एयर इंडिया AI171 हादसे में 270 की मौत, टेकऑफ के 42 सेकंड में विमान हुआ राख, ब्लैक बॉक्स से खुलेंगे भयावह सच, जांच जारी।
टेकऑफ के 42 सेकंड बाद तबाही, ड्रीमलाइनर ने निगल ली 270 जिंदगियां
12 जून 2025 को भारत के एविएशन इतिहास का सबसे दर्दनाक दिन बन गया। दोपहर 1:13 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन की ओर रवाना हुई, लेकिन उड़ान भरने के केवल 42 सेकंड बाद ही यह आधुनिक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर पड़ा। भीषण विस्फोट, आग का भयानक गोला और बिखरे शवों के बीच भारत ने 270 जिंदगियां खो दीं। इनमें विदेशी नागरिक, डॉक्टर, छात्र, एयर क्रू और VIP यात्री भी शामिल थे।
सबसे सुरक्षित माने जाने वाले विमान का ऐसे क्रैश होना क्यों बना रहस्य?
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को दुनिया का सबसे सुरक्षित विमान कहा जाता है। इसमें Rolls-Royce Trent 1000 इंजन लगे होते हैं, जो बेहद आधुनिक तकनीक पर काम करते हैं। एयर इंडिया के पास यह विमान 2014 में शामिल हुआ था, यानी महज 11 साल पुराना था। ऐसे में इसके इस प्रकार अचानक क्रैश हो जाना, विमानन सुरक्षा पर एक बड़ा सवालिया निशान बन गया है।
मेडे कॉल: “नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन…” आखिरी चेतावनी से हिल गया कंट्रोल रूम
ATC (Air Traffic Control) को जो अंतिम संदेश मिला, वो डरावना था। पायलट ने तीन बार “Mayday, Mayday, Mayday” कहा और फिर बोला, “No Power, No Thrust, Going Down…”
इसका अर्थ साफ था – इंजन ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था। विमान टेकऑफ की स्थिति में था, यानी नीचे लौटने का कोई भी विकल्प नहीं था। इतनी ऊंचाई पर पहुंचने से पहले ही दोनों इंजन बंद हो चुके थे। यानी पायलट के पास कोई निर्णय लेने का वक्त ही नहीं बचा।
क्या दोनों इंजन एक साथ बंद हो सकते हैं?
यह बेहद असंभव परिस्थिति मानी जाती है, लेकिन AI171 के मामले में यही मुख्य आशंका है। DGCA के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ब्लैक बॉक्स की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि रनवे छोड़ने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजन ने एकसाथ पावर खो दी।
संभावित कारण:
- फ्यूल कंट्रोल यूनिट फेलियर – जिससे ईंधन इंजन तक पहुंच ही नहीं पाया।
- बर्ड स्ट्राइक – टेकऑफ के वक्त दो बड़े पक्षियों के टकराने की रिपोर्ट भी सामने आई है।
- इलेक्ट्रिकल सिस्टम क्रैश – संभव है कि सेंसर, फ्यूल पंप और कंट्रोल सिस्टम सभी अचानक फेल हो गए हों।
टेकऑफ के दौरान पक्षी टकराना कितना खतरनाक हो सकता है?
पक्षियों का इंजन से टकराना यानी ‘बर्ड हिट’ एविएशन में सबसे ज्यादा रिपोर्ट किया जाने वाला जोखिम है। यदि कोई बड़ा पक्षी जैसे कि गिद्ध या बाज इंजन में फंस जाए, तो इंजन का रोटर ब्लेड टूट सकता है और इंजन बंद हो सकता है। AI171 के केस में दोनों इंजन के साथ ऐसा होना किसी एक बड़े पक्षियों के झुंड के टकराने की संभावना को जन्म देता है।
क्या गर्मी भी बनी जानलेवा वजह?
12 जून को अहमदाबाद का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस था। उच्च तापमान पर इंजन को हवा से ऑक्सीजन कम मिलती है, जिससे थ्रस्ट (पावर) में कमी आती है। इससे टेकऑफ के दौरान आवश्यक पावर नहीं मिलती। यही कारण है कि गर्मियों में विमानों को “Derated Thrust Mode” में ऑपरेट किया जाता है। ऐसे में अगर ईंधन या इलेक्ट्रिकल सपोर्ट में मामूली सी चूक हो, तो पूरा सिस्टम फेल हो सकता है।
ओवरवेट टेकऑफ की आशंका?
