"मेडे... नो पावर… गोइंग डाउन!"—275 मौतों से पहले एयर इंडिया पायलट ने एटीसी को भेजा आखिरी सन्देश



Air India हादसे से पहले पायलट ने ATC को कहा “मेडे, नो पावर, गोइंग डाउन”, ब्लैक बॉक्स और DVR से जांच में बड़े खुलासे संभव।


पायलट की आखिरी चीख—"नो थ्रस्ट… गोइंग डाउन…"

अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 275 पहुंच गई है। इस दुर्घटना के दो दिन बाद एक ऑडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें सीनियर पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को "मेडे, नो पावर, नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन" कहते हुए सुने जा सकते हैं।

ये शब्द उस भयावह क्षण को बयां करते हैं जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अचानक ऊंचाई खोकर नीचे गिरने लगा और कुछ ही सेकंड में मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया।

एक भीषण टक्कर और धुएं का गुबार

हादसे का मंजर इतना खतरनाक था कि विमान टकराते ही इमारत ध्वस्त हो गई और आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। टक्कर के बाद पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई।

मरने वालों में 241 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 22 स्थानीय नागरिक शामिल हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, जो लंदन जा रहे थे, उनकी भी मौत इस हादसे में हो गई।

ब्लैक बॉक्स मिला, जांच टीम हरकत में

दुर्घटनास्थल से शुक्रवार को पहला ब्लैक बॉक्स मिला है, जिसमें 25 घंटे का उड़ान डेटा और 120 मिनट का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग दर्ज होती है। यही ब्लैक बॉक्स अब पूरे हादसे की असल वजह सामने लाने की सबसे बड़ी उम्मीद है।

इसके अलावा एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) भी बरामद किया गया है, जिससे विमान के अंदर की कुछ संभावित घटनाओं की पुख्ता जानकारी मिलने की संभावना है।

पायलट का अनुभव और आखिरी चेतावनी

पायलट सुमित सभरवाल एक अनुभवी एयरमैन थे। उन्होंने हादसे के ठीक पहले संकट संदेश ‘मेडे’ तीन बार दोहराया, जो इंटरनेशनल एविएशन में अलार्म सिग्नल होता है।

उन्होंने बताया कि इंजन में पावर नहीं आ रहा और थ्रस्ट पूरी तरह खत्म हो चुका है। विमान की ऊंचाई लगातार कम होती जा रही थी और कुछ ही पलों में वह ज़मीन से टकरा गया।

हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित

सरकार ने इस भयावह हादसे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) की समीक्षा के साथ-साथ तकनीकी कारणों की पड़ताल करेगी।

साथ ही, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के पूरे फ्लीट की जांच के आदेश दे दिए हैं। नौ विमानों की जांच पूरी हो चुकी है और बाकी की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

शवों की पहचान के लिए DNA टेस्ट का सहारा

धमाके और आगजनी के कारण अधिकतर शव बुरी तरह जल चुके हैं। शवों की पहचान के लिए DNA जांच की जा रही है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर करीब 1000 DNA सैंपल लिए गए हैं, ताकि सही-सही पहचान हो सके और परिजनों को शव सौंपे जा सकें।

जीवित बचा एकमात्र यात्री अस्पताल में भर्ती

इस हादसे का एकमात्र जीवित यात्री अभी भी अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उसकी निगरानी कर रही है।

एनआईए समेत कई एजेंसियों ने पहुंची घटनास्थल

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), DGCA, CISF और अन्य केंद्रीय जांच टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। सभी एंगल से मामले की छानबीन की जा रही है कि क्या यह हादसा सिर्फ तकनीकी खामी थी या कोई बड़ा षड्यंत्र।

उड़ान भरने के तुरंत बाद क्यों फेल हुआ इंजन?

विमान के टेकऑफ के बाद महज दो मिनट में पावर और थ्रस्ट खत्म हो जाना, एक असामान्य तकनीकी खराबी मानी जा रही है। यह संदेह बढ़ा रहा है कि कहीं इंजीनियरिंग स्तर पर कोई बड़ी चूक या साजिश तो नहीं थी।

बोइंग कंपनी से भी मांगा गया जवाब

भारत सरकार ने बोइंग से इस हादसे पर विस्तृत जवाब मांगा है। कंपनी से हादसे के तकनीकी विवरण, मेंटेनेंस रिकॉर्ड और पिछले उड़ानों की रिपोर्ट की मांग की गई है।

मृतकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा

सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। गुजरात सरकार, एयर इंडिया और केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से आर्थिक मदद देने का भरोसा जताया है।

एयर इंडिया की ओर से कहा गया कि सभी परिवारों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार की सुविधा और आवश्यक सहयोग दिया जाएगा।

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