कानपुर में भीषण अग्निकांड! जूता फैक्ट्री में लगी आग ने माता-पिता और 3 बेटियों को जिंदा जलाया, 70 फायर फाइटर्स ने 7 घंटे तक आग से जंग लड़ी।
कानपुर में जलता हुआ मातम! चमनगंज की फैक्ट्री बनी मौत का दरवाजा
कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र में रविवार की रात ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने पूरे शहर को दहला दिया। एक चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने देखते ही देखते एक परिवार के पांच सदस्यों की जिंदगी लील ली। जूता फैक्ट्री में फैली लपटों ने मोहम्मद दानिश, उनकी पत्नी नाजमी सबा और तीन मासूम बेटियों - सारा, सिमरा और इनाया को जिंदा जला दिया।
जूता फैक्ट्री बनी आग का गोदाम, 7 घंटे तक धधकती रही मौत
रविवार रात 8:30 बजे के करीब आग लगी और मिनटों में ही पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। आग के फैलने की रफ्तार इतनी तेज थी कि दमकल विभाग की 10 गाड़ियां और 70 फायर फाइटर्स भी घंटों तक उससे जूझते रहे। लपटें रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं। धुएं और आग के बीच फंसे लोगों को बचाना चुनौती बन गया।
हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म से चला रेस्क्यू ऑपरेशन, फिर भी बच नहीं सके मासूम
दमकल विभाग ने हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म का सहारा लिया। निचली मंजिलों से कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन चौथी मंजिल पर फंसे मोहम्मद दानिश और उनका परिवार आग की भीषणता के आगे हार गया। अग्निशमन दल के अनुसार, आग बुझाने में पेट्रोल और डेंड्राइड जैसे ज्वलनशील पदार्थों ने सबसे ज्यादा अड़चन डाली।
तीन धमाकों ने बढ़ाई दहशत, सिलेंडर ब्लास्ट की आशंका
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग लगने के कुछ ही मिनटों के अंदर इमारत में तीन जोरदार धमाके भी हुए। आशंका है कि ये सिलेंडर ब्लास्ट के कारण हुए। इन धमाकों ने रेस्क्यू ऑपरेशन को और मुश्किल बना दिया। हालांकि पुलिस और फायर ब्रिगेड ने पड़ोसी इमारतों को समय रहते खाली करवा लिया था।
केमिकल और पेट्रोल ने आग को बना दिया राक्षस, बुझते-बुझते भी जलती रही इमारत
जूते बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल और पेट्रोल ने इस आग को और खतरनाक बना दिया। आग पर काबू पाते ही जैसे ही दमकलकर्मी राहत की सांस लेने लगे, अचानक फिर से आग भड़क उठी और ऊपरी मंजिलों को घेर लिया। करीब 7 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद सुबह 5:30 बजे के आसपास शवों को बाहर निकाला गया।
लखनऊ से भी मंगाई गई SDRF टीम, फिर भी हार गई जिंदगी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रात 1:30 बजे लखनऊ से एसडीआरएफ की विशेष टीम भी बुलाई गई। दमकल विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक एक ही परिवार के पांच जीवन हमेशा के लिए बुझ चुके थे।
ताजा हादसे ने खोली नगर प्रशासन की पोल, स्वरूप नगर की आग की भी याद ताजा
हाल के दिनों में यह कानपुर की दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले स्वरूप नगर में रेस्टोरेंट में लगी आग ने भी लोगों की सांसें रोक दी थीं। चमनगंज हादसे ने एक बार फिर शहर की बहुमंजिला इमारतों में सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है।
पुलिस और फायर विभाग की जांच जारी, दोषियों पर गिरेगी गाज!
फिलहाल, आग लगने के कारणों की जांच जारी है। पुलिस ने लापरवाही की सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अगर फैक्ट्री में ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित तरीके से रखा गया होता, तो यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।
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