ब्लैक बॉक्स के साथ लोडिंग मैनिफेस्ट और पैसेंजर व कार्गो डिटेल्स की भी जांच की जा रही है। एक आशंका यह भी है कि विमान तय सीमा से अधिक भार लेकर उड़ान भर रहा था। ऐसे में टेकऑफ के दौरान रनवे की लंबाई भी कम पड़ सकती है, और जब इंजन पावर कम हो, तो भार संतुलन पूरे सिस्टम पर भारी पड़ता है।
क्या एयर इंडिया की प्री-फ्लाइट जांच में चूक हुई?
यह सबसे संवेदनशील और शर्मनाक सवाल है। सूत्रों के अनुसार, टेकऑफ से पहले प्री-फ्लाइट इंजन थ्रस्ट टेस्ट को “स्किप” किया गया था। इसकी वजह एयरलाइन का समय बचाने वाला SOP हो सकता है। अब DGCA इस SOP और चेकलिस्ट को लेकर जांच शुरू कर चुका है।
हादसे की जगह बनी तबाही का मैदान
बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा विमान एक भयानक अग्निकांड में बदल गया। दर्जनों छात्रों की जान मौके पर ही चली गई। राहत कार्य में लगे NDRF और दमकल विभाग को शवों के अवशेष निकालने में 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा। हेलिकॉप्टर से फायर कंट्रोल किया गया। मलबे से मिले कई शवों की शिनाख्त तक नहीं हो पा रही है।
DNA टेस्ट से होगी शवों की पहचान
गृह मंत्री अमित शाह ने खुद घटनास्थल का दौरा किया और ऐलान किया कि सभी शवों की पहचान DNA टेस्ट के जरिए की जाएगी। अब तक 187 शवों के सैंपल लिए जा चुके हैं और फोरेंसिक लैब में प्रक्रिया जारी है।
ब्लैक बॉक्स और डेटा रिकॉर्डर खोलेंगे मौत का रहस्य
AI171 के ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) मिल चुके हैं। इनसे टेकऑफ के दौरान पायलट और को-पायलट के बीच हुई बातचीत, ऑडियो अलर्ट्स, इंजन डेटा, ऑक्सीजन स्तर और तापमान जैसी तमाम जानकारियां मिलेंगी। 48 घंटे में इनकी डिकोडिंग पूरी होने की उम्मीद है।
DGCA की बड़ी कार्रवाई
DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने एक स्पेशल क्रैश जांच कमेटी बनाई है। एयर इंडिया के सभी ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष जांच का आदेश दिया गया है। साथ ही सभी पायलट्स की ट्रेनिंग, मेडिकल फिटनेस और फिजिकल सर्टिफिकेशन को फिर से जांचा जा रहा है।
लापरवाही से भी बड़ी चेतावनी
एविएशन इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि इस हादसे ने चेतावनी दी है कि चाहे विमान कितना ही आधुनिक क्यों न हो, सुरक्षा प्रोटोकॉल और सतर्कता ही अंतिम रक्षा है। टेकऑफ से पहले की 5 मिनट की लापरवाही 270 घरों में मातम बनकर पहुंच गई।
मृतकों में कौन-कौन शामिल?
- एयरक्रू: 12 लोग, जिनमें 2 सीनियर कैप्टन और 3 जूनियर फ्लाइट अटेंडेंट्स
- यात्री: 230 भारतीय व विदेशी नागरिक
- हॉस्टल के छात्र: 28 मेडिकल स्टूडेंट्स
- ग्राउंड स्टाफ व नागरिक: 8 लोग
प्रधानमंत्री मोदी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर हादसे पर शोक जताया और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से बात कर मृतकों की पहचान व सहयोग की बात की। ब्रिटिश उच्चायोग ने भी अपने नागरिकों के शवों की पहचान में भारत सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही है।


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