आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर साधा निशाना: क्या कांग्रेस से बढ़ती दूरी बीजेपी की ओर इशारा है?




नई दिल्ली: आचार्य प्रमोद कृष्णम, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बधाई न देने पर प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी की आलोचना की है। कृष्णम ने कहा, “मुहब्बत की दुकान में इतनी नफरत की बधाई का एक ट्वीट भी नहीं किया गया।” प्रमोद कृष्णम ने खुद प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया और इसे भारत के लिए एक गर्वित क्षण बताया। 

राहुल गांधी पर निशाना

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रमोद कृष्णम ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा, “एक बार फिर ब्रह्मांड में गूंजी वह आवाज ‘मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी’ और बस शपथ हो गई ‘खटाखट’।“ इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया और कई सवाल खड़े कर दिए कि क्या प्रमोद कृष्णम अब बीजेपी की ओर रुख कर रहे हैं।

बीजेपी के प्रति झुकाव

पिछले कुछ दिनों से प्रमोद कृष्णम के बयान और उनके कार्य यह संकेत दे रहे हैं कि उनका झुकाव अब बीजेपी की ओर बढ़ रहा है। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनकी नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की। इसके अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी प्रमोद कृष्णम ने उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकातें और बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से दूर और बीजेपी के करीब होते जा रहे हैं।

अन्नामलाई के समर्थन में बयान

प्रमोद कृष्णम ने भारतीय जनता पार्टी के नेता के अन्नामलाई के एक भावुक वीडियो पर भी प्रतिक्रिया दी। अन्नामलाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह भाषण देते हुए रो पड़ते हैं। प्रमोद कृष्णम ने इस पर ट्वीट किया, “यह आंसू बेकार नहीं जाएंगे के अन्नामलाई एक दिन सैलाब बनेंगे और डीएमके के साम्राज्य को डुबोकर रख देंगे।” इस बयान ने प्रमोद कृष्णम के बीजेपी समर्थक होने के संकेत और भी मजबूत कर दिए हैं।

कांग्रेस के लिए चिंता का विषय

प्रमोद कृष्णम के बयानों और क्रियाओं ने कांग्रेस के भीतर चिंता बढ़ा दी है। एक वरिष्ठ नेता का इस तरह से बीजेपी की ओर रुख करना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। खासकर ऐसे समय में जब कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में है। प्रमोद कृष्णम के इस रुख से कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में भी हलचल मच गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटेगी।

निष्कर्ष

आचार्य प्रमोद कृष्णम का कांग्रेस से बढ़ता दूरी और बीजेपी की ओर झुकाव कांग्रेस के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। प्रमोद कृष्णम के बयानों और क्रियाओं ने यह साफ कर दिया है कि वे अब बीजेपी के करीब होते जा रहे हैं। यह बदलाव कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर सकता है और आने वाले समय में इसके और भी गहरे राजनीतिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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