवल एक ग्राहक और रेस्टोरेंट के बीच विवाद भर नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था, उपभोक्ता अधिकार और फूड डिलीवरी सेवाओं की पारदर्शिता जैसे बड़े मुद्दों को सामने लाता है। यह देखना बाकी है कि जांच में क्या निकलता है और क्या वास्तव में यह लापरवाही का मामला है या कोई गलतफहमी।

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