हाथरस के फरौली गांव में SDO का ड्राइवर फर्जी विजिलेंस बनकर बिजली चेकिंग करने पहुंचा, गांव वालों ने पकड़कर जमकर पीटा।
विजिलेंस की वर्दी, नशे में धुत और सरकारी गाड़ी – शुरू हुआ ड्रामा
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फरौली गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक बोलेरो गाड़ी पर ‘उत्तर प्रदेश सरकार’ और ‘SDO’ लिखवाकर कुछ लोग विजिलेंस टीम बनने का नाटक करते हुए गांव में घुस आए। आरोपियों में SDO का निजी ड्राइवर भी शामिल था, जो बाकायदा खुद को विजिलेंस अधिकारी बताकर गांव वालों को धमका रहा था। इन फर्जी विजिलेंस कर्मियों ने चेकिंग की आड़ में ग्रामीणों से बिजली कनेक्शन काटने की धमकी देते हुए पैसे ऐंठने की कोशिश की।
बोलेरो पर लिखा ‘UP सरकार’, पर अंदर बैठे थे ठग
गांव में आई टीम ने प्राइमरी स्कूल के पास गाड़ी खड़ी की और बिजली कनेक्शन की चेकिंग के बहाने लोगों के घरों में पहुंच गए। बोलेरो पर ‘उत्तर प्रदेश सरकार’ और ‘एसडीओ’ का नाम देखकर कोई शक न करे, इसके लिए उन्होंने पूरी सरकारी टीम का नाटक रचा। गांव के लोगों ने जब इनकी हरकतें देखीं, तो शक गहराने लगा। जब उनसे विजिलेंस ऑर्डर और वैध आईडी की मांग की गई तो वह हड़बड़ा गए और कुछ भागने लगे।
‘पैसे दो वरना बिजली काट देंगे’ – गांव वालों से खुलेआम धमकी
गांव के एक व्यक्ति ने जब फोन कर विभाग से बात की तो सारा फर्जीवाड़ा खुल गया। SDO और AE ने स्पष्ट रूप से बताया कि किसी भी जांच या छापेमारी का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इसके बाद गांव वालों ने चार आरोपियों को दबोच लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी। पकड़े गए लोगों ने खुद को विजिलेंस अफसर बताकर पैसे वसूलने का कुचक्र रचा था, लेकिन खुद ही जाल में फंस गए।
‘नशे में टल्ली’ थे विजिलेंस के नकली अफसर
गांव वालों के मुताबिक फर्जी विजिलेंस टीम के सभी सदस्य नशे में धुत थे। उनका व्यवहार और बोलने का तरीका पूरी तरह संदिग्ध था। जब ग्रामीणों ने उनसे सख्ती से सवाल किए तो उनमें से तीन तो भाग खड़े हुए, लेकिन चार पकड़े गए। इन चार में प्रवीन शर्मा उर्फ तुलसी, जगदीश शर्मा, अंशू शर्मा और हेमंत प्रताप शामिल हैं, जो सासनी इलाके के निवासी हैं।
धमकी के बाद दी SDO की धमकी, मगर गांव वालों ने नहीं मानी बात
गांव वालों ने जब चारों को घेरा और पुलिस को बुलाया, तब आरोपी धमकाने लगे कि “हम SDO के आदमी हैं, पछताओगे।” लेकिन इस बार ग्रामीणों ने कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने तुरंत स्थानीय SDO और AE को कॉल किया। पुष्टि होते ही कि ये लोग विभाग से अधिकृत नहीं हैं, गांव वालों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
बोलेरो से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा, FIR से हो गया अंत
पुलिस ने चारों को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ के बाद BNS की धारा 308(2) और 318(4) के तहत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपियों ने बयान दिया कि उन्हें एसडीओ ने ही भेजा है, मगर SDO ने इस बात से साफ इनकार कर दिया। विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उनके स्तर से ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई थी और दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जा रही है।
विभाग का दावा – ‘हमने कोई आदेश नहीं दिया’
एसडीओ की तरफ से जारी बयान में साफ कहा गया है कि विद्युत विभाग की तरफ से गांव में छापा मारने या चेकिंग के लिए कोई टीम नहीं भेजी गई थी। ऐसे में यह साफ हो गया है कि पकड़े गए लोग खुद के फायदे के लिए विजिलेंस टीम बनकर गांव में ठगी की योजना बना रहे थे।
पुलिस-प्रशासन की सतर्कता और ग्रामीणों की जागरूकता से बची बड़ी ठगी
अगर फरौली गांव के लोग सतर्क न होते और सीधे-सीधे इन फर्जी विजिलेंस अधिकारियों की बातों में आ जाते, तो कई घरों से पैसे वसूल लिए जाते। यह घटना विद्युत विभाग के नाम पर हो रही ठगी के नए तरीके को उजागर करती है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है, और बोलेरो गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया है।


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