लखीमपुर खीरी हत्या कांड: 25 घंटे बाद JCB से खोदी गईं दोनों बहनों की कब्र, की गईं दफन



संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

लखीमपुर खीरी जिले के निघान क्षेत्र के गांव की दो बहनों की रेप के बाद हत्या वाले मामले में शवों का अंतिम संस्कार कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि अंतिम संस्कार के लिए पुलिस ने पहले से इंतजाम कर रखा था। दोपहर बाद लखीमपुर से शवों के घर पहुंचने के बाद से ही अफसर उनका अंतिम संस्कार कराने के लिए परिजनों से कह रहे थे। घरवालों ने डीएम और एसपी से बात करने के बाद करीब 25 घंटे के बाद गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे दोनों बहनों के शवों को दफना दिया गया।

गुरुवार अपरान्ह करीब दो बजे पोस्टमार्टम के बाद दोनों बहनों के शव उनके घर वापस आए। पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने दफनाने या आग देकर उनके अंतिम संस्कार के दोनों विकल्पों के लिए जेसीबी और लकड़ियां आदि पहले से मंगवा रखी थीं। घरवालों और रिश्तेदारों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। पहले तो परिवारीजनों ने कहा कि उनकी कोई मांग नहीं है वह इस मामले में विस्तृत जांच चाहते हैं। बाद में वे मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को उसकी शिक्षा के मुताबिक नौकरी की मांग करने लगे। अफसर लगातार उनको मनाने में जुटे थे। एसडीएम, सीओ, कोतवाल और कई अन्य अफसर उनको समझा रहे थे। काफी देर चली बहस के बावजूद वे राजी नहीं हो रहे थे। 

शाम को डीएम और एसपी से बातचीत होने के बाद उनको अनुसूचित जाति की महिला से रेप के कारण मिलने वाली मुआवजा धनराशि और रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत नियमों के अनुसार अनुमन्य धनराशि और आवास आदि देने का आश्वासन मिलने पर शाम करीब साढ़े पांच बजे परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए। अफसरों ने गांव के पास ही बने मुक्तिधाम में आनन-फानन में जेसीबी से दो गड्ढे खुदवाकर शवों को दफन करवाया। इस दौरान भारी फोर्स मौके पर मौजूद रही। अंतिम संस्कार होते ही डीएम और एसपी मुख्यालय के लिए रवाना हो गए। डीएम ने बताया कि उनके परिवार की पूरी सहायता की जाएगी। उनकी ओर से जो मांग पत्र मिलेगा उसे शासन को भेजा जाएगा। मुआवजे की राशि जल्दी से जल्दी उन्हें दी जाएगी।

निघासन कांड टाइमलाइन

बुधवार शाम 5 बजे- तीन युवक दोनों किशोरियों को ले गए।
5:45 बजे- किशोरियों के शव खेत में पेड़ से लटके मिले।
6:10 बजे- कोतवाल समेत पुलिसकर्मी और पत्रकार मौके पर पहुंचे।
7 बजे- ग्रामीणों और पुलिस के बीच कहासुनी हुई। पुलिस ने एंबुलेंस से शवों को भेजा।
7:10 बजे- ग्रामीण निघासन पहुंचे और मेन चौराहे को जाम कर दिया।
7:15- सीओ और कोतवाल आदि ने लोगों को समझाने की कोशिश की।
7:25- एसपी संजीव सुमन चौराहे पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की।
7:40- ग्रामीणों ने जाम हटाया। कोतवाली के पास तहसील के सामने पहुंचे। वहां मौजूद एडीएम संजय सिंह और एसडीएम राजेश कुमार आदि अफसरों ने उनको समझाने की कोशिश की।
8 बजे- मां ने गांव के छोटू पर बेटियों का मरवाने का आरोप अफसरों के सामने लगाया।
9 बजे- अफसरों और परिजनों के बीच बात नहीं बनी। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते ग्रामीण फिर चौराहे पहुंचे और मां को सड़क पर लिटाकर दुबारा जाम लगा दिया।
9:45 बजे- आईजी लक्ष्मी सिंह चौराहे पर पहुंचीं और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।
9:50 बजे- आईजी लक्ष्मी सिंह निघासन से घटनास्थल के लिए रवाना हुईं।
11 बजे- आईजी के समझाने के बाद ग्रामीण परिजनों के साथ कोतवाली पहुंचे।
12:40 बजे- मां की तरफ से एसपी संजीव सुमन को तहरीर दी गई।
2:30 बजे- रिपोर्ट दर्ज करके कापी परिवार को दी गई। परिजन घर चले गए।
गुरुवार 9 बजे- एसपी संजीव सुमन ने प्रेस कांफ्रेंस करके घटना का खुलासा किया। छह आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
10 बजे- शवों को डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया।
2 बजे- शव पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचे। परिवार के सुपुर्द किए गए।
2:30 बजे- परिजनों ने मांगें रखते हुए शवों का अंतिम संस्कार करने से मना किया।
5 बजे तक अफसरों से परिजनों की वार्ता चली।
5:30 बजे- अफसरों के आश्वासन के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

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