कर्ज ने ली कोचिंग मैनेजर की जान: सुसाइड नोट में लिखा - "अब कोई रास्ता नहीं बचा"


गोरखपुर के स्टार पीएमटी कोचिंग सेंटर के मैनेजर विशाल सिन्हा ने कर्ज से परेशान होकर फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा - "अब कोई रास्ता नहीं बचा"

गोरखपुर: शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित स्टार पीएमटी ट्यूटोरियल के मैनेजर विशाल सिन्हा ने सोमवार को कोचिंग सेंटर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब सुबह कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड कोचिंग पहुंचे, तो गेट अंदर से बंद मिला। बार-बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला, जिससे शक गहरा गया। मकान मालिक को सूचना दी गई और फिर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस जब मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा, तो स्टोर रूम में विशाल सिन्हा का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला

सुसाइड नोट में 'कर्ज' को बताया सबसे बुरा शब्द

पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें मृतक ने लिखा था:

"कर्ज दुनिया का सबसे खराब शब्द है। मैं इससे बहुत परेशान हो चुका हूं। मेरी पत्नी और बच्चे, मैं तुम्हारा गुनहगार हूं। मुझे माफ कर देना। मेरे पास अब कोई और रास्ता नहीं बचा था। इसीलिए सिर्फ मैं ही जिम्मेदार हूं, किसी और को परेशान ना किया जाए।"

इस नोट से साफ पता चलता है कि विशाल सिन्हा कर्ज से बेहद परेशान थे और इसी तनाव में उन्होंने अपनी जान दे दी

सुबह कोचिंग सेंटर पहुंची टीम को हुआ शक

रोज की तरह सोमवार को जब कोचिंग सेंटर के कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड पहुंचे, तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया, जिसके बाद मकान मालिक को बुलाया गया। मकान मालिक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा और अंदर का नजारा देखकर सभी दंग रह गए। स्टोर रूम में विशाल सिन्हा का शव फंदे से लटका हुआ था। कमरे की तलाशी लेने पर वहां से सुसाइड नोट बरामद हुआ

कर्ज में डूबे थे कोचिंग मैनेजर

पुलिस जांच में सामने आया कि विशाल सिन्हा लंबे समय से कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे। संभवतः उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही थी, जिससे वह मानसिक तनाव में थे।

एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने मीडिया को बताया,

"प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। सुसाइड नोट से साफ है कि वह कर्ज को लेकर परेशान थे। हालांकि, हम अभी भी मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।"

परिवार सदमे में, इलाके में शोक की लहर

विशाल सिन्हा गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के इंद्रानगर के निवासी थे। उनके निधन की खबर से परिवार पूरी तरह सदमे में है। उनकी पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विशाल एक बहुत ही मिलनसार और मददगार इंसान थे, लेकिन शायद कर्ज के दबाव ने उन्हें तोड़ दिया।

उनकी मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। जो लोग उन्हें करीब से जानते थे, वे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया।

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।

"हम सभी संभावनाओं की जांच कर रहे हैं। अगर कोई वित्तीय लेन-देन से जुड़ी गड़बड़ी सामने आती है, तो संबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी।"पुलिस अधिकारी

आत्महत्या नहीं, समाधान ढूंढें

विशाल सिन्हा की आत्महत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आर्थिक तंगी और कर्ज से जूझ रहे लोग अपनी परेशानियों का हल निकालने के बजाय आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। भारत में कई लोग वित्तीय संकट के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, जो एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है।

अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव में है, तो तुरंत किसी करीबी, मित्र या हेल्पलाइन से संपर्क करें। आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है, बल्कि सही समय पर सही मदद लेने से जिंदगी को नया रास्ता मिल सकता है।


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