वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: बदले की आग में झुलसा भतीजा, चाचा के पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने वाला गिरफ्तार!



वाराणसी में भतीजे ने अपने चाचा, चाची और तीन बच्चों की निर्मम हत्या कर दी। बदले की आग में जलते विशाल ने किए चौंकाने वाले खुलासे।


वाराणसी: भतीजे ने बदले की आग में कर दिया नरसंहार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुए दिल दहला देने वाले सामूहिक हत्याकांड का मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। भेलूपुर थाना क्षेत्र में हुए इस नरसंहार के बाद से ही वह फरार था, लेकिन पुलिस ने उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के साथ उसे पकड़ लिया।

हत्या के पीछे का खौफनाक कारण: विशाल ने पुलिस को बताया कि यह हत्या किसी गुस्से या लालच में नहीं बल्कि बदले की आग में रची गई थी। उसने अपने माता-पिता और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए अपने ही चाचा राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार का खून कर दिया।


बचपन से ही अपमान और यातना सहते आए थे दोनों भाई

विशाल और उसके भाई प्रशांत के अनुसार, साल 1997 में उनके माता-पिता और दादा की हत्या कर दी गई थी। आरोपियों का दावा है कि यह जघन्य अपराध उनके चाचा राजेंद्र गुप्ता ने किया था।

हत्या के बाद क्या हुआ?

  • इस घटना के बाद से ही दोनों भाइयों को नौकर की तरह रखा गया।
  • हर वक्त मारपीट और ताने सुनने पड़ते थे।
  • परिवार ने उन्हें कभी अपनापन महसूस नहीं कराया।

विशाल के अनुसार, यह यातना केवल शारीरिक नहीं थी बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।
घर के बाकी सदस्य, खासकर चाची नीतू और चचेरी बहन गौरांगी, लगातार उन्हें नीचा दिखाने और प्रताड़ित करने का काम करती थीं।

दो साल पहले की एक घटना ने बदल दी जिंदगी:

  • राजेंद्र गुप्ता और उनके बेटे नवनेंदु ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी।
  • कई दिनों तक घर में कैद करके रखा।
  • तभी से दोनों भाइयों ने बदला लेने का फैसला कर लिया।

हत्या की साजिश दो साल पहले रची गई थी

विशाल और प्रशांत ने बदला लेने के लिए पूरी साजिश दो साल पहले ही रच ली थी।

  • बिहार से हथियार खरीदे।
  • नए मोबाइल नंबर लिए।
  • सही समय का इंतजार किया।

आखिरकार 4-5 नवंबर 2024 की रात उन्होंने इस भयानक हत्याकांड को अंजाम दिया।


बारी-बारी से सभी को मौत के घाट उतारा

विशाल ने पुलिस को बताया कि उसने पहले अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता को मारा।
इसके बाद घर आकर चाची नीतू और उनके तीनों बच्चों
नवनेंदु, शुभेन्दु और गौरांगी—की गोली मारकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद वह मुगलसराय रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां से पटना भाग गया।


विशाल ने पुलिस को बताया: "मुझे और मेरे भाई को खत्म करने की साजिश थी"

जब पुलिस ने पूछा कि "तुमने चाचा के पूरे परिवार को क्यों मारा?", विशाल ने जवाब दिया:

"चाची और बहन गौरांगी ही चाचा और नवनेंदु को मेरे और प्रशांत के खिलाफ भड़काती थीं। वे हमें पूरी तरह मिटाने पर आमादा थे।"

पुलिस ने पूछा कि "16 साल के शुभेन्दु को क्यों मारा?"

"वो कई बार कह चुका था कि बड़ा होकर हमें गोली मार देगा। वो चाचा और नवनेंदु से भी ज्यादा खतरनाक था। उसे मारना सबसे जरूरी था।"


बिहार से खरीदे थे हथियार और सिम कार्ड

विशाल ने बताया कि उसने बिहार से .32 बोर की दो पिस्टल और दो मैगजीन खरीदी थी।
हत्या की साजिश के दौरान उसने वहां से पांच सिम कार्ड भी लिए थे ताकि ट्रैक न किया जा सके।


हत्या के बाद कैसे बचता रहा?

हत्या के बाद विशाल सीधा मुगलसराय रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां से पटना भाग गया।

  • किसी होटल में नहीं रुका।
  • रेलवे स्टेशन पर सोता था।
  • कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में शरण ली।

फर्जी आईडी से पैसे मंगवाता था

विशाल ने पुलिस को बताया कि उसने दो फर्जी आईडी बनाकर सोशल मीडिया मैसेंजर के जरिए अपने भाई प्रशांत से संपर्क बनाए रखा।

  • वैशाली और विकास नाम से फर्जी अकाउंट बनाए।
  • इन्हीं के जरिए पैसे की व्यवस्था करता था।
  • दो बार बनारस और मुगलसराय भी आ चुका था, लेकिन पुलिस के डर से ज्यादा देर नहीं रुका।

कहां और कैसे पकड़ा गया आरोपी?

वारदात के बाद भी पुलिस को चकमा दे रहे थे, लेकिन आखिरकार दोनों को सीरगोवर्धन के लौटूबीर मंदिर के पास गिरफ्तार कर लिया गया।

  • पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि दोनों वहां खड़े होकर बात कर रहे थे।
  • जैसे ही पुलिस पहुंची, दोनों भागने लगे, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया।

अब आगे क्या?

विशाल और प्रशांत से अभी भी पूछताछ जारी है।

  • पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या हत्या की इस साजिश में और भी कोई शामिल था या नहीं।
  • इस हत्याकांड ने पूरे वाराणसी को झकझोर कर रख दिया है।
  • लोग इस बर्बर हत्या से सदमे में हैं।
  • कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि "इतने वर्षों तक इन दोनों भाइयों की पीड़ा को किसी ने क्यों नहीं सुना?"

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस केस में क्या फैसला सुनाती है।
क्या विशाल और प्रशांत को उम्रकैद होगी या उन्हें फांसी की सजा मिलेगी?

पुलिस की जांच जारी है और इस खौफनाक हत्याकांड के पीछे की सारी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।

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