दिल्ली में इस वर्ष डेंगू के मामले पिछले छह साल में सर्वाधिक हैं। मानसून में होने वाले जलभराव की वजह से मच्छरों की उत्पत्ति और बढ़ रही है। वहीं, निगम मामलों की रोकथाम करने में असफल साबित हो रहा है। इस वर्ष जनवरी से लेकर दो जुलाई तक राजधानी में डेंगू के 143 मामले आ चुके हैं। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि डेंगू से अब तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। उनका कहना है कि डेंगू के मामले रोकने के लिए इंतजाम और जुर्माने की कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
दिल्ली नगर निगम घरों में डेंगू का मच्छर पाए जाने पर 100 से 500 रुपये का चालान करता है। लेकिन, अभी घरों पर यह कार्रवाई कम की जा रही है। निगम का कहना है कि इन दिनों निर्माण स्थलों पर कड़ा रुख अपनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है इस सख्त कार्रवाई के तहत कड़कड़डूमा में पीएनएससी कंस्ट्रक्शन कंपनी का एक लाख रुपये का चालान किया गया है। साथ ही कड़कड़डूमा इंस्टीटयूशनल एरिया में मच्छरों का प्रजनन पाए जाने पर एस.ए.एम.बिल्डवेल की ओर से संचालित निर्माण स्थल पर मच्छरों का प्रजनन पाए जाने पर 50 हजार रुपये का चालान किया गया है। अभिलाषा एंटरप्राइजेज का 10 हजार रुपये का चालान किया गया।
निगम की ओर से किये गए इंतजाम
आपके घर और आसपास बीमारी फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा पाए जाने पर आपको मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर दिल्ली सरकार जुर्माने की रकम बढ़ाने पर विचार कर रही है। न्यायालय ने 27 मई को सरकार को मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपायों के तौर पर कानून में संशोधन करने और जुर्माने की मौजूदा रकम 500 रुपये को बढ़ाकर 50 हजार रुपये तक करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने का आदेश दिया था। साथ ही मौके पर चालान करने का प्रावधान भी करने को कहा था। सभी के प्रस्तावों और न्याय मित्र के सुझाव के बाद न्यायालय ने यह आदेश दिया।
कोर्ट में किसने क्या प्रस्ताव दिए
एनडीएमसी: नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने न्यायालय से कहा कि लार्वा मिलने पर जुर्माने की मौजूदा रकम 500 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही कहा कि दोषी पाए जाने पर मौके पर जुर्माना लगाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार: दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील सत्यकाम ने पीठ को बताया था कि मौजूदा जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
नगर निगम: नगर निगम ने न्यायालय को बताया था कि जुर्माने की रकम 500 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन मौके पर जुर्माना लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं किया था।


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