26/11 हमले से पहले दुबई में रची गई थी खौफ की स्क्रिप्ट! तहव्वुर राणा से मिला वो अनजान शख्स अब NIA के निशाने पर




तहव्वुर राणा से दुबई में मिला रहस्यमयी शख्स, जिसे था मुंबई हमले की साजिश का पता! NIA कर रही सच्चाई की पड़ताल।



मुंबई में तबाही की पटकथा क्या दुबई में लिखी गई थी? तहव्वुर राणा की एक खुफिया मुलाकात ने NIA को कर दिया हैरान!

मुंबई 26/11 आतंकी हमले की कहानी जितनी भयावह थी, उतनी ही रहस्यमयी भी। लेकिन अब इस भयावहता की तहों में छुपी एक नई परत सामने आ रही है। तहव्वुर राणा से जुड़ा एक ऐसा गुमनाम चेहरा जांच एजेंसियों के निशाने पर आ चुका है, जो हमले से पहले ही साजिश से वाकिफ था। सूत्रों के मुताबिक, इस रहस्यमयी शख्स से तहव्वुर राणा की दुबई में मुलाकात हुई थी और अब NIA उसी पर फोकस कर रही है।

कौन है वो गुमनाम साजिशकर्ता? क्या दुबई बना था 26/11 की खौफनाक योजना का 'वार रूम'?
NIA को शक है कि ये अंजान व्यक्ति या तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हो सकता है या फिर लश्कर-ए-तैयबा का कोई बड़ा चेहरा। तहव्वुर राणा, जो पहले ही इस केस में अमेरिका में सजा काट चुका है, अब भारत लाया गया है और उससे तीन घंटे की लंबी पूछताछ हो चुकी है।

तीन घंटे की पूछताछ, कई राज उजागर – NIA को मिला दुबई लिंक का बड़ा सुराग
शुक्रवार को जब तहव्वुर राणा से पूछताछ शुरू हुई, तो टीम के सामने कई चौंकाने वाली जानकारियां आईं। राणा ने स्वीकारा कि दुबई में उसकी मुलाकात एक ऐसे शख्स से कराई गई थी, जिसे 26/11 की योजना की पूरी जानकारी थी। और ये मुलाकात डेविड हेडली के कहने पर हुई थी।

"India मत आना!" – हेडली की चेतावनी और हमले की गूंज
NIA को अमेरिका से मिले इंटरसेप्टेड चैट्स और वॉइस रिकॉर्ड्स के अनुसार, डेविड हेडली ने नवंबर 2008 में तहव्वुर राणा को भारत न आने की साफ चेतावनी दी थी। उसने कहा था कि "हमले की पुष्टि हो चुकी है"। इस बातचीत के बाद ही राणा और हेडली ने मुंबई ऑफिस की लीज रिन्यू नहीं कराई। यह वही ऑफिस था जिसका इस्तेमाल मुंबई में रेकी और स्थानीय सपोर्ट के लिए किया गया था।

लीज रिन्यू न कराना बना शक की जड़ – क्या हमले से पहले सबकुछ तय था?
2008 में राणा और हेडली के मुंबई ऑफिस की लीज खत्म हो गई थी। आम तौर पर ये लीज रिन्यू हो जाती, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। और इसी के कुछ ही हफ्तों बाद 26 नवंबर को मुंबई में हुआ सबसे खौफनाक आतंकी हमला। अब NIA इसी कड़ी को जोड़ने में जुटी है कि क्या लीज रिन्यू न करना एक प्लान था? और क्या दुबई में हुई मुलाकात इसके पीछे का कारण थी?

2005 से ही हो रही थी तैयारी – हेडली ने राणा को बताया था लश्कर की प्लानिंग
NIA के मुताबिक अगस्त 2005 में हेडली ने राणा को लश्कर-ए-तैयबा की योजना के बारे में बताया था। इसमें भारत के भीड़भाड़ वाले इलाकों और सरकारी इमारतों की रेकी करने की जिम्मेदारी हेडली को दी गई थी। और इसके लिए उसने राणा की इमिग्रेशन कंपनी को ढाल बनाया।

"Immigration Consultant" बना आतंक का एजेंट
हेडली मुंबई में एक इमिग्रेशन कंसल्टेंट बनकर रहा ताकि वो बिना शक के रेकी कर सके। और इस सबकी परतें अब एक-एक करके खुल रही हैं। राणा ने इस योजना में कैसे मदद की, किसके संपर्क में था, और किसके कहने पर दुबई में मुलाकात हुई – ये सभी बातें अब NIA के सवालों की लिस्ट में हैं।

क्या ISI के इशारे पर हुआ हमला?
NIA को शक है कि दुबई में जिससे राणा की मुलाकात हुई, वह या तो पाकिस्तानी ISI का अधिकारी हो सकता है या लश्कर का सीनियर ऑपरेटिव। इस शख्स की पहचान अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन राणा के जवाब अब उस गुत्थी को सुलझाने की कगार पर हैं।

भारत को क्यों चेताया गया था? हेडली की बातचीत में सामने आई थी हमले की तारीख!
इंटरसेप्ट में एक चौंकाने वाली बात ये भी थी कि हेडली ने हमले की तारीख तक राणा को बता दी थी। उसने कहा था कि "हमारे लोग तैयार हैं, हमला तय है, वापस मत आना"। ये वही समय था जब राणा और हेडली मुंबई ऑफिस से हटने लगे।

NIA की अगली चाल – दुबई कनेक्शन पर गहरी छानबीन
अब NIA दुबई में हुई मुलाकात की हर परत को खंगाल रही है। क्या इस शख्स की भारत में भी कोई भूमिका रही? क्या उसने हेडली को सीधे निर्देश दिए? और क्या इस गुमनाम शख्स के जरिये लश्कर ने भारत में लोकल सपोर्ट तैयार किया?

भारत-अमेरिका की साझा जांच – दस्तावेजों की साझेदारी से खुलेंगे और राज
अमेरिका की जांच एजेंसियों ने जो रिपोर्ट तैयार की है, वो अब NIA के पास है। इन दस्तावेजों में चैट, वॉइस रिकॉर्डिंग, इमिग्रेशन दस्तावेज और यात्रा विवरण हैं। इससे साफ है कि दुबई में राणा और रहस्यमयी शख्स की मुलाकात कोई सामान्य घटना नहीं थी।

राणा की भारत वापसी – अब बचना मुश्किल
तहव्वुर राणा को गुरुवार को भारत लाया गया है और अब उससे हर मोड़ पर पूछताछ होगी। NIA उसकी अमेरिका में की गई स्वीकारोक्ति और दुबई कनेक्शन पर आधारित सवालों से उसे घेरने वाली है।

अगला अध्याय शुरू
मुंबई हमले की जड़ें सिर्फ पाकिस्तान या भारत में नहीं बल्कि दुबई जैसे हब्स तक फैली हुई हैं। तहव्वुर राणा और उसका "दुबई वाला कनेक्शन" एक बार फिर ये साबित करता है कि 26/11 एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश थी – जिसकी पटकथा पर्दे के पीछे किसी और देश में लिखी जा रही थी।


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