बरेली में गंगा दशहरा पर उमड़ेगा आस्था का जन सैलाब! चौबारी घाट पर रूट डायवर्जन लागू, भारी वाहनों की नो एंट्री, एसपी ट्रैफिक ने तैयार किया प्लान



गंगा दशहरा पर लाखों की भीड़ से पहले बरेली प्रशासन अलर्ट, चौबारी घाट के लिए रूट डायवर्जन प्लान लागू, ट्रैफिक रहेगा पूरी तरह बदला।

संवाददाता शानू की रिपोर्ट


बरेली में गंगा दशहरा पर सुरक्षा पुख्ता, चौबारी घाट पर लाखों की भीड़ की तैयारी

बरेली के चौबारी घाट पर 5 जून को गंगा दशहरा के अवसर पर स्नान और पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। रामगंगा नदी किनारे स्थित इस घाट पर हर वर्ष श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। इस वर्ष भी भारी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस महकमा पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। एसपी ट्रैफिक अकमल खान ने खुद इस मौके के लिए विशेष ट्रैफिक डायवर्जन प्लान तैयार किया है जो 4 जून की शाम 6 बजे से ही प्रभाव में आ गया है।

रामगंगा पुल से भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णत: बंद

गुरुवार को गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या चौबारी घाट पर उमड़ेगी। इस कारण रामगंगा पुल से किसी भी भारी वाहन या रोडवेज बस की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। एसपी ट्रैफिक ने स्पष्ट किया है कि स्नान समाप्ति तक रामगंगा पुल से कोई ट्रक या बस पार नहीं कर सकेगी।

झुमका तिराहा, इन्वर्टिस से ट्रकों को डायवर्ट किया जाएगा

दिल्ली और रामपुर की तरफ से आने वाले भारी वाहन जैसे ट्रक और बसें अब सीधे झुमका तिराहे से मोड़ी जाएंगी। ये वाहन विलवा होते हुए इन्वर्टिस तिराहा पार कर ट्रांसपोर्ट नगर तक ही जा सकेंगी। रोडवेज की बसें सेटेलाइट बस अड्डे से आगे नहीं बढ़ पाएंगी।

बदायूं और पीलीभीत की दिशा से आने वाले वाहन भी रूट बदलेंगे

बदायूं की ओर से आने वाले भारी वाहन देवचरा, फतेहगंज पूर्वी होते हुए बड़ा बाईपास का उपयोग करेंगे। इसी तरह नैनीताल और पीलीभीत की ओर से आने वाले वाहनों को भी बड़ा बाईपास से होकर ट्रांसपोर्ट नगर भेजा जाएगा।

शहर के कई प्रमुख चौराहों पर तैनात रहेगी पुलिस फोर्स

श्रद्धालुओं और आम नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ट्रैफिक पुलिस ने विशेष व्यवस्था की है। झुमका तिराहा, विलवा पुल, इन्वर्टिस तिराहा और बुखारा मोड़ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। हर थाना प्रभारी को अपने-अपने क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने की जिम्मेदारी दी गई है।

प्रशासन की श्रद्धालुओं से विनम्र अपील

प्रशासन ने स्पष्ट अपील की है कि श्रद्धालु अपने वाहन निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही खड़े करें और मुख्य सड़कों व पुलों पर वाहनों को पार्क न करें। इससे न केवल ट्रैफिक बाधित होगा, बल्कि आपात स्थिति में रेस्क्यू भी प्रभावित हो सकता है।

आम नागरिकों के लिए वैकल्पिक मार्गों का सुझाव

बरेली प्रशासन ने आम जनता से अनुरोध किया है कि वे 5 जून को गंगा दशहरा पर रामगंगा की ओर न जाएं और वैकल्पिक मार्गों का ही उपयोग करें। भीड़भाड़ और जाम से बचने के लिए विशेष सुझाव जारी किए गए हैं।

गंगा दशहरा: श्रद्धा, सुरक्षा और सिस्टम की परीक्षा

हर वर्ष की तरह इस बार भी गंगा दशहरा पर बरेली की परीक्षा होगी—श्रद्धालुओं की आस्था के साथ-साथ प्रशासनिक तंत्र की भी। लाखों की भीड़, गाड़ियों का रेला और रामगंगा घाट पर उमड़ती श्रद्धा इस बात की परीक्षा लेगी कि ट्रैफिक प्लान कितना कारगर है और पुलिस की तैनाती कितनी मजबूत।

देर रात तक प्रभावी रहेगा रूट डायवर्जन

4 जून की शाम 6 बजे से लागू हुआ रूट डायवर्जन 5 जून की रात तक प्रभावी रहेगा। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जरूरत पड़ी तो इसे 6 जून सुबह तक भी बढ़ाया जा सकता है।

ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से भी निगरानी

सूत्रों के अनुसार, इस बार चौबारी घाट और आसपास के क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की भी व्यवस्था की गई है ताकि भीड़ पर लगातार निगरानी रखी जा सके। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भीड़ की हर गतिविधि पर नज़र रखी जाएगी।

रामगंगा में डुबकी के लिए सख्त गाइडलाइन

श्रद्धालुओं को घाट पर स्नान के दौरान प्रशासन द्वारा तय की गई गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी होगा। घाट पर निर्धारित लाइन में ही स्नान करना होगा और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चार जिलों की सीमाएं रहेंगी हाई अलर्ट पर

रामगंगा घाट के रास्ते आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए चार जिलों—बरेली, बदायूं, रामपुर और पीलीभीत—की सीमाएं अलर्ट पर रहेंगी। हर जिले के प्रशासन को एक-दूसरे से समन्वय बनाकर चलने के निर्देश दिए गए हैं।

आस्था के पर्व को व्यवस्था का सहारा

गंगा दशहरा केवल एक पर्व नहीं, जनसंख्या का एक विशाल मूवमेंट होता है। और ऐसे मूवमेंट के लिए प्रशासनिक स्तर पर की गई तैयारी ही सफलता की कुंजी होती है। बरेली प्रशासन ने जिस तरह से चौबारी घाट को लेकर ट्रैफिक और सुरक्षा प्लान तैयार किया है, वह दिखाता है कि आस्था और व्यवस्था एक साथ चल सकती हैं।

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