विधायक विनय वर्मा ने डीएम और सांसद के सामने BEO को कहा दलाल, कार्यक्रम के मंच पर उड़ा मर्यादा का मजाक, वीडियो वायरल।
सिद्धार्थनगर: यूपी की राजनीति में इन दिनों बयानों की गरमाहट फिर से चर्चा में है। ताज़ा मामला सिद्धार्थनगर जिले से सामने आया है जहां अपना दल (एस) के विधायक विनय वर्मा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मंच पर ही जिले के खंड शिक्षा अधिकारी को 'दलाल' कहकर सबको चौंका दिया। यह सब उस वक्त हुआ जब मंच पर जिले के डीएम डॉ. राजा गणपति आर, सांसद जगदंबिका पाल, और सदर विधायक श्यामधनी राही जैसे गणमान्य लोग भी मौजूद थे। इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
कार्यक्रम बना विवाद का अखाड़ा
सोमवार को आयोजित एक शिक्षा संबंधित कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक और राजनीतिक चेहरे मंच पर एकत्र हुए थे। माहौल औपचारिक था लेकिन जैसे ही विधायक विनय वर्मा बोलने के लिए उठे, उन्होंने सीधे शोहरतगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को लपेटे में लेते हुए कहा,
"इनको ये नहीं पता कि जनप्रतिनिधि कौन होता है, क्या ये लोग दलाली करने आए हैं?"
विधायक की यह टिप्पणी सुनकर मंच पर बैठे डीएम और सांसद भी असहज हो गए, लेकिन विधायक का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था। उन्होंने आगे कहा,
"जब अफसरों को यही नहीं पता कि जनता का प्रतिनिधि कौन है, तो ऐसे लोगों को क्या यहां दलाली के लिए भेजा गया है?"
न बैठ रही अफसरों से पटरी
सूत्रों की मानें तो विधायक विनय वर्मा और जिले के कुछ अधिकारियों के बीच पहले से ही तनातनी चल रही है। इससे पहले 2024 के सितंबर महीने में वह तत्कालीन एसपी प्राची सिंह के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर पूरी शिकायत की थी और एसपी के तबादले की मांग रखी थी।
अब एक बार फिर से विधायक ने अफसरों को लपेटते हुए बीईओ शोहरतगढ़ पर सीधा हमला बोल दिया, जिससे स्पष्ट है कि जिला प्रशासन और विधायक के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
क्यों बिगड़े विधायक विनय वर्मा के तेवर?
कार्यक्रम के दौरान विधायक के उग्र तेवर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें अफसरों की कार्यशैली को लेकर भारी नाराजगी है। खंड शिक्षा अधिकारी के प्रति इतनी नाराजगी इसलिए भी सामने आई क्योंकि विधायक ने कई बार पहले भी प्रशासनिक ढांचे में लापरवाही और अनदेखी के आरोप लगाए हैं।
वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर गरमा गई बहस
विधायक का यह पूरा वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं। किसी ने इसे विधायक की हिम्मत बताया तो किसी ने कहा कि "मर्यादा का उल्लंघन है ये"।
क्या कहते हैं अधिकारी और प्रशासन?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अभी तक बीईओ शोहरतगढ़ या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह मामला अब शासन तक पहुंच चुका है और जल्द ही इस पर कोई निर्देश जारी हो सकता है।
भविष्य में क्या होगा?
सवाल यही है कि क्या विधायक की यह बयानबाज़ी आगे चलकर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के रिश्तों को और खराब करेगी या फिर इससे कोई ठोस समाधान निकलेगा? फिलहाल तो मंच पर 'तू दलाल है' जैसी भाषा के इस्तेमाल से मामला गरमा गया है और राजनीति की चटपटी चर्चा का केंद्र बन गया है।
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