जल जीवन मिशन में लापरवाही पर सीएम योगी का बड़ा एक्शन, 6 अफसर सस्पेंड, 122 पर जांच बैठी, 55 को दी गई चेतावनी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक्शन मोड: जल जीवन मिशन में लापरवाही पर 183 अफसरों पर गिरी गाज
उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हो गए हैं। उन्होंने निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयसीमा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी के तहत सरकार ने बीते चार वर्षों में जल जीवन मिशन में कार्यरत 183 अफसरों और कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
इनमें सबसे बड़ा झटका 6 अधिकारियों को लगा है जिन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं 122 अधिकारियों पर अनुशासनिक जांच बैठा दी गई है, जबकि 55 को प्रतिकूल प्रविष्टियां दी गई हैं। यह कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संकेत है कि लापरवाह अधिकारी अब उत्तर प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि जनता के हितों से जुड़ी विकास योजनाओं में ढिलाई करने वालों के लिए इस सरकार में कोई जगह नहीं है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इसमें किसी भी स्तर पर गड़बड़ी करने वालों को सख्त सजा दी जाएगी।
सबसे ज्यादा कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर
जल जीवन मिशन में अब तक की गई कार्रवाईयों में सबसे ज्यादा नाम अधिशासी अभियंताओं का सामने आया है। आंकड़ों के अनुसार, 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, जबकि 4 को सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा 32 सहायक अभियंताओं पर जांच की गई और इनमें से 2 को सस्पेंड किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच भी शुरू की जा चुकी है।
मुख्य अभियंताओं पर भी जांच की गाज
इतना ही नहीं, मिशन से जुड़े 7 मुख्य अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है जबकि 4 के खिलाफ पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। वहीं 5 अधीक्षण अभियंताओं की जांच शुरू हो चुकी है और 7 को अनुशासनात्मक दायरे में लाया गया है।
सीएम ने दोहराई सख्ती की नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा है कि राज्य में किसी भी विकास योजना में भ्रष्टाचार, लापरवाही या समय की बर्बादी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर घर तक तय समय में शुद्ध पेयजल पहुंचे और इसके लिए न केवल योजनाओं की निगरानी होगी बल्कि हर स्तर पर जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी।
पारदर्शिता की मिसाल बनाना चाहते हैं योगी
सरकार का दावा है कि जल जीवन मिशन को पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि "हर घर जल" का सपना तभी पूरा हो पाएगा जब योजना से जुड़े हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाए। किसी भी स्तर पर की गई लापरवाही को माफ नहीं किया जाएगा।
जनता को मिला भरोसा, अधिकारियों को चेतावनी
जल जीवन मिशन को लेकर योगी सरकार की इस सख्त कार्रवाई से एक ओर जनता में भरोसे का भाव पैदा हुआ है, वहीं लापरवाह अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर हर विकास कार्य पर है और लापरवाही की सजा तय है।
जल जीवन मिशन: सरकार का जनहित में कड़ा कदम
जल जीवन मिशन के जरिए योगी सरकार ग्रामीण भारत को बुनियादी सुविधाएं देने के अपने वादे पर पूरी ताकत से काम कर रही है। इस मिशन के अंतर्गत लाखों घरों में नल से जल पहुंचाया जा रहा है और इसे समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से लागू करना सरकार की प्राथमिकता है।
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