सीट 11A की रहस्यमयी किस्मत! 27 साल बाद दूसरे विमान हादसे में जिंदा बचा सिर्फ एक यात्री, और दोनों बार वही सीट नम्बर



दो विमान हादसे, दो अलग देश, लेकिन एक ही सीट नंबर और एक ही चमत्कार! सीट 11A का रहस्य फिर बना चर्चा का विषय


सीट 11A: एक रहस्य, एक चमत्कार और दो जिंदा बचे मुसाफिर

अहमदाबाद एयर इंडिया AI-171 विमान हादसे के बाद एक नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में है – विश्वास कुमार रमेश, वही शख्स जो हादसे में अकेले जिंदा बचे। लेकिन इस कहानी में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रमेश जिस सीट नंबर 11A पर बैठे थे, उसी सीट पर 27 साल पहले थाईलैंड में हुए विमान हादसे में एक और व्यक्ति अकेले जिंदा बचे थे। उनका नाम था जेम्स रुआंगसाक लोयचुसाक।

1998 में भी बची थी जान, वही सीट बनी थी जीवन रक्षक

यह संयोग मात्र नहीं, बल्कि एक ऐसा चमत्कार है जिसने दोनों देशों के लोगों को हैरान कर दिया है।
दिसंबर 1998, थाई एयरवेज की फ्लाइट TG 261 जब दक्षिणी थाईलैंड में दुर्घटनाग्रस्त हुई, तो उस विमान में 101 यात्री सवार थे। इनमें से सिर्फ एक व्यक्ति – जेम्स रुआंगसाक लोयचुसाक ही जिंदा बचे थे। उनकी सीट थी – 11A।

हादसे के 27 साल बाद फिर दोहराया गया इतिहास

अब ठीक 27 साल बाद, एक और विमान हादसा – एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 – और एक ही सीट, 11A। और फिर वही कहानी, जहां सैकड़ों लोगों की जान चली गई, लेकिन सीट 11A पर बैठे विश्वास कुमार रमेश की जान बच गई।

सोशल मीडिया पर जेम्स रुआंगसाक की भावुक प्रतिक्रिया

जब थाई अभिनेता और गायक जेम्स रुआंगसाक को इस हादसे और 11A सीट की खबर मिली, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,
"सीट नंबर 11A पर बैठा एक और यात्री, और फिर एक चमत्कार! यह जानकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए।"

उन्होंने आगे लिखा कि उन्हें 1998 की अपनी फ्लाइट क्रैश की यादें ताज़ा हो गईं।
"वह हादसा मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ था। मैं दस साल तक प्लेन में नहीं बैठ सका," उन्होंने लिखा।

अमेरिका का भी एक चमत्कारी केस – जॉर्ज लैमसन जूनियर

केवल भारत और थाईलैंड ही नहीं, 1985 में अमेरिका के नेवादा में हुए एक विमान हादसे में भी एकमात्र जिंदा बचे व्यक्ति थे – जॉर्ज लैमसन जूनियर। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि इस खबर को देखकर वह अंदर से हिल गए।
"एक विमान हादसे में जिंदा बचने वाला कभी भी सामान्य महसूस नहीं कर सकता," उन्होंने कहा।

भारत के विश्वास रमेश की बहादुरी की भी चर्चा

242 यात्रियों में से अकेले जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश, ब्रिटेन में बसे एक भारतीय हैं।
हादसे के बाद जब विमान का मलबा जल रहा था, तब वह खून से लथपथ होकर खुद चलकर पास की एम्बुलेंस तक पहुंचे। डॉक्टरों के मुताबिक, वह गहरे सदमे और दर्द में थे लेकिन उनकी हालत स्थिर है।

पीएम मोदी ने अस्पताल पहुंचकर की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अस्पताल जाकर विश्वास रमेश से मुलाकात की और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। मोदी ने इस चमत्कारी जीवित बचाव पर विश्वास की पीठ थपथपाई और चिकित्सकों को उनके इलाज के लिए हर संभव सुविधा देने का निर्देश दिया।

सीट 11A अब बन गई है वैश्विक चर्चा का केंद्र

दुनियाभर के मीडिया हाउसेस अब इस संयोग पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे एक ही सीट नंबर – 11A – दो बार, दो अलग-अलग देशों में, दो अलग-अलग हादसों में किसी की जान बचाने वाली बन गई।

लोग सोशल मीडिया पर इसे "The Miracle Seat – 11A" कह रहे हैं।

क्या है 11A सीट का विमानन सिस्टम में स्थान?

विमानन एक्सपर्ट्स के अनुसार, 11A आमतौर पर विंडो सीट होती है, जो विंग से ठीक पहले के हिस्से में आती है।
इस स्थान पर सुरक्षा या ताकत ज्यादा नहीं होती, लेकिन शायद किस्मत और चमत्कार किसी विज्ञान से बड़े होते हैं।

लोग कह रहे हैं – "कहीं फिर कभी फ्लाइट में जाऊं, तो 11A जरूर मांगूंगा!"

घटना के बाद अब इंटरनेट पर कई लोग फ्लाइट बुकिंग के वक्त सीट 11A की मांग करने की बात कर रहे हैं। टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी सीट 11A सबसे तेज़ी से भरने वाली सीट बन गई है।

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