यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आसान, अभ्यर्थियों ने जताई खुशी; प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर पुलिस की सख्ती, ईको गार्डन भेजा।
लखनऊ: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की पहली पाली की परीक्षा आज राज्य के 67 जिलों में आयोजित की गई, जिसमें करीब 9 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया। 1174 केंद्रों पर हुई इस परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार का पेपर पिछले साल की तुलना में काफी आसान था। हालांकि, तार्किक सवालों ने कुछ समय अवश्य लिया, लेकिन कुल मिलाकर परीक्षा संतोषजनक रही।
राजधानी के इस्लामिया कॉलेज में परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों का कहना था कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार के पेपर में सवाल अधिक सरल थे, जिससे उनकी तैयारी को भी फायदा हुआ। हालांकि, कुछ सवाल छूट गए, क्योंकि तार्किक सवालों में ज्यादा समय लग गया। फरवरी में हुई परीक्षा में जहां तार्किक सवाल अधिक थे, वहीं इस बार सामान्य ज्ञान (जीएस) के सवालों ने अभ्यर्थियों को चुनौती दी।
लखनऊ में पहली पाली में हुए पेपर में कांग्रेस, साइबर सुरक्षा और सोशल मीडिया से जुड़े सवाल पूछे गए। पेपर में पूछा गया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी? इसके अलावा, गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर में से कौन सा प्लेटफार्म सोशल मीडिया का हिस्सा नहीं है, जैसे सवाल भी थे। साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों में कैटफिशिंग, स्मिशिंग, और इमेज फिशिंग जैसे सवाल शामिल थे, जिनसे अभ्यर्थियों को नए दृष्टिकोण से सोचने पर मजबूर किया।
इस बीच, लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से संबंधित मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने ईको गार्डन भेज दिया। चार दिन से चल रहे इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को नोटिस थमाया और विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे कुछ प्रमुख लोगों को नोटिस देकर उन्हें बसों में भरकर ईको गार्डन भेजा गया।
पुलिस ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया कि पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। इको गार्डन में पहुंचने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जारी रखा है। पुलिस का कहना है कि बेसिक शिक्षा निदेशालय और परीक्षा केंद्रों के आसपास शोर और यातायात बाधित होने से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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