प्रयागराज में हैवान बनी टीचर! 4 साल के मासूम को थप्पड़ मारा, खून निकला और मौत हो गई – पोस्टमार्टम में खुला खौफनाक राज



प्रयागराज के स्कूल में टीचर की पिटाई से नर्सरी छात्र की मौत, पोस्टमार्टम में आई-ब्रो और प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान मिले।


प्रयागराज में प्राइवेट स्कूल की भयावह घटना: मासूम शिवाय की दर्दनाक मौत ने पूरे जिले को झकझोरा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई एक दिल दहला देने वाली खबर ने माता-पिता के दिलों में डर बैठा दिया है। नर्सरी क्लास में पढ़ने वाले महज चार साल के मासूम शिवाय की मौत स्कूल टीचर की बेरहमी से थप्पड़ मारने के बाद हो गई। घटना नैनी थाना क्षेत्र के डीडीएस जूनियर हाई स्कूल की है, जहां मासूम की मौत की कहानी सुन हर किसी की आंखें भर आईं।

रोने पर थप्पड़ मारा… बेंच से टकराया सिर, निकला खून और चली गई मासूम की जान
महेवा पश्चिम पट्टी के वीरेंद्र का चार वर्षीय बेटा शिवाय रोज की तरह अपने भाई-बहनों के साथ स्कूल गया था। स्कूल में रोते हुए शिवाय को टीचर ने पहले भाई सुमित की क्लास में बिठाया। लेकिन जब वह शांत नहीं हुआ, तो एक अन्य शिक्षिका ने गुस्से में आकर शिवाय को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इससे उसका सिर पास की बेंच से टकरा गया और वह ज़मीन पर गिर पड़ा।

बच्चा तड़पता रहा… पानी मांगता रहा… और टीचर ने नहीं दी एक बूंद राहत
गिरने के बाद शिवाय के मुंह और नाक से खून बहने लगा। प्रत्यक्षदर्शी भाई सुमित के मुताबिक, शिवाय बार-बार पानी मांगता रहा लेकिन टीचर ने कोई मदद नहीं की। करीब 10 मिनट बाद उसकी आवाज बंद हो गई। तभी एक टीचर उसे देखने गई और देखा कि वह निःशब्द हो चुका है। घबराकर शिक्षक बाहर गई और तुरंत उसके माता-पिता को फोन किया गया।

अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने सुनाया मातम भरा फैसला: बच्चा नहीं रहा
माता-पिता जब तक स्कूल पहुंचे, तब तक देर हो चुकी थी। शिवाय को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह सुनते ही परिजनों पर मानो पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने सीधे तौर पर स्कूल स्टाफ पर हत्या का आरोप लगाया और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले रोंगटे खड़े कर देने वाले राज, कई जगह चोट के निशान
पुलिस की कार्रवाई में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई। रिपोर्ट में बच्चे के शरीर पर कुल तीन गंभीर चोट के निशान मिले। सबसे भयानक बात यह रही कि चोट सिर्फ आई-ब्रो और पैर तक ही सीमित नहीं थी — बच्चे के प्राइवेट पार्ट में भी गंभीर चोट पाई गई।

DCP का बयान: सिर्फ थप्पड़ नहीं, कुछ और भी छुपा है इस दर्दनाक कहानी के पीछे!
डीसीपी गंगा नगर विवेक यादव ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि केस में कई एंगल से जांच की जा रही है। टीचर की पिटाई से मौत का मामला अब यौन हिंसा की ओर भी इशारा कर रहा है। पुलिस ने स्कूल के दो टीचर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

CCTV और बच्चों के बयान से खुलेगा पूरा सच, पुलिस जुटी जांच में
पुलिस टीम स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और बच्चों से पूछताछ भी की जा रही है। अधिकारी मानते हैं कि पूरे मामले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं और यह सिर्फ टीचर की मारपीट नहीं बल्कि एक बड़ी लापरवाही और हिंसा का मामला बनता जा रहा है।

मासूम की मौत के बाद गुस्से में परिजन, स्कूल के बाहर हंगामा, इंसाफ की मांग
शिवाय की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। शुक्रवार को गुस्साए लोगों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और शिक्षिका की गिरफ्तारी की मांग की। वहीं इलाके में भी मातम पसरा है, क्योंकि जिसने भी शिवाय की हालत देखी, उसकी आंखें नम हो गईं।

'कौन देगा अब मेरे बेटे की जगह?' – बिलखते पिता की चीख ने किया प्रशासन को मजबूर
शिवाय के पिता वीरेंद्र ने मीडिया से कहा – "मेरा बेटा ठीक-ठाक स्कूल गया था, अब उसकी लाश मिली। कोई टीचर कैसे इतनी बेरहमी दिखा सकती है?" उन्होंने प्रशासन से न्याय की मांग की है और कहा कि आरोपी शिक्षिका को सख्त से सख्त सजा दी जाए।

स्कूल की चुप्पी भी बन गई है शक की वजह, प्रशासन ने मांगी सफाई
घटना के बाद स्कूल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है। न तो कोई बयान जारी किया गया, न ही घटना की जिम्मेदारी ली गई। डीएम प्रयागराज ने शिक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की है और स्कूल की मान्यता पर भी विचार किया जा रहा है।

मामले में क्या आगे होगा? जानिए पुलिस और प्रशासन की अगली रणनीति
प्रशासन का कहना है कि स्कूल में काम करने वाले सभी शिक्षकों और स्टाफ की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी। जिन टीचर्स पर केस दर्ज हुआ है, उनके मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और उनके सोशल मीडिया की भी जांच की जा रही है।

बच्चों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, स्कूलों में 'थर्ड डिग्री' क्यों?
इस घटना ने एक बार फिर देश में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या चार साल के मासूमों को अनुशासन सिखाने के नाम पर शारीरिक हिंसा जायज है? यह सवाल न केवल प्रयागराज, बल्कि पूरे देश के हर माता-पिता को झकझोर रहा है।

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