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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय |
अयोध्या में 5 जून को राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा के दिन भक्तों को दर्शन की अनुमति नहीं, मंदिर प्रशासन ने न आने की अपील की
5 जून को राम दरबार में प्राण प्रतिष्ठा, लेकिन दर्शन नहीं
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब मंदिर के पहले तल पर राम दरबार सहित अन्य देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इस प्रक्रिया की पूर्णता 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के दिन होगी। हालांकि इस दिन आम भक्तों को मंदिर में दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे 5 जून को अयोध्या न आएं। उन्होंने साफ कहा कि किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है और मौसम की स्थिति को देखते हुए किसी प्रकार का सार्वजनिक आयोजन नहीं किया जा रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर प्रशासन का सख्त संदेश
चंपत राय ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के भीतर 5 जून को सम्पन्न हो जाएगी, लेकिन यह कोई सार्वजनिक या भक्तों के लिए खोला गया समारोह नहीं होगा। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, लेकिन आम लोगों की एंट्री वर्जित रहेगी।
उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धालुओं से प्राण प्रतिष्ठा के लिए कोई यात्रा योजना न बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भक्तजन सामान्य दिनों में मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं, लेकिन 5 जून को विशेष भीड़ न हो, यही प्रशासन का उद्देश्य है।
3 जून से शुरू हुए अनुष्ठान, 5 जून को अभिजीत मुहूर्त में प्रतिष्ठा
मंदिर के पहले तल पर कुल 7 प्रमुख देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है – जिनमें गणेश जी, भगवान शिव, देवी भगवती, हनुमान जी, भगवान सूर्य, देवी अन्नपूर्णा और शेष अवतार शामिल हैं। इन सभी विग्रहों के अनुष्ठान 3 जून से आरंभ हो चुके हैं, और culminating ceremony 5 जून को अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:30 बजे संपन्न होगी।
इस विशेष कार्यक्रम में सीएम योगी दोपहर 1 बजे तक मंदिर में रहेंगे। सुरक्षा व्यवस्था और मौसम को देखते हुए पूरे क्षेत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सरयू तट से 2 जून को कलश यात्रा निकाली गई थी जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया था।
मंदिर दर्शन को लेकर प्रशासन का फोकस 'नियमित दिन'
चंपत राय ने यह भी बताया कि श्रीराम मंदिर में राम दरबार की स्थापना के बाद नियमित दर्शन की व्यवस्था बहाल की जाएगी। लेकिन 5 जून को कोई विशेष दर्शन या प्रवेश की व्यवस्था नहीं होगी, इसलिए भक्तों को अभी प्रतीक्षा करनी होगी।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, भीषण गर्मी, भीड़ की संभावना और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखने के उद्देश्य से 5 जून को किसी प्रकार की जनसभा या सार्वजनिक अनुष्ठान की अनुमति नहीं दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा का संपूर्ण कार्यक्रम मंदिर परिसर तक सीमित रहेगा।
अयोध्या के विद्वानों ने निकाला है शुभ मुहूर्त
इस बार राम दरबार की प्रतिष्ठा के लिए जो मुहूर्त निकाला गया है, वह पूरी तरह अयोध्या के पारंपरिक विद्वानों द्वारा निर्धारित किया गया है। यह पंचांग और धार्मिक गणनाओं के अनुसार सर्वोत्तम काल माना गया है।
श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला की बाल स्वरूप में प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी। अब राजा राम स्वरूप में राम दरबार की प्रतिष्ठा होने जा रही है, जो मंदिर की धार्मिक पूर्णता का प्रतीक होगी।
भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए अग्रिम चेतावनी
5 जून को गंगा दशहरा का पर्व भी मनाया जाएगा, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना बनी हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए एसपी ट्रैफिक और स्थानीय प्रशासन ने रूट डायवर्जन प्लान भी लागू किया है, ताकि बिना वजह की भीड़ और असुविधा से बचा जा सके।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से जारी यह अपील एक तरह से सावधानी और श्रद्धा दोनों का संतुलन बनाए रखने की पहल है। रामभक्तों से अनुरोध है कि वे प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और दर्शन हेतु अनुकूल समय की प्रतीक्षा करें।
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