लखनऊ में प्रॉपर्टी खरीदना अब जेब पर भारी! गोमतीनगर में जमीन के रेट छूने लगे आसमान, जानें कहां कितनी बढ़ीं कीमतें



लखनऊ में 10 साल बाद सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी, गोमतीनगर में जमीन 77,000/㎡, गांवों में 4000 तक पहुंची कीमत


आज से लागू नए सर्किल रेट: लखनऊ में प्रॉपर्टी की कीमतों में बड़ा उछाल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 अगस्त 2025 से नए डीएम सर्किल रेट लागू कर दिए गए हैं। 10 साल बाद यह बड़ा बदलाव हुआ है जिससे शहर के पॉश इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक जमीन की कीमतें एक झटके में बढ़ गई हैं। खासतौर पर गोमतीनगर, जानकीपुरम, इंदिरानगर और महानगर जैसे क्षेत्रों में 25% तक की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी 15% तक रेट बढ़ाए गए हैं।

गोमतीनगर बना सबसे महंगा इलाका, 77 हजार प्रति वर्गमीटर तक पहुंचे दाम

गोमतीनगर और गोमतीनगर विस्तार इलाके अब लखनऊ की सबसे महंगी लोकेशन्स में शुमार हो गए हैं। यहां जमीन की नई दरें 33,000 से 77,000 रुपये प्रति वर्गमीटर तक पहुंच गई हैं। विभूतिखंड में समिट बिल्डिंग के सामने की लोकेशन में सबसे अधिक रेट 77,000 रुपये तय किया गया है, जबकि कम डिमांड वाले क्षेत्रों में न्यूनतम रेट 33,000 रुपये रखा गया है। पहले यहां औसतन सर्किल रेट 30,500 रुपये था।

आउटर रिंग रोड, किसान पथ के पास की जमीनों में भी रेट बूस्ट

नगर निगम सीमा से बाहर किसान पथ और आउटर रिंग रोड के आसपास स्थित गांवों व मोहल्लों में अब सर्किल रेट 15,000 रुपये प्रति वर्गमीटर निर्धारित किया गया है। मलिहाबाद में यह दर 9,000 रुपये रखी गई है। वहीं बीकेटी क्षेत्र में प्लॉटिंग की बढ़ती डिमांड को देखते हुए सर्किल रेट में वृद्धि की गई है।

गांवों की जमीनों ने भी पकड़ी रफ्तार, चार गुना तक बढ़ा सर्किल रेट

गोसाईगंज, सिद्धपुरा, मगहुआ और बक्कास के पीछे स्थित चौरहिया जैसे गांवों में पहले सर्किल रेट 200 से 250 रुपये प्रति वर्गमीटर थे, लेकिन अब इन क्षेत्रों में यह दर 2,200 से 4,000 रुपये तक पहुंच गई है। यही हाल निगोहां के टोल प्लाजा के पास दयालपुर, नन्दौली, हरिनामखेडा, और दुलारखेडा गांवों का है, जहां अब नई दरें प्रभावी हो गई हैं।

महिलाओं, पूर्व सैनिकों और गरीब वर्ग के लिए रजिस्ट्री में राहत

डीएम की ओर से रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक खास क्यूआर कोड जारी किया गया है, जिसे स्कैन कर सभी छूटों और नियमों की जानकारी मिल सकती है। महिलाओं को एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर एक लाख रुपये तक की स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई है। इसके अलावा पूर्व सैनिकों, दिव्यांगजनों और कमजोर आय वर्ग को भी विशेष छूट दी जा रही है।

पारिवारिक रजिस्ट्री में अब सिर्फ ₹5,000 स्टाम्प शुल्क

बेटा, बेटी, माता-पिता, पति-पत्नी और सगे भाई-बहन जैसे पारिवारिक सदस्यों के नाम दानपत्र की रजिस्ट्री में अब अधिकतम ₹5,000 का ही स्टाम्प शुल्क देना होगा, जिससे परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।

दो स्लैब में तय हुए नए रेट, पारदर्शिता पर ज़ोर

इस बार रेट निर्धारण के लिए हाईवे, एक्सप्रेस-वे और प्रमुख सड़कों के आसपास के इलाकों का गहन सर्वे किया गया। दो स्लैब बनाकर दरें तय की गईं ताकि बाजार मूल्य के अनुसार सर्किल रेट में एकरूपता बनी रहे। इससे प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता और मजबूती आने की उम्मीद है।

49 आपत्तियों के बाद किया गया संशोधन, सुदूर गांवों में समरूपता

सर्किल रेट संशोधन का प्रस्ताव 2 जुलाई को रखा गया था और 17 जुलाई तक कुल 49 आपत्तियां प्राप्त हुई थीं। इनमें से मोहनलालगंज और सरोजनीनगर के दूरदराज गांवों में दरों में समानता लाई गई जबकि बाकी जगह प्रस्तावित दरों को ही लागू किया गया।

क्या होगा असर? आम आदमी की जेब पर सीधा असर

सर्किल रेट में इस भारी वृद्धि के कारण अब रजिस्ट्री का खर्च और कुल प्रॉपर्टी कॉस्ट दोनों बढ़ जाएंगे। इससे जहां सरकारी राजस्व में इजाफा होगा, वहीं आम खरीदार के लिए जमीन खरीदना अब महंगा सौदा साबित होगा। हालांकि सरकार का दावा है कि इससे प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता आएगी।

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