लखनऊ में तंत्र-मंत्र के लिए मासूम बच्ची की बलि! पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा, आरोपी महिला गिरफ्तार, पति ने की खुदकुशी। जानें पूरी खबर।
तंत्र-मंत्र के नाम पर नाबालिग की हत्या, लखनऊ पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक खौफनाक हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। 23 जनवरी को हुई नाबालिग बच्ची की हत्या का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यह हत्या सिर्फ एक वहशीपन नहीं, बल्कि तंत्र-मंत्र के काले खेल का नतीजा थी। आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसका पति पहले ही खुदकुशी कर चुका है।
पुलिस के मुताबिक, यह वारदात लखनऊ के दुबग्गा थाना क्षेत्र में दोपहर के समय हुई, जब मासूम बच्ची रोज़ाना की तरह सब्जी बेचने के लिए निकली थी। आरोपी सोनू पंडित और उसकी पत्नी जुगनू ने बच्ची को अपने घर में बुलाया और तंत्र-मंत्र की बलि देने के लिए उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।
सब्जी बेचने निकली थी मासूम, बना दी गई तंत्र-मंत्र का शिकार
23 जनवरी की दोपहर को 10 वर्षीय मासूम बच्ची अपने घर से निकली थी। वह रोज़ की तरह दुबग्गा इलाके में सब्जी बेचने गई थी। जैसे ही वह सोनू पंडित के घर के पास पहुंची, आरोपी ने उसे बहाने से अंदर बुलाया। पहले उसे चाय पीने का ऑफर दिया, लेकिन जब बच्ची ने मना कर दिया तो सोनू ने उससे कहा कि चाय पीने के बाद सब्जी खरीदेंगे।
इसके बाद आरोपी ने बच्ची के हाथों में तीन गेंदे के फूल और तीन लौंग रखी। तभी उसने अपनी पत्नी से कहा, "इसकी बलि देनी होगी!" इतना सुनते ही बच्ची घबरा गई और भागने लगी। लेकिन जैसे ही उसने दरवाजे की ओर कदम बढ़ाया, उसका सिर दीवार से टकरा गया और वह बेहोश होकर गिर पड़ी।
इसी का फायदा उठाकर सोनू पंडित और उसकी पत्नी जुगनू ने मासूम का गला घोंट दिया और उसकी हत्या कर दी।
तंत्र-मंत्र की काली दुनिया: आरोपी को आते थे जिन्न के सपने
पुलिस जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी सोनू पंडित खुद को तांत्रिक बताता था। उसने अपनी पत्नी को विश्वास दिला रखा था कि जिन्नों और आत्माओं से संपर्क किया जा सकता है और इसके लिए मासूम बच्ची की बलि देना जरूरी है।
पुलिस की मानें तो इस मामले को सुलझाने के लिए 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, 200 से ज्यादा घरों में तलाशी ली गई। यहां तक कि इलाके के हर बड़े बॉक्स, पानी की टंकियों और सीवर लाइनों तक की जांच की गई। पुलिस को सबसे बड़ी सफलता तब मिली, जब उन्हें कुछ पुख्ता सुराग हाथ लगे और आरोपी की पत्नी जुगनू को हिरासत में लिया गया।
गुमशुदगी से हत्या तक: कैसे हुआ मामले का खुलासा?
23 जनवरी को जब बच्ची देर शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके परिवार वालों ने खुद उसकी तलाश शुरू की। जब कहीं कुछ पता नहीं चला, तो पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पुलिस ने सबसे पहले संदेह के आधार पर आरोपी सोनू पंडित को पूछताछ के लिए बुलाया। उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं, लेकिन कोई ठोस सबूत न होने के कारण उसे छोड़ा गया।
इसके बाद पुलिस ने सोनू पंडित के मोबाइल को सर्विलांस पर डाल दिया और इलाके में कई बार तलाशी अभियान चलाया। इसी बीच 2 फरवरी को बच्ची का शव घैला पुल के पास बरामद हुआ।
हत्या के बाद खुदकुशी, फिर हुआ बड़ा खुलासा!
इसी दिन, यानी 2 फरवरी को ही सोनू पंडित ने खुदकुशी कर ली। वह पुलिस के शक के घेरे में था और शायद उसने डर के कारण अपनी जान दे दी। इसके बाद पुलिस ने उसकी पत्नी जुगनू से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने पूरी कहानी उगल दी।
जुगनू ने कबूल किया कि हत्या के बाद दोनों ने बच्ची के शव को एक बोरी में भरा और साइकिल से घैला पुल के पास ले जाकर फेंक दिया।
आरोपी परिवार की हकीकत: चार बच्चों के माता-पिता थे हत्यारे!
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी सोनू पंडित हरदोई का रहने वाला था और उसकी पत्नी जुगनू बाराबंकी की निवासी थी। इस दंपति के चार बच्चे हैं – तीन बेटे और एक बेटी।
हत्या और खुदकुशी के बाद अब चारों बच्चे अनाथ हो गए हैं। पुलिस ने आरोपी महिला जुगनू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
लखनऊ का हत्याकांड: अंधविश्वास के जाल में फंसी मासूम की ज़िंदगी!
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की झूठी धारणाएं समाज को कितना बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। एक मासूम बच्ची को बेवजह अपनी जान गंवानी पड़ी, क्योंकि कुछ लोगों ने तंत्र-मंत्र के नाम पर पागलपन की हदें पार कर दीं।
लखनऊ पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा कर अपराधियों को जेल भेज दिया है, लेकिन यह सवाल अभी भी बरकरार है – क्या हमारा समाज अंधविश्वास के इस दलदल से कभी बाहर आ पाएगा?
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