बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ फतेहगंज पश्चिमी कस्बे में स्थित रबड़ फैक्ट्री की 1380 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में 20 अगस्त को सुनवाई होगी। बॉम्बे हाई कोर्ट में पैरवी के लिए एडीएम फाइनेंस संतोष बहादुर सिंह की अगुवाई में तीन अफसरों की टीम गुरुवार को मुंबई रवाना हो गई। करीब 23 साल से बंद रबड़ फैक्ट्री की 1380 एकड़ जमीन को वापस लेने के लिए सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है डीआरटी लखनऊ ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था रबड़ फैक्ट्री को लोन देने वाली एजेंसियां अल्केमिस्ट ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी प्रदेश सरकार बाद में पक्षकार बनी कोरोना की वजह से करीब 2 साल से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी प्रशासन पहले ही बॉम्बे हाई कोर्ट में सरकार के अधिवक्ता को दस्तावेज मुहैया करा चुका है अधिकारियों के मुताबिक बॉम्बे हाई कोर्ट रबड़ फैक्ट्री के मालिकाना हक का फैसला भी सुना सकता है।
देनदारियों को लेकर हो चुकी मीटिंग _ पिछले महीने 5 जुलाई को कर्मचारियों की देनदारियों को लेकर मुंबई हाई कोर्ट के ऑफिशियल लिक्विडेटर ने सभी पक्षों के साथ मुंबई में मीटिंग की थी कर्मचारियों ने ऑफिशियल लिक्विडेटर के सामने देनदारियों के सबूत पेश किए थे।
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| मीरगंज विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा |
फतेहगंज पश्चिमी रबड़ फैक्ट्री प्रकरण में _ मीरगंज विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा ने विधानसभा में रबड़ फैक्ट्री की 1380 एकड़ जमीन को वापस लेने और कर्मचारियों की देनदारियों को लेकर के आवाज उठाई और रबड़ फैक्ट्री की जमीन पर उद्योग लगाने की मांग की थी।
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| व्यापार मंडल अध्यक्ष आशीष अग्रवाल |
भाजपा नेता व्यापार मंडल अध्यक्ष आशीष अग्रवाल भी रबड़ फैक्ट्री प्रकरण में कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं मंत्रियों से मिलकर रबड़ फैक्ट्री की जमीन पर उद्योग लगाने की मांग कर चुके हैं,
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| भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय चौहान |
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| वरिष्ठ व्यापारी भाजपा नेता सचिन चौहान |
रबड़ फैक्ट्री प्रकरण में _ रबड़ फैक्ट्री की 1380 एकड़ जमीन के मामले में स्थानीय भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय चौहान, कस्बे के वरिष्ठ व्यापारी भाजपा नेता सचिन चौहान, कांग्रेश जिला सचिव डॉ मुदित प्रताप सिंह का कहना है मुंबई हाई कोर्ट रबड़ फैक्ट्री प्रकरण में जल्द से जल्द सुनवाई कर समाप्ति की ओर बढ़े जिससे फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज तहसील के युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके, किसी को भी रोजगार के लिए बाहर ना जाना पड़े, और मुंबई हाई कोर्ट अपने फैसले में रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों के सा वेतन अवकाश पर भेजे गए सभी कर्मचारियों का रुपया मैं ब्याज के दिलाया जाए, और रबड़ फैक्ट्री बंद होने के बाद कई कर्मचारियों की मौत होने के कारण उनके परिजनों को उनका रूपया दिलाया जाए, और जल्द से जल्द रबड़ फैक्ट्री की जमीन पर उद्योग लगाए जाएं जिससे लोगों को रोजगार मिल सके।
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