हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे में मृतकों की संख्या 120 के पार पहुंच चुकी है। इस हादसे का केंद्र स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि हैं, जिनका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। हालाँकि, इस मामले में एक के बाद एक कई नए खुलासे हो रहे हैं। अब यह पता चला है कि बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए महिला और पुरुष गार्डों की एक टीम बनाई थी, जिसे 'नारायणी सेना' नाम दिया गया था।
बाबा की सुरक्षा व्यवस्था: 'नारायणी सेना'
बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित गार्डों की एक टीम बनाई थी, जिसे 'नारायणी सेना' कहा जाता था। यह सेना आश्रम से लेकर प्रवचन स्थल तक बाबा की सुरक्षा और सेवा करती थी। सुरक्षा में लगे सेवादार एक विशेष ड्रेस कोड पहनते थे, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हो सके।
- सेना का कार्य : नारायणी सेना बाबा की सुरक्षा सुनिश्चित करती थी और सभी कार्यक्रम स्थलों पर व्यवस्था बनाए रखती थी।
- ड्रेस कोड: सुरक्षा में लगे सेवादार विशेष ड्रेस कोड में होते थे।
- पुलिस सहयोग: बाबा के कई शिष्य पुलिस में हैं, जो सत्संग के दौरान छुट्टी लेकर आते थे और बाबा की फ्लीट को एस्कॉर्ट करते थे।
सत्संग की व्यवस्था और विशेष रास्ता
भोले बाबा के सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में होती थीं। बाबा के आने से पहले ही स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते थे और सभी तैयारियों को अंतिम रूप देते थे। बाबा के लिए प्रवचन स्थल तक एक अलग रास्ता भी बनाया गया था, जिस पर केवल बाबा का काफिला ही जा सकता था।
पुलिस की दबिश
बाबा की तलाश में पुलिस कई जगहों पर दबिश दे रही है, जिसमें बदायूं, फर्रुखाबाद, हाथरस, अलीगढ़, कासगंज, और एटा शामिल हैं। इस सम्मेलन का आयोजन मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति की ओर से किया गया था। इस समिति के प्रभारी देव प्रकाश मधुकर (इंजीनियर) थे, और उनके साथ मुख्य कर्ता-धर्ता में महेश चंद्र, अनार सिंह, संजू यादव, चंद्रदेव, और रामप्रकाश शामिल हैं।
हाथरस हादसे के बाद बाबा की सुरक्षा व्यवस्था और 'नारायणी सेना' का रहस्य सामने आने से मामले में नई परतें जुड़ रही हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार इस मामले की तहकीकात कर रही हैं और बाबा की तलाश जारी है।
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