एनएपीएम ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी का निंदा करते हुए विरोध किया



रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी। राजातालाब, जन आंदोलन की राष्ट्रीय समन्वयन ने शनिवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुम्बई में हिरासत में लिए जाने का विरोध किया और मनमानी पर सवाल उठाए।

सोमवार को आराजीलाईन ब्लाक के समक्ष स्थित मनरेगा मज़दूर यूनियन के सभागार में कार्यकर्ताओं ने हाथों में सितलवाड़ के समर्थन में तख़्तियाँ लेकर इस मनमानी के खिलाफ नारेबाज़ी की इस दौरान एनएपीएम राज्य समन्वयक सुरेश राठौर ने कहा कि तीस्ता को तुरंत रिहा करो और भारतीय नागरिक समाज और मानवाधिकार रक्षकों के उत्पीड़न को समाप्त करने की मांग की है। राठौर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ यह कार्रवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद हुई है।

मनरेगा मज़दूर यूनियन की सह संयोजिका रेनू पटेल ने आरोप लगाया कि सीतलवाड़ की गिरफ्तारी सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले नागरिकों के लिए यह ‘‘अशुभ खतरा’’ है कि वे किसी राज्य या सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने की हिमाकत न करें, जिसके कार्यकाल में साम्प्रदायिक हिंसा हुई हो।

श्रद्धा देवी ने कहा कि ‘‘यह नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर घृणित कार्रवाई है। हालांकि, प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ के उस संदिग्ध फैसले के बाद की गयी, जिसमें शिकायकर्ता को आरोपी बना दिया गया।’’

इस दौरान सुरेश राठौर, पूजा, रेनु, श्रद्धा, कविता, रीना, निशा, प्रियंका, ख़ुश्बु, मुस्तफ़ा, लक्ष्मी, पूनम, प्रीति, उजाला, आँचल, अजय। जनकनंदनी, सीता आदि शामिल थे।

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