प्रयागराज महाकुंभ में फिर लगी आग, दमकल की कई गाड़ियां मौके पर, प्रशासन में हड़कंप, आग पर काबू पाने की कोशिश जारी।
संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
प्रयागराज महाकुंभ में शुक्रवार को एक बार फिर आग लगने की बड़ी घटना सामने आई है, जिससे मेले में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आग मेला क्षेत्र के शंकराचार्य मार्ग, सेक्टर-18 में लगी, जहां साधु-संतों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद थी। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। प्रशासनिक अमला भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में है, क्योंकि इससे पहले भी 30 जनवरी को सेक्टर-22 में इसी तरह की आग लगी थी, जिसमें करीब 15 टेंट जलकर खाक हो गए थे।
महाकुंभ में क्यों लग रही बार-बार आग?
महाकुंभ मेले में लगातार आग लगने की घटनाएं प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई हैं। मेले में टेंटों की भरमार है, जहां सिलेंडर, लकड़ी और इलेक्ट्रिक वायरिंग का प्रयोग अधिक होता है। ऐसे में जरा सी चिंगारी भी भयंकर आग का रूप ले सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार,
- असुरक्षित सिलेंडर और चूल्हे – श्रद्धालु भोजन बनाने के लिए छोटे गैस सिलेंडर और लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं, जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
- ओवरलोडेड इलेक्ट्रिक वायरिंग – मेले में हजारों अस्थायी टेंट लगे हैं, जिनमें बिजली की तारें अव्यवस्थित रूप से फैली हुई हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट की संभावना रहती है।
- तेज हवा और सूखी सामग्री – प्रयागराज में इस समय मौसम शुष्क है, और तेज़ हवाओं के कारण छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग का कारण बन सकती है।
दमकल की टीम ने कैसे संभाला हालात?
जैसे ही सेक्टर-18 में आग लगने की सूचना मिली, दमकल विभाग की कम से कम 5 गाड़ियां तुरंत मौके पर भेजी गईं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि,
"हमें सूचना मिलते ही अपनी टीम को रवाना कर दिया था। आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है। संकरी गलियों के कारण दमकल की गाड़ियों को मौके तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, लेकिन फायर टेंडर्स ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रण में लिया है।"
फिलहाल, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन कई टेंट जल चुके हैं, जिससे श्रद्धालुओं और साधु-संतों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल, सुरक्षा व्यवस्था पर लापरवाही!
महाकुंभ जैसे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन में आग लगने की बार-बार हो रही घटनाओं ने प्रशासन की तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि इतने बड़े मेले में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है।
- अग्निशमन सुरक्षा उपकरणों की कमी – मेला क्षेत्र में हर जगह आग बुझाने वाले यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) नहीं रखे गए हैं।
- अस्थायी टेंटों में सुरक्षा इंतजाम नदारद – अधिकतर टेंट लकड़ी, प्लास्टिक और कपड़े से बने हैं, जो आग पकड़ने में सेकंड्स लगाते हैं।
- दमकल गाड़ियों को पहुंचने में हो रही देरी – उचित सड़कों और प्लानिंग की कमी के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को आग बुझाने में देरी हो रही है।
श्रद्धालुओं में डर का माहौल, लाखों की आस्था पर संकट!
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र गंगा स्नान और पूजन के लिए आते हैं। लेकिन बार-बार आग लगने की घटनाओं से लोगों में डर और चिंता का माहौल बन गया है। कुछ श्रद्धालु अब अपने टेंट में रहने से भी कतरा रहे हैं।
स्थानीय साधु-संतों और मेला अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती है। मेला क्षेत्र में अतिरिक्त अग्निशमन दल तैनात करने और सुरक्षा उपायों को सख्त करने की मांग उठ रही है।
क्या यह आग किसी बड़ी साजिश का हिस्सा?
कुछ संत समाज के लोगों का मानना है कि यह आग महज हादसा नहीं, बल्कि किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है। कई संतो ने कहा कि,
"हर बार एक ही पैटर्न पर आग लगना संदेहास्पद है। प्रशासन को जांच करनी चाहिए कि कहीं यह कोई साजिश तो नहीं!"
अब क्या कदम उठाएगा प्रशासन?
इस घटना के बाद प्रशासन ने अग्निशमन और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है। सभी टेंटों में फायर अलार्म और फायर एक्सटिंग्विशर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, बिजली की वायरिंग की जांच, गैस सिलेंडर के उपयोग पर प्रतिबंध और अग्निशमन टीमों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
महाकुंभ में अग्निकांड बना खतरा, सुरक्षा इंतजामों पर सवाल!
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में आग की घटनाएं श्रद्धालुओं के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही हैं। प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। अन्यथा, यह विश्वस्तरीय आयोजन आगजनी की घटनाओं के कारण विवादों में घिर सकता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन आग की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है या नहीं।
0 टिप्पणियाँ