वाराणसी में बनी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर खास बनारसी साड़ी, जिसमें राफेल-ब्रह्मोस-एस400 उकेरे; सैनिकों को मिलेगा फ्री गिफ्ट।
वाराणसी के बुनकर ने ऑपरेशन सिंदूर पर बुनी अनोखी साड़ी, सैनिकों को देंगे तोहफे में
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की तंग गलियों से एक बार फिर देशभक्ति की चमक निकली है। चौक इलाके के जाने-माने बनारसी साड़ी कारीगर विकास भवशंकर ने वो कर दिखाया है जो अब तक किसी ने नहीं किया। उन्होंने भारतीय सेना के सम्मान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की थीम पर एक बेहद खास और अनोखी बनारसी साड़ी तैयार की है, जिसमें भारत के गर्व—ब्रह्मोस मिसाइल, एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और राफेल फाइटर जेट को शानदार तरीके से उकेरा गया है।
विकास भवशंकर का कहना है कि ये साड़ी दस दिन की मेहनत का नतीजा है, और इसे बेचने के लिए नहीं बल्कि दिल से सेना को समर्पित करने के लिए तैयार किया गया है। उनका सीधा ऐलान है कि कोई भी सैनिक अगर उनके पास आता है, तो यह साड़ी उसे मुफ्त में गिफ्ट की जाएगी।
‘दिमाग से नहीं, दिल से बनाई है ये साड़ी’ – विकास भवशंकर
विकास ने बताया कि “हमारा उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है। सेना है, तभी हम हैं, तभी हमारा काम है, तभी हम अपने बच्चों के साथ चैन से जी पाते हैं। इसलिए, ये साड़ी हमारे जज़्बे और भावनाओं की बुनावट है। हमने इसे दिल से बुना है, दिमाग से नहीं।”
इस नीले रंग की साड़ी पर जहां एक ओर राफेल और ब्रह्मोस जैसे अत्याधुनिक हथियारों की कढ़ाई है, वहीं मैचिंग ब्लाउज पीस पर भी एयरक्राफ्ट्स डिज़ाइन किए गए हैं। इस खास डिज़ाइन को पहली नज़र में ही पसंद किया जा रहा है।
पीएम मोदी को पत्र, सेना की दो 'शेरनियों' को साड़ी भेंट करने की इच्छा
विकास भवशंकर का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसंपर्क कार्यालय में एक पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को दुनिया के सामने लाने वाली दो बहादुर महिलाओं—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को यह साड़ी तोहफे में देने की इच्छा जताई है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने भारतीय महिला अफसर के सिंदूर को निशाना बनाकर कहा था कि “जाकर मोदी को बता देना।” उसी संदेश को सेना की दो बेटियों ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए करारा जवाब देते हुए दुनिया के सामने रख दिया।
‘साड़ी और सिंदूर ही हैं हमारी पहचान और स्वाभिमान’
विकास कहते हैं, “जब दुश्मन हमारे सिंदूर को मिटाने की धमकी देता है, तब हमारी बेटियां उसका जवाब राफेल और ब्रह्मोस से देती हैं। और यही संदेश हमने बनारसी साड़ी के ज़रिए दुनिया को देने की कोशिश की है।”
उनकी इस पहल को लेकर बनारस समेत पूरे सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है। स्थानीय लोग इसे एक देशभक्ति से लबरेज हस्तशिल्प क्रांति मान रहे हैं, जिसमें कला, संस्कृति और राष्ट्रप्रेम का अनूठा संगम हुआ है।
सेना को समर्पित ये साड़ी अब बनेगी सम्मान की मिसाल
बनारसी कारीगर की यह पहल सिर्फ एक साड़ी तक सीमित नहीं है, यह एक भावना की बुनावट है, जिसमें सैनिकों के लिए प्रेम, गर्व और सम्मान की पूरी दुनिया बसी है। आने वाले समय में अगर यह साड़ी देशभर के वीरों तक पहुंचती है, तो यह बनारसी कारीगरी और भारतीय सेना के बीच का भावनात्मक पुल बनकर उभरेगी।
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