उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। आयोग को अपनी जांच पूरी करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।
सरकार ने आयोग को पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इसमें कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा जिला प्रशासन से प्राप्त अनुमति और उसकी शर्तों के अनुपालन की जांच शामिल है। इसके अलावा, यह दुर्घटना है या किसी षडयंत्र का हिस्सा, इसकी भी जांच की जाएगी।
आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त डीजी भवेश कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है। आयोग को यह भी देखना होगा कि घटना के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या प्रबंध किए थे।
आयोग के कार्य
1. अनुमति और शर्तों की जांच: आयोजकों द्वारा जिला प्रशासन से प्राप्त अनुमति और उसकी शर्तों का पालन हुआ या नहीं।
2. दुर्घटना या षडयंत्र: यह घटना एक दुर्घटना है या किसी षडयंत्र का हिस्सा है, इसकी जांच।
3. कानून-व्यवस्था प्रबंधन: जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा किए गए कानून-व्यवस्था के प्रबंध।
4. कारण और परिस्थितियों का परीक्षण: किन कारणों और परिस्थितियों में यह घटना हुई।
5. भविष्य के सुझाव: ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव देना।
इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि आयोग अपनी रिपोर्ट दो माह में सौंपेगा, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार इस अवधि में परिवर्तन कर सकती है।
हाथरस हादसे की गहन जांच के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन कर गंभीरता दिखाई है। उम्मीद की जा रही है कि आयोग अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करेगा ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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